रांची: सिविल कोर्ट में पदस्थापित दंडाधिकारी कुमार विपुल की रेकी का मामला सामने आया है. मिली जानकारी के अनुसार विपुल की यात्रा का विवरण और लोकेशन जानने का कुछ लोगों ने प्रयास किया है. जिसके बाद इस संबंध में रांची के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है.
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क्या है पूरा मामला
रांची सिविल कोर्ट में पदस्थापित दंडाधिकारी कुमार विपुल की यात्रा का विवरण और लोकेशन जानने का प्रयास किया गया है. इस संबंध में कोर्ट के कर्मचारी राजीव रंजन के बयान पर कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई है. राजीव रंजन की प्राथमिकी में कहा गया है कि उनके मोबाइल पर एक नंबर से फोन आया और बात करने वाले व्यक्ति ने दंडाधिकारी कुमार विपुल के बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया. फोन पर पूछा गया कि दंडाधिकारी डाल्टेनगंज कब आएंगे. ऐसा सुनकर राजीव रंजन को शक हुआ और उन्होंने फोन पर बात करने वाले व्यक्ति से डिटेल पूछा तो उसने बताया कि वह डाल्टेनगंज कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग विभाग में कार्यरत है. इसके बाद फोन पर बात करने वाले व्यक्ति ने फोन काट दिया. राजीव रंजन ने उस व्यक्ति से कई बार बात करने का प्रयास किया लेकिन उसका नंबर लगातार व्यस्त मिल रहा था. गौरतलब है कि दंडाधिकारी कुमार विपुल का हाल में ही डाल्टेनगंज तबादला हुआ है.
जांच में जुटी पुलिस
दूसरी तरफ जैसे ही मामला रांची पुलिस के पास पहुंचा, पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. मिली जानकारी के अनुसार जिस नंबर से राजीव रंजन को फोन आया था उसका वर्तमान लोकेशन मुंबई है. अभी तक की जानकारी में यह बात सामने आई है कि दंडाधिकारी की रेकी के लिए जिस फोन नंबर का उपयोग किया गया है, वह एक टेली मार्केटिंग कंपनी का नंबर है. कोतवाली पुलिस पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस की एक टीम जल्द ही मुंबई भी रवाना होगी.