रांचीः सही मायने में देश में लॉन बॉल (Lawn Bowls) की शुरुआत करने का श्रेय झारखंड को जाता है और बर्मिंघम में भारतीय लॉन बॉल टीम ने 17-10 से साउथ अफ्रीका को हराकर यह साबित भी कर दिया है. झारखंड की दो बेटियों का इस जीत में अहम भूमिका रही है. ईटीवी भारत की टीम ने लवली चौबे के परिवार के साथ खास बातचीत की है.
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भारतीय लॉन बॉल टीम (Indian Lawn ball team) में शामिल लवली चौबे झारखंड पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं. गांधीनगर में उनके माता-पिता रहते हैं और पति अरविंद कुमार भी गांधीनगर में ही रहते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने लवली चौबे के पिता मदन चौबे और माता शैली देवी के साथ-साथ उनके पति अरविंद कुमार से भी खास बातचीत की है. लवली की मां शैली देवी कहती है कि लवली को बचपन से ही खेल के प्रति रुचि था. काफी संघर्ष के बाद उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया है. उन्होंने कहा कि समाज का ताना, आर्थिक परेशानी और कई रुकावट के बदौलत उन्होंने खेल को ही सर्वोपरि रखा. फिर शादी के बाद पति का भी पूरा सहयोग मिला.
शैली देवी कहती है कि पहली बार गोल्ड मेडल (Gold Medal) लॉन बॉल में भारत को मिला है. उन्होंने कहा कि छठी मैया से भी मन्नत मांगी थी कि अगर भारतीय लॉन बॉल में गोल्ड मेडल जीतकर आती है तो इस वर्ष छठ पूजा करेंगी. छठी मइया बात सुन ली. लवली के पति अरविंद कुमार कहते हैं कि विपरीत परिस्थिति में भी लवली कफी अभ्यास करना नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा कि पारिवारिक समस्याओं की वजह से लवली खेल को छोड़ना चाहती थी. लेकिन लवली को हौसला को बढ़ाया, ताकि एक मौका और कोशिश करें. आज गोल्ड मेडल जीती है. इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है.