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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: कुर्मी समाज की राजनीतिक दलों से मांग, 3 सूत्री एजेंडा घोषणपत्र में होगा शामिल तो चुनाव में करेंगे सहयोग - assembly election 2019

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर आदिवासी कुर्मी समाज ने राजनीतिक दलों से मांग की है. उनकी मांग है कि उनके 3 सूत्री एजेंडे को अगर पार्टियां अपने घोषणापत्र में शामिल करती हैं, तो कुर्मी समाज विधानसभा चुनाव में उन्हें सहयोग करेगा.

कुर्मी समाज की राजनीतिक दलों से मांग
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Published : Nov 6, 2019, 10:14 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव की चुनावी बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों के साथ ही सामाजिक संगठनों की भूमिका सक्रिय होती नजर आ रही है. सामाजिक संगठन आदिवासी कुर्मी समाज ने राज्य के तमाम राजनीतिक दलों से अपनी 3 सूत्री मांगों को चुनावी एजेंडे में शामिल करने की मांग की है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

सामाजिक संगठन आदिवासी कुर्मी समाज का साफ शब्दों में कहना है कि राजनीतिक दल आदिवासी कुर्मी समाज की मांगों को अगर अपने चुनावी एजेंडे में शामिल करेंगे, तो कुर्मी समाज विधानसभा चुनाव में उन्हें सहयोग करेगा.

ये भी पढ़ें- रांची सीट को लेकर महागठबंधन में फंसा पेंच, कांग्रेस नहीं खोना चाहती अपनी परंपरागत सीट

आदिवासी कुर्मी समाज के मुताबिक, लंबे समय से वे लोग से कुर्मी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने, सरना धर्म कोड लागू करने और कुरमाली भाषा को राजकीय भाषा का दर्जा देने की मांग करते रहे हैं. हालांकि आज तक राज्य में जितनी भी सरकारें आईं, उन्होंने उनका मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया.

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव की चुनावी बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों के साथ ही सामाजिक संगठनों की भूमिका सक्रिय होती नजर आ रही है. सामाजिक संगठन आदिवासी कुर्मी समाज ने राज्य के तमाम राजनीतिक दलों से अपनी 3 सूत्री मांगों को चुनावी एजेंडे में शामिल करने की मांग की है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

सामाजिक संगठन आदिवासी कुर्मी समाज का साफ शब्दों में कहना है कि राजनीतिक दल आदिवासी कुर्मी समाज की मांगों को अगर अपने चुनावी एजेंडे में शामिल करेंगे, तो कुर्मी समाज विधानसभा चुनाव में उन्हें सहयोग करेगा.

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आदिवासी कुर्मी समाज के मुताबिक, लंबे समय से वे लोग से कुर्मी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने, सरना धर्म कोड लागू करने और कुरमाली भाषा को राजकीय भाषा का दर्जा देने की मांग करते रहे हैं. हालांकि आज तक राज्य में जितनी भी सरकारें आईं, उन्होंने उनका मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया.

Intro:रांची
बाइट---अजीत प्रसाद महतो//चीफ एडवाइजर आदिवासी कुर्मी समाज



झारखंड विधानसभा चुनाव की चुनावी बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों की भूमिका सक्रिय होती नजर आ रही है समाजिक संगठन आदिवासी कुर्मी समाज ने राज्य के तमाम राजनीतिक दलों से अपनी 3 सूत्री मांगों को चुनावी एजेंडा में शामिल करने की मांग किया है जो राजनीतिक दल आदिवासी कुर्मी समाज की मांगों को अपनी चुनावी एजेंडा में शामिल करेगी उसे चुनाव में सहयोग करेगी


Body:आदिवासी कुर्मी समाज के मुताबिक पिछले लंबे समय से कुर्मी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने सरना धर्म कोड लागू करने और कुरमाली भाषा को राजकीय भाषा की दर्जा देने की मांग करते रही है लेकिन आज तक राज्य में जितने भी सरकारें आई उन्होंने पूरा करने का काम नहीं किया है इस बार तमाम राजनीतिक दलों से यह मांग की गई है की कुर्मी समाज के द्वारा जो 3 सूत्री मांगे रखी गई है उसे चुनावी एजेंडे में शामिल किया जाए


Conclusion:
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