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बड़कागांव गोली कांड से जुड़े मामले में फैसला सुरक्षित, बढ़ सकती हैं पूर्व मंत्री की मुश्किलें

बड़कागांव गोली कांड से जुड़े मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस मामले में अपर न्यायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

Verdict reserved in case of former minister Yogendra Sao related to Barkagaon shoot out case
बड़कागांव गोली कांड से जुड़े मामले में फैसला सुरक्षित
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Published : Mar 8, 2022, 8:20 PM IST

Updated : Mar 8, 2022, 9:53 PM IST

रांची: बड़कागांव गोली कांड से जुड़े मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस मामले में अपर न्यायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब अदालत 22 मार्च को फैसला सुनाएगी. बड़कागांव गोली कांड से जुड़ा यह मामला साल 2016 में दर्ज किया गया था. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

ये भी पढ़ें-ग्रामीण विकास विभाग का बजट ध्वनि मत से पारित, विधायक मद की राशि बढ़ाने के सरकार ने दिए संकेत

बता दें कि पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी ने स्थानीय ग्रामीणों संग साल 2015 में एनटीपीसी के खिलाफ बड़कागांव में कफन सत्याग्रह किया था. पुलिस प्रशासन लगातार उसे खत्म कराने की कोशिश कर रहा था. कई दौर की बातचीत भी हुई. लेकिन प्रशासन को सफलता नहीं मिली. आन्दोलनकारियों ने खनन कार्य में लगी मशीनों को रोक दिया था. जिसके बाद बड़कागांव इलाके की विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस पर गुस्साए ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया.

इसी बीच गांव वाले निर्मला देवी को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर ले गए. बाद में पुलिस और ग्रामीणों में झड़प हो गई. पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया. बाद में पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी.जिसमे कई गांव वालों की मौत भी हुई.इस मामले में प्रशासन द्वारा 2 दर्जन से अधिक मामले दर्ज कराए गए थे. जिसमें से 11 मामलो में योगेंद्र साव बरी हो चुके हैं.

रांची: बड़कागांव गोली कांड से जुड़े मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस मामले में अपर न्यायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब अदालत 22 मार्च को फैसला सुनाएगी. बड़कागांव गोली कांड से जुड़ा यह मामला साल 2016 में दर्ज किया गया था. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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बता दें कि पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी ने स्थानीय ग्रामीणों संग साल 2015 में एनटीपीसी के खिलाफ बड़कागांव में कफन सत्याग्रह किया था. पुलिस प्रशासन लगातार उसे खत्म कराने की कोशिश कर रहा था. कई दौर की बातचीत भी हुई. लेकिन प्रशासन को सफलता नहीं मिली. आन्दोलनकारियों ने खनन कार्य में लगी मशीनों को रोक दिया था. जिसके बाद बड़कागांव इलाके की विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस पर गुस्साए ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया.

इसी बीच गांव वाले निर्मला देवी को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर ले गए. बाद में पुलिस और ग्रामीणों में झड़प हो गई. पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया. बाद में पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी.जिसमे कई गांव वालों की मौत भी हुई.इस मामले में प्रशासन द्वारा 2 दर्जन से अधिक मामले दर्ज कराए गए थे. जिसमें से 11 मामलो में योगेंद्र साव बरी हो चुके हैं.

Last Updated : Mar 8, 2022, 9:53 PM IST
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