रांची: बजट सत्र के पांचवें दिन कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई. कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायक वेल में आ गए और इरफान अंसारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे. विपक्ष ने आरोप लगाया कि इरफान अंसारी ने कल मीडिया में विपक्ष के खिलाफ और असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया है, जो राज्य के सवा तीन करोड़ जनता का अपमान है.
इस पर प्रदीप यादव ने कहा कि सदन के बाहर दिए गए किसी माननीय के वक्तव्य पर सदन के भीतर चर्चा नहीं की जा सकती. हालांकि, स्पीकर ने कहा कि अगर विपक्ष को किसी बात को लेकर ठेस पहुंची है तो इस पर संबंधित विधायक को अपना पक्ष रखना चाहिए. इस दौरान इरफान अंसारी ने भी कहा कि वह अपनी बात रखना चाहते हैं, लेकिन विपक्ष की तरफ से नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि इरफान अंसारी ने असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया है बल्कि चतुर्थ विधानसभा के दौरान भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया था. इरफान अंसारी की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए.
ये भी पढे़ं: होली को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- प्राकृतिक हर्बल रंगों का करें इस्तेमाल
इस पर सत्ता पक्ष के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने स्पीकर से आग्रह किया कि अगर ऐसी कोई बात है तो इस पर संबंधित विधायक को अपना पक्ष रखने का मौका देना चाहिए. इस बीच इरफान अंसारी बीच-बीच में उठकर यह कहते रहे कि अगर विपक्ष उनकी बात सुनेगा तो सारी समस्या का हल निकल आएगा. इस दौरान विपक्षी विधायक वेल में एकजुट होकर हंगामा करते रहे और इरफान अंसारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे. हालांकि, स्पीकर ने सदन को ऑर्डर में लाने की पूरी कोशिश की, लेकिन लगातार गतिरोध बढ़ने की वजह से उन्होंने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.