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Ranchi Violence: रांची हिंसा का यूपी कनेक्शन! सहारनपुर से आए लोगों ने उकसाया था - रांची में हुई हिंसा

झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi, the capital of Jharkhand) में हुई हिंसा में भी सहारनपुर कनेक्शन सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक सहारनपुर के 12 लोगों ने रांची में जाकर न सिर्फ मुस्लिम युवाओं को उकसाया है बल्कि कौम और पैगमबर साहब का हवाला देकर हिंसा भड़काई है. रांची पुलिस इस हिंसा में PFI, यूपी और बंग्लादेशी कनेक्शन की जांच कर रही है.

saharanpur connection in ranchi violence
saharanpur connection in ranchi violence
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Published : Jun 12, 2022, 10:52 PM IST

Updated : Jun 13, 2022, 6:39 AM IST

सहारनपुर: एक जमाना था जब उत्तर प्रदेश का सहारनपुर हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे के लिए अपनी पहचान रखता था. लेकिन जुमे की नमाज के बाद नूपुर शर्मा के मामले में एक बार फिर सहारनपुर जिले की खूब किरकिरी हो रही है. जहां शहर की जामा मस्जिद से निकले नमाजियों ने नूपुर शर्मा पर कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर बिना अनुमति के प्रदर्शन कर बवाल किया वहीं, झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसा में भी सहारनपुर कनेक्शन सामने आया है.

रिपोर्ट के मुताबिक सहारनपुर के 12 लोगों ने रांची में जाकर न सिर्फ मुस्लिम युवाओं को उकसाया है बल्कि कौम और पैगम्बर साहब का हवाला देकर हिंसा भड़काई है, जिससे सहारनपुर का मुस्लिम समाज एक बार फिर शर्मसार हुआ है. जानकारी के मुताबिक 12 युवाओं की टीम 4 और 7 जून को सहारनपुर से रांची पहुंची थी. हैरानी की बात ये है कि रांची के मुस्लिम धर्म गुरुओं ने इनको मना किया तो टीम ने 16 से 24 साल के युवाओं को अपने झांसे में फंसा कर हिंसा की स्क्रिप्ट तैयार की थी.

वहां के युवाओं को बताया गया कि यूपी सरकार और हिन्दू समाज मुसलमान कौम को परेशान कर रहा है इसलिए हमें अपनी ताकत दिखाने के लिए देश भर में प्रदर्शन करना होगा. हालांकि रांची में हुई हिंसा के पीछे झारखंड मुक्ति मोर्चा कार्यकर्ता और पानी व्यवसायी का नाम भी सामने आ रहा है.

गौरतलब है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सहारनपुर समेत देश भर के कई शहरों में हिंसा हुई थी. धारा 144 लागू किये जाने के बाद नमाजियों ने सड़कों पर उतर कर न सिर्फ भड़काऊ नारेबाजी की बल्कि जमकर उपद्रव मचाया. ऐसी ही तस्वीरे झारखंड की राजधानी रांची से भी सामने आई तो झारखंड सरकार के पसीने छूट गए. जिसके बाद सरकार के आदेश पर पुलिस ने उपद्रवियों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की तो हिंसा में सहारनपुर कनेक्शन निकल कर सामने आया है. पुलिस पूछताछ में पकड़े गए उपद्रवियों ने बताया कि सहारनपुर से 12 लोगों की टीम ने आकर रांची में हिंसा कराई है. उनका कहना है कि सभी लोग 4 और 7 जून को रांची में आकर एक होटल में ठहरे हुए थे. जहां से रांची के मुस्लिम युवाओं को उकसाया गया था.

सहारनपुर से रांची पहुंचे लोगों ने वहां के लोगों को भड़काने की पहली कोशिश की तो कुछ जिम्मेदार लोगों ने मना कर दिया. जिसके बाद उन्होंने 16 से 24 साल के युवाओं को अपने जाल में फंसा लिया. यूपी में मुसलमानों पर अत्याचार की झूठी अफवाह फैलाते हुए एक जुट होने का आह्वान किया गया. टीम ने युवाओं को कहा कि यूपी में बीजेपी सरकार और हिन्दू समुदाय परेशान कर रहा है. इसलिए हम सबको एक जुट होकर जुमे की नमाज के बाद अपनी ताकत दिखानी पड़ेगी. युवाओं को निर्देशित किया गया कि इस मैसेज को सोशल मीडिया पर फैलाया जाए. सबको स्पेशल तौर पर यह मैसेज भी भेजा गया कि सभी लोग काला बिल्ला पहन कर रिसालदार बाबा मैदान और छोटा तालाब के पास इकट्ठा होयें. जहां बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा का पुतला फूंका जाएगा.

इसे भी पढ़ेंः रांची हिंसा के बाद DGP ने किया मेन रोड का निरीक्षण, कहा- कुछ लोगों को किया गया है गिरफ्तार

रिपोर्ट्स के अनुसार अमन परस्त लोगों ने जुलूस और प्रदर्शन का विरोध किया. इस्लामिक संगठन एदार-ए-शरीया और इमारत-ए-शरीया ने प्रदर्शन करने से मना कर दिया कि नमाज के बाद कोई जुलूस और प्रदर्शन नहीं निकलेगा. लेकिन व्हाट्सएप ग्रुपों पर फैले मैसेज के बाद लोग प्रदर्शन के लिए पहुंच गए और युवाओं की भीड़ ने कोई सुनवाई नहीं की.

सोशल मीडिया पर मैसेज फैलाया गया कि जुमे के दिन सभी दुकानदार अपनी दुकानें बंद रख कर प्रदर्शन में भीड़ जुटाएं. ताकि ज्यादा से ज्यादा भीड़ इकट्ठा होने से मुसलमानों की ताकत दिखाई जा सके और उपद्रव होने पर उनकी दुकानें नुकसान से भी बच सकें. व्हाट्सएप पर मैसेज फैलते ही उपद्रवियों ने ईंट और पत्थर जुटा लिए. चौकाने वाली बात तो ये भी है कि ईंट-पत्थरों के छोटे-छोटे टुकड़े करके जगह जगह रख दिये गए. ताकि हिंसा होने पर पुलिस या अन्य लोगों पर हमला किया जाए.

बहरहाल सीएम हेमंत सोरेन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. झारखंड पुलिस सहारनपुर में भी संपर्क कर रही है. हिंसा से सहारनपुर कनेक्शन को लेकर कई टीमें गठित कर दी गई हैं.

सहारनपुर: एक जमाना था जब उत्तर प्रदेश का सहारनपुर हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे के लिए अपनी पहचान रखता था. लेकिन जुमे की नमाज के बाद नूपुर शर्मा के मामले में एक बार फिर सहारनपुर जिले की खूब किरकिरी हो रही है. जहां शहर की जामा मस्जिद से निकले नमाजियों ने नूपुर शर्मा पर कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर बिना अनुमति के प्रदर्शन कर बवाल किया वहीं, झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसा में भी सहारनपुर कनेक्शन सामने आया है.

रिपोर्ट के मुताबिक सहारनपुर के 12 लोगों ने रांची में जाकर न सिर्फ मुस्लिम युवाओं को उकसाया है बल्कि कौम और पैगम्बर साहब का हवाला देकर हिंसा भड़काई है, जिससे सहारनपुर का मुस्लिम समाज एक बार फिर शर्मसार हुआ है. जानकारी के मुताबिक 12 युवाओं की टीम 4 और 7 जून को सहारनपुर से रांची पहुंची थी. हैरानी की बात ये है कि रांची के मुस्लिम धर्म गुरुओं ने इनको मना किया तो टीम ने 16 से 24 साल के युवाओं को अपने झांसे में फंसा कर हिंसा की स्क्रिप्ट तैयार की थी.

वहां के युवाओं को बताया गया कि यूपी सरकार और हिन्दू समाज मुसलमान कौम को परेशान कर रहा है इसलिए हमें अपनी ताकत दिखाने के लिए देश भर में प्रदर्शन करना होगा. हालांकि रांची में हुई हिंसा के पीछे झारखंड मुक्ति मोर्चा कार्यकर्ता और पानी व्यवसायी का नाम भी सामने आ रहा है.

गौरतलब है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सहारनपुर समेत देश भर के कई शहरों में हिंसा हुई थी. धारा 144 लागू किये जाने के बाद नमाजियों ने सड़कों पर उतर कर न सिर्फ भड़काऊ नारेबाजी की बल्कि जमकर उपद्रव मचाया. ऐसी ही तस्वीरे झारखंड की राजधानी रांची से भी सामने आई तो झारखंड सरकार के पसीने छूट गए. जिसके बाद सरकार के आदेश पर पुलिस ने उपद्रवियों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की तो हिंसा में सहारनपुर कनेक्शन निकल कर सामने आया है. पुलिस पूछताछ में पकड़े गए उपद्रवियों ने बताया कि सहारनपुर से 12 लोगों की टीम ने आकर रांची में हिंसा कराई है. उनका कहना है कि सभी लोग 4 और 7 जून को रांची में आकर एक होटल में ठहरे हुए थे. जहां से रांची के मुस्लिम युवाओं को उकसाया गया था.

सहारनपुर से रांची पहुंचे लोगों ने वहां के लोगों को भड़काने की पहली कोशिश की तो कुछ जिम्मेदार लोगों ने मना कर दिया. जिसके बाद उन्होंने 16 से 24 साल के युवाओं को अपने जाल में फंसा लिया. यूपी में मुसलमानों पर अत्याचार की झूठी अफवाह फैलाते हुए एक जुट होने का आह्वान किया गया. टीम ने युवाओं को कहा कि यूपी में बीजेपी सरकार और हिन्दू समुदाय परेशान कर रहा है. इसलिए हम सबको एक जुट होकर जुमे की नमाज के बाद अपनी ताकत दिखानी पड़ेगी. युवाओं को निर्देशित किया गया कि इस मैसेज को सोशल मीडिया पर फैलाया जाए. सबको स्पेशल तौर पर यह मैसेज भी भेजा गया कि सभी लोग काला बिल्ला पहन कर रिसालदार बाबा मैदान और छोटा तालाब के पास इकट्ठा होयें. जहां बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा का पुतला फूंका जाएगा.

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रिपोर्ट्स के अनुसार अमन परस्त लोगों ने जुलूस और प्रदर्शन का विरोध किया. इस्लामिक संगठन एदार-ए-शरीया और इमारत-ए-शरीया ने प्रदर्शन करने से मना कर दिया कि नमाज के बाद कोई जुलूस और प्रदर्शन नहीं निकलेगा. लेकिन व्हाट्सएप ग्रुपों पर फैले मैसेज के बाद लोग प्रदर्शन के लिए पहुंच गए और युवाओं की भीड़ ने कोई सुनवाई नहीं की.

सोशल मीडिया पर मैसेज फैलाया गया कि जुमे के दिन सभी दुकानदार अपनी दुकानें बंद रख कर प्रदर्शन में भीड़ जुटाएं. ताकि ज्यादा से ज्यादा भीड़ इकट्ठा होने से मुसलमानों की ताकत दिखाई जा सके और उपद्रव होने पर उनकी दुकानें नुकसान से भी बच सकें. व्हाट्सएप पर मैसेज फैलते ही उपद्रवियों ने ईंट और पत्थर जुटा लिए. चौकाने वाली बात तो ये भी है कि ईंट-पत्थरों के छोटे-छोटे टुकड़े करके जगह जगह रख दिये गए. ताकि हिंसा होने पर पुलिस या अन्य लोगों पर हमला किया जाए.

बहरहाल सीएम हेमंत सोरेन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. झारखंड पुलिस सहारनपुर में भी संपर्क कर रही है. हिंसा से सहारनपुर कनेक्शन को लेकर कई टीमें गठित कर दी गई हैं.

Last Updated : Jun 13, 2022, 6:39 AM IST
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