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राहत: रिम्स में निशुल्क इलाज कराने के लिए अधिकारियों का नहीं करना होगा इंतजार, स्वास्थ्य विभाग ने यूनिट इंचार्ज को दिया अधिकार

रिम्स में निशुल्क इलाज कराने वाले मरीजों के लिए राहत की खबर है. अस्पताल में निशुल्क इलाज की जिम्मेदारी यूनिट इंचार्ज को दे दी गई है. पहले ये जिम्मेदारी अधिकारियों के पास होती थी, जिससे कई बार मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ता था.

Unit Incharge gets responsibility for free treatment at RIMS
रिम्स में निशुल्क इलाज
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Published : Oct 23, 2020, 5:38 PM IST

रांची: अब रिम्स के गरीब मरीजों को निशुल्क इलाज कराने के लिए अधिकारियों का इंतजार नहीं करना होगा, क्योंकि अब यूनिट इंचार्ज को ही ये जिम्मेदारी दे दी गई है. पहले रिम्स में भर्ती गरीब और असहाय मरीजों को निशुल्क इलाज के लिए अधिकारियों से मिलना होता था, जिस वजह से कई बार अधिकारी के नहीं रहने की स्थिति में निशुल्क इलाज नहीं हो पाता था.

15 सितंबर को हुए बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में बुधवार को एक आदेश जारी किया गया है, जिसके बाद अब वार्ड में भर्ती मरीजों का निशुल्क इलाज करने का अधिकार यूनिट इंचार्ज को दिया गया है. अब मरीजों को ज्यादा भटकना नहीं होगा.

ये भी पढे़ं: देवघरः स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बाबा बैद्यनाथ के किए दर्शन, कहा- भोलेनाथ की कृपा से खत्म होगा कोरोना

वहीं, इमरजेंसी में आनेवाले मरीजों के निशुल्क इलाज की जिम्मेदारी सीएमओ, एसओडी, पीओडी और विशेष परिस्थिति में चिकित्सा उपाधीक्षक की होगी. इसके साथ ही यूनिट इंजार्ज की अनुपस्थिति में इसका दायित्व वैकल्पिक चिकित्सक पर होगा, जो भी चिकित्सक या अधिकारी निशुल्क इलाज का आदेस देंगे, उन्हें अपना नाम, हस्ताक्षर और पदनाम वाला मुहर लगाना अनिवार्य होगा.

रांची: अब रिम्स के गरीब मरीजों को निशुल्क इलाज कराने के लिए अधिकारियों का इंतजार नहीं करना होगा, क्योंकि अब यूनिट इंचार्ज को ही ये जिम्मेदारी दे दी गई है. पहले रिम्स में भर्ती गरीब और असहाय मरीजों को निशुल्क इलाज के लिए अधिकारियों से मिलना होता था, जिस वजह से कई बार अधिकारी के नहीं रहने की स्थिति में निशुल्क इलाज नहीं हो पाता था.

15 सितंबर को हुए बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में बुधवार को एक आदेश जारी किया गया है, जिसके बाद अब वार्ड में भर्ती मरीजों का निशुल्क इलाज करने का अधिकार यूनिट इंचार्ज को दिया गया है. अब मरीजों को ज्यादा भटकना नहीं होगा.

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वहीं, इमरजेंसी में आनेवाले मरीजों के निशुल्क इलाज की जिम्मेदारी सीएमओ, एसओडी, पीओडी और विशेष परिस्थिति में चिकित्सा उपाधीक्षक की होगी. इसके साथ ही यूनिट इंजार्ज की अनुपस्थिति में इसका दायित्व वैकल्पिक चिकित्सक पर होगा, जो भी चिकित्सक या अधिकारी निशुल्क इलाज का आदेस देंगे, उन्हें अपना नाम, हस्ताक्षर और पदनाम वाला मुहर लगाना अनिवार्य होगा.

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