बेगूसराय: दिल्ली के जहांगीरपुरी (jahangirpuri violence) में हनुमान जयंती पर हुई हिंसा (Stone Pelting in Jahangirpuri) के बाद अवैध कब्जों को लेकर एमसीडी का बुलडोजर (anti encroachment drive in jahangirpuri) चला. वहीं बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कानून का राज अगर आप मानते हैं तो यह नहीं देखा जाता कि यह हिंदू पर चल रहा कि मुसलमान पर चल रहा है. जिस समय आयुष्मान कार्ड मिलता है, उसमें तो कोई नहीं कहता कि यह मोदी सरकार 'सबका साथ सबका विकास' है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में प्रशासन के अतिक्रमण रोधी अभियान पर आज रोक लगा दी है.
ये भी पढ़ें: जहांगीरपुरी में बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
गिरिराज का ओवैसी पर हमला: गिरिराज सिंह (Union Minister Giriraj Singh) ने कहा कि एमसीडी जो न्याय कर रहा इसमें बुलडोजर किस पर चल रहा यह मुझे नहीं मालूम. कानून अपना काम करे और जो अवैध निर्माण है उस पर निश्चित रूप से कार्रवाई करे. मैं तो यही कहूंगा कानून का काम होना चाहिए जिसकी तारीफ होनी चाहिए. ओवैसी जैसे लोग हर चीज में हिंदू और मुसलमान करते हैं क्योंकि ये तो जिन्ना के डीएनए के लोग हैं.
"न्याय, कानून व्यवस्था सबके लिए बराबर है. ओवैसी जैसे लोगों के लिए तो हर चीज में हिंदू और मुसलमान आता है. क्योंकि ये तो जिन्ना के डीएनए के लोग हैं. जिसके अंदर शरीयत कानून और जिन्ना का डीएनए बैठ जाएगा उनका पूरा ध्यान सिर्फ हिंदू मुसलमान पर रहता है."- गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री
क्या कहा था असदुद्दीन ओवैसी ने: बता दें कि एआईएमआईएम (AIMIM) अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने देश के अलग-अलग हिस्सों में रामनवमी पर हुई हिंसक घटनाओं को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने हिंदूवादी संगठनों पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर आरोप लगाए कि यह पुलिस और राज्य के समर्थन से की जा रही हिंसा है. ओवैसी ने हिंसा वाली जगहों का जिक्र करते हुए उनका नाम भी लिया. जिसमें''करौली, राजस्थान, हिम्मतनगर, गुजरात, खरगोन, मध्य प्रदेश के साथ और भी जगहों के नाम शामिल हैं. उन्होंने सरकारों पर बुलडोजर से गरीबों के आशियाने उजाड़ने को जेनेवा समझौते का उल्लंघन बताया था.
क्या है पूरा मामला: जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच हुई झड़प में पथराव और आगज़नी की घटनाएं हुई थीं, जिसमें लाल सहित आठ पुलिस कर्मी और एक स्थानीय व्यक्ति घायल हो गया था. इस दौरान लाल को गोली लग गई थी. दिल्ली पुलिस ने लाल पर कथित तौर पर गोली चलाने वाले व्यक्ति और मुख्य साजिशकर्ताओं सहित कुल 23 लोगों को मामले में गिरफ्तार किया. मामले में दो नाबालिगों को भी हिरासत में लिया गया था. शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस ने रविवार को ड्रोन और पैदल गश्त बढ़ा दी, संवदेनशील इलाकों में छतों से सर्विलांस/निगरानी तेज कर दी और विभिन्न अमन समितियों के सदस्यों के साथ बैठक की. जामिया नगर, जामा मस्जिद, संगम विहार, चांदनी महल, जसोला, हौज कासी सहित तमाम जगहों पर ड्रोन और पैदल गश्त की गयी. साथ ही उत्तरी-पूर्वी दिल्ली मेंं भी गश्त बढ़ा दी गई है, जहां 2020 में साम्प्रदायिक दंगे हुए थे.
बुलडोजर पर सुप्रीम रोक: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण हटाने और अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत ने दंगे के आरोपियों के खिलाफ कथित तौर पर लक्षित नगर निकायों की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने जहांगीरपुरी में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए. पीठ ने कहा कि याचिका को उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट कल इस मामले पर सुनवाई करेगा. शीर्ष अदालत ने दिल्ली के मुख्य सचिव, एमसीडी और जहांगीरपुरी के एसएचओ को लीगल नोटिस जारी किया है.