रांची: पिछले दिनों भुवनेश्वर में आईसीएमआर से अधिकृत लैब से आई रिपोर्ट के बाद झारखंड के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. इसका कारण यह है कि ओडिशा की लैब से आई रिपोर्ट में यूके स्ट्रेन और डबल म्यूटेंट कोरोना स्ट्रेन का पता चला है.
बीते शुक्रवार को झारखंड से 50 सैंपल जांच के लिए भुवनेश्वर भेजे गए थे, जिसकी रिपोर्ट बुधवार को आई, जिसमें यह पता चला कि 50 सैंपल में से 3% सैंपल संक्रमण के घातक रूप को दिखा रहे हैं. भारत सरकार के जीनोमिक निगरानी कार्यक्रम के अनुसार 25 से कम सीटी मान वाले सैंपल को माइनस 80 डिग्री सेल्सियस पर रखा गया और इसे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया. इस दौरान सैंपल के आरएनए का कोल्ड चेन बनाए रखा गया. 50 सैंपल में से 9 सैंपल में यूके का स्ट्रेन मिला है, जबकि 4 सैंपल में डबल म्यूटेंट वायरस पाया गया है. रिपोर्ट आने के बाद झारखंड में कोरोना के खतरनाक रूप को देखते हुए रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार बताते हैं कि कोरोना वायरस के रूप में बदलाव हुआ है. फिलहाल पूरे विश्व में 3 तरह के स्ट्रेन देखे जा रहे हैं. इनमें यूके स्ट्रेन, साउथ अफ्रीका स्ट्रेन और ब्राजील शामिल हैं.
डबल म्यूटेंट वायरस क्या है
डबल म्यूटेंट वायरस का मतलब ये है कि वायरस का वो रूप अपने जीनोम में दो बार बदलाव ला चुका है. आमतौर पर वायरस ऐसा कर खुद को लंबे समय तक प्रभावी बनाए रखते हैं. कई बार ऐसे बदलाव के बाद वायरस कमजोर हो जाता है तो कई बार बहुत खतरनाक रूप में सामने आता है.
क्या है म्यूटेशन?
म्यूटेशन जेनेटिक मैटेरियल(डीएनए या आरएनए) में बदलाव है. म्यूटेशन द्वारा वायरस लगातार खुद को बदले रहते हैं. इसके चलते वायरस के नए वेरिएंट सामने आते हैं. म्यूटेशन जीवों में डीएनए रेप्लिकेशन (एक डीएनए से दो डीएनए बनना) के समय होता है. वायरस का जेनेटिक मैटेरियल डीएनए या आरएनए दोनों में से कोई एक हो सकता है. कोरोना वायरस का जेनेटिक मैटेरियल आरएनए है. इसमें म्यूटेशन आरएनए रेप्लिकेशन के समय होता है.
वैक्सीन की क्षमता में कमी
डॉ मनोज कुमार बताते हैं कि चीन के वुहान से उत्पन्न हुए कोरोना के ओरिजिनल वायरस में आ रहे बदलाव की वजह से वैक्सीन की क्षमता में कमी आ रही है. क्योंकि वैक्सीन को ओरिजिनल वायरस के आधार पर बनाया गया था, लेकिन जिस तरह से वायरस का रूप खतरनाक होता जा रहा है, वैसे में वैक्सीन का असर कहीं ना कहीं कम हो रहा है. उन्होंने बताया कि कोरोना के ओरिजिनल वायरस में आए बदलाव का ट्रांसमिशन क्षमता और इन्फेक्शन बढ़ाने की क्षमता अत्यधिक है. इसीलिए इस वायरस से बचने की जरूरत है.
स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी चिंता
कोरोना के खतरनाक स्ट्रेन की रिपोर्ट आते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. झारखंड में कोरोना के यूके स्ट्रेन और डबल म्यूटेंट वायरस की पुष्टि हुई है, जो पिछले बार के कोरोना की लहर से ज्यादा खतरनाक है. झारखंड में फिलहाल वायरस के म्यूटेंट और स्ट्रेन की जानकारी के कोई व्यवस्था नहीं है, इसीलिए सैंपल के स्ट्रेन की जांच के लिए ओडिशा भेजना पड़ रहा है. बढ़ते खतरे के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने सभी से कोरोना गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी है.