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रांचीः पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप, राज्यपाल से लेकर एसएसपी तक शिकायत - रांची में दो पक्षों में विवाद का मामला

रांची के जगन्नाथपुर में महिला ने पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है. दरअसल, किसी मामले को लेकर दो पक्षों में झड़प हो गई थी जिसमें महिला का कहना है कि उसके पक्ष के साथ नाइंसाफी की गई. जिसके बाद महिला ने इसकी शिकायत एसएसपी से की और इसकी प्रतिलिपि राज्यपाल, गृहमंत्री समेत अन्य अधिकारियों को दी.

woman accused jagannathpur Police for being bias in ranchi
जगन्नाथपुर थाना
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Published : Jun 12, 2020, 10:13 AM IST

रांचीः राजधानी के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के सेक्टर दो की रहने वाली महिला अर्चना देवी ने जगन्नाथपुर थाना की पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाया है. जिसमें महिला ने बताया है कि दोनाें पक्ष से मारपीट की घटना में सिपाही के पक्ष में कार्रवाई की गई है और उनके पक्ष के लोगों को जेल भेज दिया गया. वहीं, सिपाही पक्ष पर किए गए एफआइआर में जमानतीय धाराएं लगाई गईं हैं. इससे संबंधित शिकायत एसएसपी से की गई है. जबकि इसकी प्रतिलिपि राज्यपाल, गृहमंत्री, उपायुक्त, सिटी एसपी, सांसद और विधायक को भी दी गई है. जिसमें न्याय की गुहार लगाते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है.

ये भी पढ़ें-वनों की कटाई करने वाले हाथ अब कुल्हाड़ी छोड़ धरती बचाने में जुटे, सारंडा के जंगल में बनाए गए 4500 चेक डैम

क्या है मामला

महिला के अनुसार बीते 10 मई की शाम उनके घर पहुंचकर सत्यानारायण साहू अपने बेटे और दामाद ने गाली-गलौज कर मारपीट शुरु कर दी. इसी क्रम में 25 से 30 अज्ञात आरोपियों ने टांगी, फरसा, रॉड, लाठी के साथ नशे में धुत्त होकर मारपीट की. इसमें महिला के पति हंसराज सिंह राठौर का सिर फट गया था. महिला के पुत्र शेर सिंह, राजा सिंह और ब्रजेश कुमार को भी चोटें आईं थीं.

थाने से ही भेज दिया था जेल

मारपीट के बाद 11 मई की सुबह पीड़ित महिला के पुत्र ने जगन्नाथपुर थाना पहुंचकर एसआई भरत प्रसाद को एफआइआर के लिए आवेदन दिया था. लेकिन केस उस वक्त दर्ज नहीं किया गया. जगन्नाथपुर थाना प्रभारी अभय कुमार सिंह और हटिया एएसपी विनीत कुमार ने हंसराज सिंह राठौर, जयंत सिंह उर्फ शेर सिंह, मंगेश कुमार उर्फ राजा सिंह और ब्रजेश कुमार से पूछताछ की थी.

इधर मामले में रात करीब दस बजे प्राथमिकी दर्ज की गयी. वहीं, प्राथमिकी में आइपीसी की धारा 307 नहीं लगाई गयी. महिला का आरोप है कि प्राथमिकी दर्ज कराने पहले पहुंचने के बावजूद दूसरे पक्ष की प्राथमिकी पहले दर्ज की गई. इसके दूसरे दिन 12 मई को महिला के तीनों बेटों को जेल भेज दिया गया. घटना के करीब एक माह होने के बावजूद दूसरे पक्ष पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

वहीं, मामला सामने आने के बाद रांची के सीनियर एसपी ने पूरे मामले की जांच का जिम्मा सिटी एसपी को दिया है. सीनियर एसपी के अनुसार जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. फिलहाल दोनों एफआईआर में आए तथ्यों को देखा जा रहा है.

रांचीः राजधानी के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के सेक्टर दो की रहने वाली महिला अर्चना देवी ने जगन्नाथपुर थाना की पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाया है. जिसमें महिला ने बताया है कि दोनाें पक्ष से मारपीट की घटना में सिपाही के पक्ष में कार्रवाई की गई है और उनके पक्ष के लोगों को जेल भेज दिया गया. वहीं, सिपाही पक्ष पर किए गए एफआइआर में जमानतीय धाराएं लगाई गईं हैं. इससे संबंधित शिकायत एसएसपी से की गई है. जबकि इसकी प्रतिलिपि राज्यपाल, गृहमंत्री, उपायुक्त, सिटी एसपी, सांसद और विधायक को भी दी गई है. जिसमें न्याय की गुहार लगाते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है.

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क्या है मामला

महिला के अनुसार बीते 10 मई की शाम उनके घर पहुंचकर सत्यानारायण साहू अपने बेटे और दामाद ने गाली-गलौज कर मारपीट शुरु कर दी. इसी क्रम में 25 से 30 अज्ञात आरोपियों ने टांगी, फरसा, रॉड, लाठी के साथ नशे में धुत्त होकर मारपीट की. इसमें महिला के पति हंसराज सिंह राठौर का सिर फट गया था. महिला के पुत्र शेर सिंह, राजा सिंह और ब्रजेश कुमार को भी चोटें आईं थीं.

थाने से ही भेज दिया था जेल

मारपीट के बाद 11 मई की सुबह पीड़ित महिला के पुत्र ने जगन्नाथपुर थाना पहुंचकर एसआई भरत प्रसाद को एफआइआर के लिए आवेदन दिया था. लेकिन केस उस वक्त दर्ज नहीं किया गया. जगन्नाथपुर थाना प्रभारी अभय कुमार सिंह और हटिया एएसपी विनीत कुमार ने हंसराज सिंह राठौर, जयंत सिंह उर्फ शेर सिंह, मंगेश कुमार उर्फ राजा सिंह और ब्रजेश कुमार से पूछताछ की थी.

इधर मामले में रात करीब दस बजे प्राथमिकी दर्ज की गयी. वहीं, प्राथमिकी में आइपीसी की धारा 307 नहीं लगाई गयी. महिला का आरोप है कि प्राथमिकी दर्ज कराने पहले पहुंचने के बावजूद दूसरे पक्ष की प्राथमिकी पहले दर्ज की गई. इसके दूसरे दिन 12 मई को महिला के तीनों बेटों को जेल भेज दिया गया. घटना के करीब एक माह होने के बावजूद दूसरे पक्ष पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

वहीं, मामला सामने आने के बाद रांची के सीनियर एसपी ने पूरे मामले की जांच का जिम्मा सिटी एसपी को दिया है. सीनियर एसपी के अनुसार जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. फिलहाल दोनों एफआईआर में आए तथ्यों को देखा जा रहा है.

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