रांची: झारखंड विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान विपक्षी विधायकों के हंगामे को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को कहा कि सदन को मछली बाजार नहीं बनाया जाए. उन्होंने कहा कि समझ नहीं आ रहा है कि वह सदन में अपनी बात को कैसे रखें. विपक्षी सदस्य लगातार हल्ला बोल रहे हैं. इस सदन का भवन उन्हीं के सौजन्य से बना है और आवाज ही साफ नहीं सुनाई दे रही है, अगर विपक्षी सदस्य एक-एक करके बोलेंगे तो चीजें क्लियर होंगी.
लोहरदगा मामले में किया हंगामा
दरअसल, बीजेपी के सदस्यों ने जनवरी महीने में लोहरदगा में सीएए के समर्थन में निकले जुलूस पर हुए कथित हमले में न्यायिक जांच की मांग की. इस दौरान बीजेपी के सदस्य हाथों में पोस्टर लेकर बाकायदा वेल में चले आए. वहीं, बीजेपी द्वारा चयनित पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वह खुद लोहरदगा गए थे और प्रशासन की ओर से इस बाबत कोई कार्रवाई नहीं की गई है. बीजेपी सदस्यों ने पूरे मामले की सिटिंग जज द्वारा जांच की मांग भी रखी.
बंधु तिर्की ने सीएए को कहा वायरस
विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि सीएए और एनपीआर का वायरस कोरोना से भी तेजी से फैल रहा है. इस पर बीजेपी के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. भानु प्रताप शाही ने कहा कि एक विधायक द्वारा कानून को वायरस की संज्ञा देना निंदनीय है. उन्होंने कहा कि ऐसे सदस्य के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही होनी चाहिए. इस दौरान नवीन जायसवाल ने राजधानी रांची के कडरू में बने शाहीनबाग को लेकर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि वहां बैठे लोगों को अलग जगह एलौट कर देना चाहिए.
ये भी पढे़ं: डीजीपी कमल नयन चौबे का दिल्ली तबादला, एमवी राव बने झारखंड के प्रभारी डीजीपी
सदन में लगे अशोक चक्र पर विधायक ने उठाया सवाल
इससे पहले निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सदन में लगे राष्ट्रीय चिन्ह अशोक चक्र को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि जब तक राज्य सरकार इससे जुड़े अधिनियम को अंगीकृत नहीं कर लेती है तब तक इस चिन्ह का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. वहीं, भाकपा माले के विनोद सिंह ने कहा कि राज्य सरकार अपना नया लोगो बनवाने जा रही है, लेकिन झारखंड विधानसभा का कोई अलग लोगों नहीं है. ऐसे में विधानसभा का भी एक लोगो होना चाहिए.