रांचीः झारखंड के तमाम विश्वविद्यालयों की ओर से सिंडिकेट की बैठक कर अनुशंसित विवि एक्ट के संशोधन प्रस्ताव पर उच्च शिक्षा विभाग ने गठित कमेटी पर अपनी मुहर लगा दी है. कमेटी ने विश्वविद्यालय में फोर्थ ग्रेड की नियुक्ति आउट सोर्स के आधार पर करने की अपनी सहमति दी है.
राज्य के विश्वविद्यालयों में थर्ड ग्रेड में नियुक्ति का अधिकार विश्वविद्यालय के पास रहेगा. विश्वविद्यालय पहले स्नातक उत्तीर्ण उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए पहले प्रारंभिक परीक्षा लेगी. इसमें उत्तीर्ण होने के बाद मुख्य परीक्षा का आयोजन विश्वविद्यालय प्रबंधन को करना पड़ेगा. इसे लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने हरी झंडी दे दी है. उच्च शिक्षा विभाग की ओर से गठित कमेटी ने विश्वविद्यालयों के अनुरोध को स्वीकार करते हुए यह निर्णय लिया है कि कुछ दिन पूर्व ही राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों ने सिंडिकेट की बैठक कर इससे जुड़ी प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग को भेजी थी और उसके बाद यह निर्णय लिया गया है.
वहीं, कमेटी ने विवि में फोर्थ ग्रेड की नियुक्ति आउट सोर्स के आधार पर करने पर अपनी सहमति दी है. इसके अलावा शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन निर्धारण करने का अधिकार पूरी तरह से विश्वविद्यालय को ही दे दिया गया है. वेतन निर्धारण से संबंधित प्रस्ताव विश्वविद्यालय स्थापना शाखा के माध्यम से विभिन्न जांच के बाद वेतन निर्धारण कमेटी के पास जाएगी. इसके बाद संबंधित प्रस्ताव को कुलपति की अध्यक्षता में होने वाली समिति से पास किया जाएगा.
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गौरतलब है कि विवि में कुलपति और प्रति कुलपति की अधिकतम आयु सीमा 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है. वहीं उच्च शिक्षा विभाग में प्रति कुलपति को एक टर्म यानी 3 वर्ष का सेवा विस्तार देने संबंधी प्रस्ताव पर भी अपनी सहमति दी है .
अब विश्वविद्यालय प्रबंधन प्रबंधकों को उच्च शिक्षा विभाग के इस निर्णय के बाद कई मुद्दों पर सही निर्णय लेने में सहूलियत होगी विश्वविद्यालय प्रबंधन उच्च शिक्षा विभाग के निर्णय का स्वागत करते हुए अपने स्तर पर भी नियुक्ति को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है.