रांची: देश के विद्युत संयंत्रों में कोयले का पर्याप्त स्टॉक नहीं होने से बिजली संकट की संभावना का असर दिखने लगा है. केंद्रीय कोयला मंत्री आज (14 अक्टूबर) झारखंड दौरे पर हैं. वह विशेष विमान से छत्तीसगढ़ से रांची पहुंचे. फिर एयरपोर्ट से ही पीपरवार स्थित ओपन कास्ट माइंस का निरीक्षण करने पहुंचे. माइंस के निरीक्षण के बाद उन्होंने बयान देते हुए कहा कि कोयले के संकट पर किसी को पैनिक होने की जरूरत नहीं है.
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कोयले की कमी नहीं होने दी जाएगी
कोयला संकट पर कोयला मंत्री ने देश को आश्वस्त करते हुए कहा कि किसी भी थर्मल पावर स्टेशन में कोयले की कमी नहीं होने दी जाएगी. झारखंड दौरे पर आए केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पीपरवार में कहा कि इसके लिए पैनिक होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि करीब 22 प्रतिशत कोयले का आयात बंद होने और ज्यादा बारिश के कारण देश में उत्पादन प्रभावित हुआ है. लेकिन कल से ही दो मिलियन टन कोयले का उत्पादन होने लगा है. कोयला मंत्री ने कहा कि "मुझे बयानबाजी में कोई इंटरेस्ट नहीं है. थर्मल पावर के लिए जो चाहिए उसके लिए हम सब मिलकर पूरा प्रयास कर रहे हैं. मैं भरोसा दिलाना चाहूंगा कि किसी भी पावर प्लांट में कोयले के सप्लाई प्रभावित नहीं होगी. इसके लिए पैनिक होने की जरूरत नहीं है ".
बेहद महत्वपूर्ण है कोयला मंत्री का बयान
बिजली संकट की संभावना के बीच केंद्रीय कोयला मंत्री का यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है. दूसरी तरफ उनके झारखंड दौरे से साफ हो गया है कि बिजली संयंत्रों में कोयला स्टॉक कम हुआ है. उसकी भरपाई करने के लिए देश में मौजूद कोयला खदानों में उत्पादन बढ़ाया जा रहा है. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ से रांची लैंड करते ही कोयला मंत्री सीधे पीपरवार ओपन कास्ट माइंस का निरीक्षण करने गए.
समीक्षा बैठक करेंगे कोयला मंत्री
ओपन कास्ट माइंस का निरीक्षण करने के बाद मिल रही जानकारी के मुताबिक केंद्रीय कोयला मंत्री दरभंगा हाउस स्थित सीसीएल के ऑफिस में समीक्षा बैठक भी करने वाले हैं. बैठक के बाद आज शाम को ही रांची से रवाना भी हो जाएंगे.
कोयले की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि
आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि होने से आयात प्रभावित हुआ है. जिसका सीधा असर बिजली उत्पादन पर पड़ा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों सवाल उठाया था कि चंद दिनों में बिजली संयंत्रों का कोल स्टॉक खत्म हो जाएगा. इसकी वजह से ब्लैक आउट की नौबत आ सकती है. इसी के बाद केंद्र सरकार हरकत में आई. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के.सिंह ने खुद मोर्चा संभाला और भरोसा दिलाया कि किसी तरह का संकट पैदा नहीं होने दिया जाएगा.