रांची: राजधानी रांची की ट्रैफिक पुलिस इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही है. एक सप्ताह के भीतर तीसरी बार ग्रीन कॉरिडोर बनवाया गया. क्रोनिक लिवर डिजीज से पीड़ित मरीज रविंद्र नाथ तिवारी को ट्रैफिक पुलिस की मदद से महज 13 मिनट में बुटी मोड़ के पास स्थित मेडिका अस्पताल से एयरपोर्ट भिजवाया गया. बता दें कि अस्पताल से एयरपोर्ट की दूरी करीब 14 किलोमीटर है. इस दूरी को तय करने के लिए आम तौर पर करीब 40 मिनट लगते हैं. जाम की स्थिति में घंटों लग सकता है.
ट्रैफिक एसपी को दी थी सूचना
जानकारी के अनुसार, रविंद्र नाथ तिवारी को इलाज के लिए एक सप्ताह पहले मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सोमवार को डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए गुड़गांव के मेदांता अस्पताल रेफर कर दिया. परिजनों ने बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर एयर एम्बुलेंस बुलाई और ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को इसकी सूचना दी.
ग्रीन कॉरिडोर
इसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनवाया. इसे तैयार करने में ट्रैफिक थानेदार और जवानों ने अहम भूमिका निभाई. अस्पताल से मरीज को एम्बुलेंस के जरिए एसएसपी आवास होते हुए बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचाया गया. मेडिका से एम्बुलेंस 11:55 बजे निकली थी, 12:08 बजे एयरपोर्ट पहुंच गई.
खुशी के लिए दिल्ली तक बना था कॉरिडोर
बीते पांच फरवरी को नौ महीने की बच्ची खुशी के लिए रांची में ग्रीन कॉरिडोर बना था. रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. इसके बाद दिल्ली में भी ग्रीन कॉरिडोर बनाकर गंगाराम अस्पताल पहुंचाया गया था. रांची में 12 किमी की दूरी महज 11 मिनट में तय की गई थी.
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कई और मामले
24 अप्रैल, 2017 को बूढ़ा पहाड़ के नक्सली अभियान में घायल हुए जवानों को रांची एयरपोर्ट से मेडिका अस्पताल पहुंचाने के लिए भी ग्रीन कॉरिडोर बनाया था. उस समय एयरपोर्ट से मेडिका महज 19 मिनट में पहुंचाया गया था.