ETV Bharat / city

पहले तलाक, फिर हलाला और फिर तलाक, सुनिए दर्द की कहानी पीड़िता की जुबानी

तीन तलाक पर कानून बनने के बाद जहां मुस्लिम महिलाओं में खुशी है. वहीं एक ऐसा मामला रांची में देखने और सुनने को मिला जिसे जानकर आर हैरान रह जाएंगे. यहां एक शौहर ने पहले तलाक दी, फिर हलाला कराया और फिर से तलाक. इस दौरान पीड़िता को जान से मारने की कोशिश भी की गई.

author img

By

Published : Aug 1, 2019, 5:45 PM IST

पीड़िता और आरोपी अमजद

रांची: दोनों सदनों में पास होने और राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद तीन तलाक पर अब कानून बन गया है, लेकिन इससे आगे क्या बदलाव आएगा यह तो वक्त ही बताएगा. आज भी हमारे समाज में हजारों अबला नारी हैं, जो तीन तलाक की मार झेल रही हैं और न्याय को लेकर दर-दर भटक रही हैं.

दर्द की कहानी पीड़िता की जुबानी

ईटीवी भारत से की बातचीत
ऐसा ही एक मामला रांची सिविल कोर्ट में देखने को मिला. जिसका पहले तलाक हुआ, फिर हलाला और उसके बाद फिर तलाक. ईटीवी भारत से बात करते हुए पीड़िता खुशबू ने अपने दर्द को बयां किया है.

अस्पताल में ही दे दिया तलाक
यह कहानी रांची के मांडर की रहने वाली खुशबू की है. खुशबू का निकाह 6 साल पहले आजाद खान के साथ हुआ था. कुछ दिन तक साथ रहने के बाद आजाद ने खुशबू को दहेज के खातिर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. प्रताड़ना की हद पार करते हुए उसने खुशबू को जहर तक पिला दिया. लेकिन यह खुशबू की खुशकिस्मती थी कि वह बच गई. उसके बाद हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए आजाद ने अस्पताल में ही खुशबू को तलाक-तलाक-तलाक कह दिया.

तलाक और फिर हलाला
बाद में समाज के दबाव में उसने खुशबू का अपहरण कर हलाला के नाम पर अपने भाई के साथ खुशबू का निकाह करा दिया. दूसरे दिन उसके भाई ने भी खुशबू को तलाक दे दिया. दोबारा उससे आजाद खान ने निकाह कर लिया. 20 दिन तक खुशबू को अपने साथ रखा और उसे गर्भवती कर दिया. इसके बाद अमजद ने फिर दोबारा खुशबू को तलाक दे दिया और दूसरी लड़की से तीसरी शादी कर ली. पीड़िता मामले को लेकर कोर्ट भी पहुंची. कोर्ट ने आजाद को चार हजार रुपए हर महीने खुशबू को देने को कहा. जिससे खुशबू और उसके अबोध बच्चे का भरण पोषण हो सके, लेकिन आजाद ने ऐसा नहीं किया.

ये भी पढ़ें- दुमकाः मॉब लिंचिंग के बाद उभरा बेटे का दर्द, कहा- साजिश के तहत हुई हत्या

पति फरार
अपनी बेटी और नाती को न्याय दिलाने की आस में कोर्ट के चक्कर काट रहे पिता मकसूद की आंखें अब तक न्याय की आस में खुली है. खुशबू की जिंदगी को तबाह करने वाला अमजद फिलहाल फरार है और पुलिस लंबे समय से उसे तलाश रही है. फरार आरोपी अमजद ने अपने ही भतीजी को भगाकर उससे तीसरी निकाह कर ली है.

रांची: दोनों सदनों में पास होने और राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद तीन तलाक पर अब कानून बन गया है, लेकिन इससे आगे क्या बदलाव आएगा यह तो वक्त ही बताएगा. आज भी हमारे समाज में हजारों अबला नारी हैं, जो तीन तलाक की मार झेल रही हैं और न्याय को लेकर दर-दर भटक रही हैं.

दर्द की कहानी पीड़िता की जुबानी

ईटीवी भारत से की बातचीत
ऐसा ही एक मामला रांची सिविल कोर्ट में देखने को मिला. जिसका पहले तलाक हुआ, फिर हलाला और उसके बाद फिर तलाक. ईटीवी भारत से बात करते हुए पीड़िता खुशबू ने अपने दर्द को बयां किया है.

अस्पताल में ही दे दिया तलाक
यह कहानी रांची के मांडर की रहने वाली खुशबू की है. खुशबू का निकाह 6 साल पहले आजाद खान के साथ हुआ था. कुछ दिन तक साथ रहने के बाद आजाद ने खुशबू को दहेज के खातिर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. प्रताड़ना की हद पार करते हुए उसने खुशबू को जहर तक पिला दिया. लेकिन यह खुशबू की खुशकिस्मती थी कि वह बच गई. उसके बाद हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए आजाद ने अस्पताल में ही खुशबू को तलाक-तलाक-तलाक कह दिया.

तलाक और फिर हलाला
बाद में समाज के दबाव में उसने खुशबू का अपहरण कर हलाला के नाम पर अपने भाई के साथ खुशबू का निकाह करा दिया. दूसरे दिन उसके भाई ने भी खुशबू को तलाक दे दिया. दोबारा उससे आजाद खान ने निकाह कर लिया. 20 दिन तक खुशबू को अपने साथ रखा और उसे गर्भवती कर दिया. इसके बाद अमजद ने फिर दोबारा खुशबू को तलाक दे दिया और दूसरी लड़की से तीसरी शादी कर ली. पीड़िता मामले को लेकर कोर्ट भी पहुंची. कोर्ट ने आजाद को चार हजार रुपए हर महीने खुशबू को देने को कहा. जिससे खुशबू और उसके अबोध बच्चे का भरण पोषण हो सके, लेकिन आजाद ने ऐसा नहीं किया.

ये भी पढ़ें- दुमकाः मॉब लिंचिंग के बाद उभरा बेटे का दर्द, कहा- साजिश के तहत हुई हत्या

पति फरार
अपनी बेटी और नाती को न्याय दिलाने की आस में कोर्ट के चक्कर काट रहे पिता मकसूद की आंखें अब तक न्याय की आस में खुली है. खुशबू की जिंदगी को तबाह करने वाला अमजद फिलहाल फरार है और पुलिस लंबे समय से उसे तलाश रही है. फरार आरोपी अमजद ने अपने ही भतीजी को भगाकर उससे तीसरी निकाह कर ली है.

Intro:पहले तलाक फिर हलाला और फिर तलाक का दर्द झेल रही है पीड़िता न्याय के आस में अदालत की चक्कर काट रही है

स्पेशल स्टोरी.....

रांची
बाइट--- खुशबू परवीन पीड़िता
बाइट--- मकसूद पीड़िता का बाप


दोनो सदनों में पास होने के बाद तीन तलाक अब कानून के रूप में बन गया है राष्ट्रपति ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी है लेकिन इससे आगे क्या बदलाव आएगा यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन आज भी हमारे समाज में हजारों अबला नारी हैं जो तीन तलाक का मार झेल नहीं है और न्याय के लेकर दर-दर भटक रही है ऐसा ही एक मामला रांची सिविल कोर्ट में देखने को मिला जिसका पहले तलाक हुआ फिर हलाला और उसके बाद फिर तलाक ईटीवी भारत से बात करते हुए पीड़िता खुशबू ने अपने दर्द को बयां की है।


Body:यह कहानी रांची के मांडल के रहने वाले खुशबू की है खुशबू का निकाह 4 साल पहले आजाद खान के साथ हुआ था कुछ दिन तक साथ रहने के बाद आजाद ने खुशबू को दहेज के खातिर प्रताड़ना करना शुरू कर दिया प्रताड़ना हद पार करते हुए उसने खुशबू को जाहर तक पिला दिया लेकिन या खुशबू की खुशकिस्मती थी या बदकिस्मती वह बच गई । उसके बाद हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए आजाद ने अस्पताल में ही खुशबू को तीन तलाक दे दिया बाद में समाज के दबाव में उसने खुशबू का अपहरण कर हलाला के नाम पर अपने भाई के साथ खुशबू का निकाह करा दिया जिसके बाद उसके भाई ने भी उसे निकाह करा दिया और दूसरे दिन उसके भाई ने भी खुशबू को तलाक दे दिया और दोबारा उससे आजाद खान ने निकाह कर लिया 20 दिन तक खुशबू को अपने साथ रखा और उसे गर्भवती कर दिया इसके बाद शैतान अमजद ने फिर दोबारा खुशबू को तलाक दे दिया। पीड़िता ने जिसको लेकर कोर्ट भी पहुंची कोर्ट ने आजाद को खुशबू कमेंट्रीज के तौर पर कुल ₹4000 प्रतिमा देने को कहा। जिससे खुशबू और उसके अबोध बच्चे का भरण पोषण हो सके लेकिन आजाद ने ऐसा नहीं किया।



अपने मासूम बच्ची और नाती को न्याय दिलाने की आस में कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं मकसूद आंखें अब तक न्याय की आस में खुली है खुशबू की जिंदगी को तबाह करने वाला अमजद फिलहाल कोर्ट की नजरों से फरार है और पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश कर रही है लेकिन अब तक इस शैतान को पकड़ पाने में पुलिस नाकाम रही है फरारी के दौरान शैतान अमजद ने अपने ही भतीजी को भगाकर उससे तीसरी निकाह कर लिया।


Conclusion:खुशबू प्रतीक है उन तमाम अबलाओ कि जो इस तरह से तीन तलाक की मार झेल रही हो भले ही तीन तलाक अब जुर्म की श्रेणी में आ गया है लेकिन क्या खुशबू जैसी पीड़ितों के लिए भी सरकार को कानून बनाएगी क्या आखिर तीन तलाक कानून के पास होने के बाद खुशबू को न्याय मिल पाएगा।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.