रांची: झारखंड में ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy in Jharkhand) को संभालने में मनरेगा की योजनाओं ने अहम भूमिका निभाई है. कोरोना काल (Corona Period) में भी मनरेगा की योजनाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) सुदृढ़ हुई है. यही वजह है कि झारखंड में रिकॉर्ड मानव दिवस का सृजन हुआ है.
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अब लंबित योजनाओं को जल्द पूरा करने के साथ-साथ महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए मनरेगा में रिक्त पदों को अविलंब भरना जरूरी है. मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी (MGNREGA Commissioner Rajeshwari B) ने सभी उप विकास आयुक्तों के साथ मनरेगा की ऑनलाइन समीक्षा के दौरान यह बातें कहीं है. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि मनरेगा के तकरीबन 1500 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाए, इससे ना सिर्फ रोजगार मिलेगा बल्कि लंबित योजनाएं तेजी से पूरी होंगी.
आपको बता दें कि झारखंड में मनरेगा (MGNREGA in Jharkhand) की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विशेष कार्य पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, रोजगार सेवक, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, सहायक वन संरक्षक, सहायक और कंप्यूटर प्रोग्रामर की अहम भूमिका होती है. लेकिन लंबे समय से करीब 1500 पद रिक्त हैं. दूसरी तरफ कोरोना काल में सेवा देते हुए 10 मनरेगा कर्मियों की मौत भी हो चुकी है.
हर गांव में कम से कम पांच योजनाएं
समीक्षा बैठक के दौरान मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि मनरेगा का मकसद है, ग्रामीणों को उनके घर में ही रोजगार उपलब्ध कराना. इसलिए अब हर गांव में कम से कम पांच योजनाएं संचालित की जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा रोजगार का सृजन हो. उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारियों को कहा कि ग्रामीणों को गांव में रोजगार मिलने से पलायन भी रुकेगा, अगर इसे नजरअंदाज किया गया तो जवाबदेही भी तय की जाएगी. मनरेगा आयुक्त ने सभी लंबित योजनाओं को 1 सप्ताह के अंदर पूरा करने और श्रमिकों को ससमय मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है.
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दीदी बाड़ी, दीदी बगिया, टीसीबी समेत अन्य योजनाओं की धीमी रफ्तार पर मनरेगा आयुक्त (MGNREGA Commissioner) ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने मनरेगा कार्यों के स्थल निरीक्षण करने समेत अन्य कई दिशा निर्देश दिए. मसलन, मनरेगा श्रमिकों के रिजेक्टेड खाता को दुरुस्त करने के अलावा शत-प्रतिशत योजना के जिओ टैगिंग करना है. मनरेगा आयुक्त ने मनरेगा में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागदारी सुनिश्चित करने और सभी योजनाओं में सिर्फ महिला मेट को निबंधित करने का भी निर्देश दिया है.