रांची: झारखंड में एक आईएएस ऑफिसर(IAS officer) की पोस्टिंग की खूब चर्चा हो रही है. बात ही कुछ ऐसी है. आईएएस अफसर (IAS officer) का नाम है राजेश्वरी बी( Rajeshwari B). 5 जुलाई की शाम तक झारखंड की उपराजधानी दुमका की डीसी थी. दुमका में बतौर उपायुक्त उनकी छवि और काम का तरीका सराहनीय रहा था. 5 जुलाई की शाम राजेश्वरी बी का तबादला हो गया. उन्हें झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन सोसायटी(Jharkhand State Livelihood Promotion Society) का मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बना दिया गया.
![Rajeshwari B was posted twice in 48 hours](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12387801_rajeshwari2-2.png)
राज्य आजीविका संवर्धन सोसायटी का मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के अलावा राजेश्वरी बी को झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दे दी गई. लेकिन इस आदेश के महज 48 घंटे के भीतर यानी 7 जुलाई की शाम कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की तरफ से एक और अधिसूचना जारी हुई. जिसमें राजेश्वरी बी के ट्रांसफर आर्डर को विलोपित करते हुए उन्हें मनरेगा आयुक्त बना दिया गया.
![नोटिफिकेशन](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12387801_rajeshwari2-1.png)
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सबसे खास बात है कि 2014 बैच के आईएएस अफसर वरुण रंजन को कुछ दिन पहले ही मनरेगा आयुक्त बनाया गया था, लेकिन 5 जुलाई को उन्हें पाकुड़ का उपायुक्त बना दिया गया. आपको बता दें कि कोरोना काल में झारखंड की ग्रामीण व्यवस्था को संभालने में मनरेगा की योजनाओं की अहम भूमिका रही है. इस पद पर वरुण रंजन के आने से पहले भारतीय वन सेवा के सिद्धार्थ त्रिपाठी सेवारत थे. वह ऐसे पहले अफसर हैं जिन्होंने मनरेगा आयुक्त के पद पर सबसे लंबे समय तक सेवा दी. लेकिन उनके जाते ही महज कुछ दिन के भीतर मनरेगा आयुक्त के पद पर 2 आईएएस अफसरों की पोस्टिंग हो गई.