अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने झारखंड ट्राइब्स एडवाइजरी काउंसिल (Jharkhand Tribes Advisory Council) के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है. काउंसिल के पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विभागीय मंत्री चंपई सोरेन उपाध्यक्ष बनाए गए हैं.
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इसके अलावा अलग-अलग दलों के एसटी कोटे के 15 विधायकों को सदस्य बनाया गया है. पूर्वी सिंहभूम के विश्वनाथ सिंह सरदार और रांची के जमल मुंडा को मनोनीत सदस्य बनाया गया. अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में जो भी प्रधान सचिव या सचिव के पद पर होंगे, वह काउंसिल के भी सचिव होंगे. अधिसूचना जारी होते ही काउंसिल से जुड़ी व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है.
सदस्यों में इनके नाम शामिल हैं
स्टीफन मरांडी- सदस्य
नीलकंठ सिंह मुंडा- सदस्य
बाबूलाल मरांडी- सदस्य
कोचे मुंडा- सदस्य
बंधु तिर्की- सदस्य
सीता सोरेन- सदस्य
दीपक बिरूवा- सदस्य
चमरा लिंडा- सदस्य
भूषण तिर्की- सदस्य
सुखराम उरांव- सदस्य
दशरथ गगराई- सदस्य
विकास मुंडा- सदस्य
नमन विक्सल कोनगाड़ी- सदस्य
राजेश कच्छप- सदस्य
सोनाराम सिंकू- सदस्य
विश्वनाथ सिंह सरदार- मनोनीत सदस्य
जमल मुंडा- मनोनीत सदस्य
TAC में कौन होंगे सचिव और कैसे करेगा काम
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव या सचिव झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल के सचिव होंगे. इसके अलावा झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल और उनके सदस्यों का कार्यकाल झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल नियमावली 2021 (Jharkhand Tribal Advisory Council Rules 2021) के प्रावधानों के मुताबिक होगा. झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की ओर से कार्यों का निष्पादन झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल नियमावली 2021 के प्रावधान के अनुरूप किया जाएगा. इसपर मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त है.
टीएसी के गठन को लेकर सरकार और राजभवन के बीच बात नहीं बन रही थी. पिछले दिनों सरकार की तरफ से टीएसी (TAC) के गठन में राजभवन की भूमिका को खत्म करते हुए नई नियमावली बनाई थी. इसको लेकर झारखंड में जमकर राजनीति भी हुई. 7 जून को ही नई नियमावली के संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था. तब से टीएसी के सदस्यों के मनोनयन का अधिकार मुख्यमंत्री के पास चला गया. पूर्व में सदस्यों के मनोनयन के लिए राजभवन की स्वीकृति जरूरी थी.