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सरना धर्म कोड की मांग पर अड़े आदिवासी समाज, 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम का ऐलान

सदियों पुरानी सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी समाज गोलबंद हो रहे हैं. इसे लागू करने की मांग को लेकर 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम करने का ऐलान किया है.

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सरना धर्म कोड की मांग
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Published : Oct 12, 2020, 10:36 PM IST

रांची: आदिवासी समाज की सदियों पुरानी सरना धर्म कोड की मांग का आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ता दिख रहा है. केंद्रीय सरना समिति आदिवासी सेंगल अभियान और अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम करने का ऐलान किया गया है. इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए आदिवासी बहुल जिलों में जनसंपर्क अभियान भी चला कर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया गया है. ताकि बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग सड़क पर उतर कर सरना धर्म कोड की मांग को बुलंद कर सकेंगे.

सरना धर्म कोड की मांग
वहीं आदिवासी सेंगल अभियान के केंद्रीय अध्यक्ष सालखान मुर्मू ने राज्य सरकार पर चलने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के समय सरना धर्म कोड देने की बात कही थी, लेकिन विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान इस बिल को नहीं लाया गया, जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती है धार्मिक अस्तित्व की रक्षा लेकर या आंदोलन राज्य से लेकर केंद्र तक जारी रहेगा. इसी के तहत आज निर्णय लिया गया है कि 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम किया जाएगा, वहीं 6 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी रोड रेल और बस रोक कर सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा. क्योंकि 2021 में जनगणना होना है इसलिए इस बार करो या मरो की स्थिति में आदिवासी संगठन के लोग हैं.

ये भी पढ़ें- दुमका-बेरमो में होगी गठबंधन की जीत, अपना अस्तित्व खो चुकी है BJP: हेमंत सोरेन

केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि 15 अक्टूबर को राज्य चक्का जाम कर विरोध करने का काम किया जाएगा और इस कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर विभिन्न जिलों में जनसंपर्क अभियान चलाया गया है. सरना धर्म कोड की मांग को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ-साथ हिंदू और मुस्लिम संगठन ने भी अपना सहमति देने की बात की है.

रांची: आदिवासी समाज की सदियों पुरानी सरना धर्म कोड की मांग का आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ता दिख रहा है. केंद्रीय सरना समिति आदिवासी सेंगल अभियान और अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम करने का ऐलान किया गया है. इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए आदिवासी बहुल जिलों में जनसंपर्क अभियान भी चला कर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया गया है. ताकि बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग सड़क पर उतर कर सरना धर्म कोड की मांग को बुलंद कर सकेंगे.

सरना धर्म कोड की मांग
वहीं आदिवासी सेंगल अभियान के केंद्रीय अध्यक्ष सालखान मुर्मू ने राज्य सरकार पर चलने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के समय सरना धर्म कोड देने की बात कही थी, लेकिन विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान इस बिल को नहीं लाया गया, जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती है धार्मिक अस्तित्व की रक्षा लेकर या आंदोलन राज्य से लेकर केंद्र तक जारी रहेगा. इसी के तहत आज निर्णय लिया गया है कि 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम किया जाएगा, वहीं 6 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी रोड रेल और बस रोक कर सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा. क्योंकि 2021 में जनगणना होना है इसलिए इस बार करो या मरो की स्थिति में आदिवासी संगठन के लोग हैं.

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केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि 15 अक्टूबर को राज्य चक्का जाम कर विरोध करने का काम किया जाएगा और इस कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर विभिन्न जिलों में जनसंपर्क अभियान चलाया गया है. सरना धर्म कोड की मांग को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ-साथ हिंदू और मुस्लिम संगठन ने भी अपना सहमति देने की बात की है.

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