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रांची: हिंदपीढ़ी में सुबह से रात तक हंगामा, स्थिति तनावपूर्ण,पत्रकारों पर भी पथराव

रांची के हिंदपीढ़ी में सोमवार सुबह से रात तक हंगामा होता रहा. पुलिस के अधिकारियों और गणमान्य लोगों के पहल पर पूरे पांच घंटे की मशक्कत के बाद सुबह पांच बजे कोरोनो के तीन मरीज रिम्स ले जाया गया.

hindpiri, हिंदपीढ़ी
पुलिस से उलझते स्थानीय
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Published : Apr 14, 2020, 11:07 PM IST

Updated : Apr 15, 2020, 12:03 AM IST

रांची: राजधानी के हिंदपीढ़ी में शर्मनाक ढंग से फिर मेडिकल और पुलिस की टीम को निशाना बनाया गया. पहले टीम को खदेड़ दिया गया, पुलिस के अधिकारियों और गणमान्य लोगों के पहल पर पूरे पांच घंटे की मशक्कत के बाद सुबह पांच बजे कोरोनो के तीन मरीज रिम्स के कोविड-19 वार्ड ले जाए जा सके.

hindpiri, हिंदपीढ़ी
मौके पर मौजूद पुलिस
क्या है मामलादरअसल, सोमवार की रात करीब 12 बजे कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों को लेने गई टीम को घेर लिया था.उस समय मेडिकल और पुलिसकर्मियों को वहां से जान बचाकर भागना पड़ा था. यहां तक कि एक एंबुलेंस में तोड़फोड़ की गई, उसे बंधक बना लिया गया था. इसके बाद देर रात एसएसपी अनीश गुप्ता ने खुद मोर्चा संभाला. हिंदपीढ़ी के गणमान्य लोगों के साथ बैठक कर विरोध करने वालों को समझाया-बुझाया. इसके बाद मेडिकल और पुलिस की टीम कोरोना के तीनों मरीजों को रिम्स ले गई. बैठक में एसएसपी के साथ पूर्व पार्षद असलम, मौलाना ओबेदुल्लाह कासमी, मौलाना तलही नदवी, अमन यूथ सोसाइटी के अफरोज आलम सहित अन्य शामिल रहे थे. बैठक के बाद सभी ने मिलकर विरोध करने वालों को समझाया-बुझाया.सुबह फिर बवाल, बैरिकेडिंग का विरोध, दो गुट हुए आमने-सामनेहिंदपीढ़ी में सोमवार की देर रात हुआ बवाल पूरी तरह थमा नहीं था, कि मंगलवार की सुबह करीब आठ बजे फिर बवाल शुरू हो गया. थर्ड स्ट्रीट माली टोला जाने वाली सड़क पर मंगल चौक के पास बैरिकेडिंग लगाने के विवाद ने तूल पकड़ लिया. इस दौरान भी देखते-देखते बड़ी संख्या में भीड़ जुट गई. दूसरे गुट के लोग भी सामने आ गए. एक गुट बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए आगे बढ़ा, जबकि दूसरा गुट बैरिकेडिंग रोक रहा था. इस दौरान खूब हंगामा हो गया. स्थिति बेकाबू हो रही थी, इसबीच पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए, सभी को खदेड़ दिया. इसके बाद स्थिति नियंत्रण में हुआ.

ये भी पढ़ें- अफवाह और सदभावना बिगाड़ने वाले 60 लोगों को हुई जेल, सजा दिलाएगी पुलिस

सोमवार रात से हो रहा है हंगामा
दरअसल, सोमवार की रात थर्ड स्ट्रीट बंगाली मोहल्ला के मंगल चौक और में कुछ असामाजिक तत्व सड़क पर निलकर नारेबाजी करने लगे थे. लोगों ने धार्मिक नारे भी लगाए थे. इसी वजह से थर्ड स्ट्रीट के इलाके में लोगों ने बैरिकेडिंग कर दिया था. इस बैरिकेडिंग का एक गुट के लोगों ने विरोध कर दिया. दर्जनों की भीड़ वहां पहुंची और बैरिकेडिंग तोड़ डाला. ऐन वक्त पर पुलिस नहीं संभालती तो मामला सांप्रदायिक रंग ले सकता था. इसकी सूचना मिलते ही वहां कोतवाली डीएसपी अजीत कुमार विमल सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए. सभी को समझा-बुझाकर वापस भेजा.

एक गुट ने कहा सील के लिए लगाया बैरिकेडिंग, दूसरे ने कहा रास्ता क्यों रोका
इस बैरिकेडिंग को लेकर दोनों गुटों में खूब बहसबाजी हुई. एक गुट ने यह कहते हुए बैरिकेडिंग लगा दी थी कि हिंदपीढ़ी में सील है, ऐसे में कहीं से कोई भी आना-जाना नहीं कर सकता. जबकि दूसरे गुट का कहना था कि हिंदपीढ़ी के गली-मोहल्ले का रास्तो क्यों रोका. सील करने का काम पुलिस-प्रशासन का है. पुलिस जहां लगाएगी, उसे माना जाएगा. इस बात पर दोनों गुट उलझ गए थे, बाद में पुलिस ने वहां ट्रॉली बैरियर लगाया. बाद में थाना गली के पास भी बवाल भी हुआ.

एकरा मस्जिद के पास मीडियाकर्मियों के घुसने से रोका, किया पथराव
एकरा मस्जिद के पास मीडियाकर्मियों को घुसने से भी रोक दिया गया.एक मीडियाकर्मी पर पत्थर भी फेंका, एक अखबार के फोटोग्राफर को वहां से जान बचाकर भागना पड़ा. लोगों ने मीडियाकर्मियों से खूब गाली गलौज भी की. इसके बाद वहां गई, मीडियाकर्मी निकल गए, एकरा मस्जिद के पास इन दिनों वोलेंटियर्स खड़े रहते हैं. मंगलवार को वोलेंटियर्स के बजाए असामाजिक तत्वों की भीड़ जमी थी,बाद में पुलिस ने सभी को खदेड़ा.

रांची: राजधानी के हिंदपीढ़ी में शर्मनाक ढंग से फिर मेडिकल और पुलिस की टीम को निशाना बनाया गया. पहले टीम को खदेड़ दिया गया, पुलिस के अधिकारियों और गणमान्य लोगों के पहल पर पूरे पांच घंटे की मशक्कत के बाद सुबह पांच बजे कोरोनो के तीन मरीज रिम्स के कोविड-19 वार्ड ले जाए जा सके.

hindpiri, हिंदपीढ़ी
मौके पर मौजूद पुलिस
क्या है मामलादरअसल, सोमवार की रात करीब 12 बजे कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों को लेने गई टीम को घेर लिया था.उस समय मेडिकल और पुलिसकर्मियों को वहां से जान बचाकर भागना पड़ा था. यहां तक कि एक एंबुलेंस में तोड़फोड़ की गई, उसे बंधक बना लिया गया था. इसके बाद देर रात एसएसपी अनीश गुप्ता ने खुद मोर्चा संभाला. हिंदपीढ़ी के गणमान्य लोगों के साथ बैठक कर विरोध करने वालों को समझाया-बुझाया. इसके बाद मेडिकल और पुलिस की टीम कोरोना के तीनों मरीजों को रिम्स ले गई. बैठक में एसएसपी के साथ पूर्व पार्षद असलम, मौलाना ओबेदुल्लाह कासमी, मौलाना तलही नदवी, अमन यूथ सोसाइटी के अफरोज आलम सहित अन्य शामिल रहे थे. बैठक के बाद सभी ने मिलकर विरोध करने वालों को समझाया-बुझाया.सुबह फिर बवाल, बैरिकेडिंग का विरोध, दो गुट हुए आमने-सामनेहिंदपीढ़ी में सोमवार की देर रात हुआ बवाल पूरी तरह थमा नहीं था, कि मंगलवार की सुबह करीब आठ बजे फिर बवाल शुरू हो गया. थर्ड स्ट्रीट माली टोला जाने वाली सड़क पर मंगल चौक के पास बैरिकेडिंग लगाने के विवाद ने तूल पकड़ लिया. इस दौरान भी देखते-देखते बड़ी संख्या में भीड़ जुट गई. दूसरे गुट के लोग भी सामने आ गए. एक गुट बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए आगे बढ़ा, जबकि दूसरा गुट बैरिकेडिंग रोक रहा था. इस दौरान खूब हंगामा हो गया. स्थिति बेकाबू हो रही थी, इसबीच पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए, सभी को खदेड़ दिया. इसके बाद स्थिति नियंत्रण में हुआ.

ये भी पढ़ें- अफवाह और सदभावना बिगाड़ने वाले 60 लोगों को हुई जेल, सजा दिलाएगी पुलिस

सोमवार रात से हो रहा है हंगामा
दरअसल, सोमवार की रात थर्ड स्ट्रीट बंगाली मोहल्ला के मंगल चौक और में कुछ असामाजिक तत्व सड़क पर निलकर नारेबाजी करने लगे थे. लोगों ने धार्मिक नारे भी लगाए थे. इसी वजह से थर्ड स्ट्रीट के इलाके में लोगों ने बैरिकेडिंग कर दिया था. इस बैरिकेडिंग का एक गुट के लोगों ने विरोध कर दिया. दर्जनों की भीड़ वहां पहुंची और बैरिकेडिंग तोड़ डाला. ऐन वक्त पर पुलिस नहीं संभालती तो मामला सांप्रदायिक रंग ले सकता था. इसकी सूचना मिलते ही वहां कोतवाली डीएसपी अजीत कुमार विमल सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए. सभी को समझा-बुझाकर वापस भेजा.

एक गुट ने कहा सील के लिए लगाया बैरिकेडिंग, दूसरे ने कहा रास्ता क्यों रोका
इस बैरिकेडिंग को लेकर दोनों गुटों में खूब बहसबाजी हुई. एक गुट ने यह कहते हुए बैरिकेडिंग लगा दी थी कि हिंदपीढ़ी में सील है, ऐसे में कहीं से कोई भी आना-जाना नहीं कर सकता. जबकि दूसरे गुट का कहना था कि हिंदपीढ़ी के गली-मोहल्ले का रास्तो क्यों रोका. सील करने का काम पुलिस-प्रशासन का है. पुलिस जहां लगाएगी, उसे माना जाएगा. इस बात पर दोनों गुट उलझ गए थे, बाद में पुलिस ने वहां ट्रॉली बैरियर लगाया. बाद में थाना गली के पास भी बवाल भी हुआ.

एकरा मस्जिद के पास मीडियाकर्मियों के घुसने से रोका, किया पथराव
एकरा मस्जिद के पास मीडियाकर्मियों को घुसने से भी रोक दिया गया.एक मीडियाकर्मी पर पत्थर भी फेंका, एक अखबार के फोटोग्राफर को वहां से जान बचाकर भागना पड़ा. लोगों ने मीडियाकर्मियों से खूब गाली गलौज भी की. इसके बाद वहां गई, मीडियाकर्मी निकल गए, एकरा मस्जिद के पास इन दिनों वोलेंटियर्स खड़े रहते हैं. मंगलवार को वोलेंटियर्स के बजाए असामाजिक तत्वों की भीड़ जमी थी,बाद में पुलिस ने सभी को खदेड़ा.

Last Updated : Apr 15, 2020, 12:03 AM IST
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