रांची: दोनों सदनों में पास होने और राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद तीन तलाक पर अब कानून बन गया है, लेकिन इससे आगे क्या बदलाव आएगा यह तो वक्त ही बताएगा. आज भी हमारे समाज में हजारों अबला नारी हैं, जो तीन तलाक की मार झेल रही हैं और न्याय को लेकर दर-दर भटक रही हैं.
ईटीवी भारत से की बातचीत
ऐसा ही एक मामला रांची सिविल कोर्ट में देखने को मिला. जिसका पहले तलाक हुआ, फिर हलाला और उसके बाद फिर तलाक. ईटीवी भारत से बात करते हुए पीड़िता खुशबू ने अपने दर्द को बयां किया है.
अस्पताल में ही दे दिया तलाक
यह कहानी रांची के मांडर की रहने वाली खुशबू की है. खुशबू का निकाह 6 साल पहले आजाद खान के साथ हुआ था. कुछ दिन तक साथ रहने के बाद आजाद ने खुशबू को दहेज के खातिर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. प्रताड़ना की हद पार करते हुए उसने खुशबू को जहर तक पिला दिया. लेकिन यह खुशबू की खुशकिस्मती थी कि वह बच गई. उसके बाद हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए आजाद ने अस्पताल में ही खुशबू को तलाक-तलाक-तलाक कह दिया.
तलाक और फिर हलाला
बाद में समाज के दबाव में उसने खुशबू का अपहरण कर हलाला के नाम पर अपने भाई के साथ खुशबू का निकाह करा दिया. दूसरे दिन उसके भाई ने भी खुशबू को तलाक दे दिया. दोबारा उससे आजाद खान ने निकाह कर लिया. 20 दिन तक खुशबू को अपने साथ रखा और उसे गर्भवती कर दिया. इसके बाद अमजद ने फिर दोबारा खुशबू को तलाक दे दिया और दूसरी लड़की से तीसरी शादी कर ली. पीड़िता मामले को लेकर कोर्ट भी पहुंची. कोर्ट ने आजाद को चार हजार रुपए हर महीने खुशबू को देने को कहा. जिससे खुशबू और उसके अबोध बच्चे का भरण पोषण हो सके, लेकिन आजाद ने ऐसा नहीं किया.
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पति फरार
अपनी बेटी और नाती को न्याय दिलाने की आस में कोर्ट के चक्कर काट रहे पिता मकसूद की आंखें अब तक न्याय की आस में खुली है. खुशबू की जिंदगी को तबाह करने वाला अमजद फिलहाल फरार है और पुलिस लंबे समय से उसे तलाश रही है. फरार आरोपी अमजद ने अपने ही भतीजी को भगाकर उससे तीसरी निकाह कर ली है.