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TOP10@7PM: झारखंड में बढ़ी राजनीतिक हलचल, सीएम हेमंत सोरेन गए दिल्ली, जानें अब तक की 10 बड़ी खबरें

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Published : Sep 15, 2022, 7:03 PM IST

झारखंड में बढ़ी राजनीतिक हलचल, सीएम हेमंत सोरेन गए दिल्ली, 'असंवैधानिक है 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति, नहीं किया जा सकता है लागू', 16 सब इंस्पेक्टर का तबादला, सभी रेल पुलिस में देंगे योगदान, देखें तबादले की लिस्ट, जिसके पास होगा 1932 का कागज, वही कहलायेगा 'झारखंडी', जानिए क्या हैं हेमंत सरकार के फैसले के मायने, सीएम हेमंत सोरेन ने की राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात,कहा- दूर करें राजनीति अनिश्चितता... ऐसी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें TOP10@7PM.

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झारखंड के रेल डीजी ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर सब इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अफसरों की मांग की. इसलिए राज्य के अलग-अलग जिलों में प्रस्तावित सभी 16 सब इंस्पेक्टरों का तबादला रेलवे पुलिस में (Sub inspectors transferred in railways) कर दिया गया है. देखें तबादले की लिस्ट.

  • जिसके पास होगा 1932 का कागज, वही कहलायेगा 'झारखंडी', जानिए क्या हैं हेमंत सरकार के फैसले के मायने

हेमंत सोरेन सरकार ने स्थानीयता के लिए 1932 के खतियान (1932 Khatian Based Domicile Policy) को अनिवार्य बना दिया है. बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर फैसला लिया गया है. ऐसे में अब कई सवाल उठने लगे हैं. कौन कहलाएगा झारखंडी, जिसके पास 1932 का खतियान नहीं है उसका क्या होगा, जिसका डोमिसाइल सर्टिफिकेट बन जाएगा उसको क्या फायदा होगा, फैसले को लागू कराने के लिए सरकार को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा? जानते हैं इस रिपोर्ट में...

  • सीएम हेमंत सोरेन ने की राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात,कहा- दूर करें राजनीति अनिश्चितता

सीएम हेमंत सोरेन गुरुवार दोपहर लगभग 2.15 बजे राज्यपाल रमेश बैस से मिलने पहुंचे. करीब 40 मिनट बातचीत करने के बाद सीएम हेमंत सोरेन अपने आवास वापस लौट गए. इस दौरान उन्होंने एक पत्र भी राज्यपाल को सौंपा. इसमें चुनाव आयोग के दिए गए पत्र के बारे में खुलासा करने का आग्रह किया.

  • मधु कोड़ा ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति का किया विरोध, कहा- 45 लाख लोग बन जाएंगे रिफ्यूजी

रांची: सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य में 27 प्रतिशत ओबीसी को आरक्षण देने और 1932 के खतियान आधार पर स्थानीय नीति करने की बात कही है. इसके बाद पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने सीएम हेमंत सोरेन की स्थानीय नीति का जमकर विरोध किया है (Madhu Koda opposed sthaniya niti).

  • World Engineer Day: बिना इंटरनेट सिर्फ एक आवाज से ऑपरेट होंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, झारखंड के लाल का कमाल

कोडरमा के कुणाल अम्बष्ट ने एक कंप्लीट होम ऑटोमेशन सिस्टम का अविष्कार (Invention of Complete Home Automation System) किया है. खास बात ये है कि इस डिवाइस को बिना किसी इंटरनेट के ही आवाज से संचालित किया जा सकता है और घर के इलेक्ट्रॉनिक उपकर को कंट्रोल कर सकते हैं.

  • स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण हेमंत सरकार का लॉलीपॉप: सीपी सिंह

बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि स्थानीय नीति (1932 Khatian Based Domicile Policy) और ओबीसी आरक्षण हेमंत सरकार का लॉलीपॉप है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार का यह निर्णय भ्रामक है. इससे समाज में विद्वेष फैलेगा.

  • 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति अव्यवहारिक और तनाव बढ़ाने वाला: इंदर सिंह नामधारी

हेमंत सरकार 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति बनाने जा रही है (Sthaniya Niti Based On Khatiyan Of 1932). इस फैसले को झारखंड विधानसभा के पहले अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने अव्यवहारिक और तनाव बढ़ाने वाला बताया है.

  • विधायक नलिन सोरेन का बयान, 1932 के खतियान और ओबीसी आरक्षण से जनता खुश, मिलेगा राजनीतिक लाभ

झामुमो विधायक दल के मुख्य सचेतक नलिन सोरेन ने कहा(mla nalin soren statement) है कि हेमंत सोरेन सरकार ने अपना वादा निभाया है. उन्होंने कहा कि राज्य के मूलवासियों की सालों पुरानी मांग पूरी हुई है.

  • झारखंड में बढ़ी राजनीतिक हलचल, सीएम हेमंत सोरेन गए दिल्ली

झारखंड में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. सीएम हेमंत सोरेन दिल्ली गए (CM Hemant Soren visit to Delhi).

  • 'असंवैधानिक है 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति, नहीं किया जा सकता है लागू'

हेमंत सोरेन सरकार ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने का फैसला किया है (1932 khatiyan best sthaniya niti in Jharkhand). इसके बाद से ही झारखंड की राजनीति गर्म हो गई है. हेमंत सोरेन के इस फैसले से कहीं खुशी का माहौल है तो कहीं इस फैसले पर सवाल उठाया जा रहा है. वहीं कई नेता और विशेषज्ञ इसे अव्यवहारिक भी बता रहे हैं.

  • 16 सब इंस्पेक्टर का तबादला, सभी रेल पुलिस में देंगे योगदान, देखें तबादले की लिस्ट

झारखंड के रेल डीजी ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर सब इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अफसरों की मांग की. इसलिए राज्य के अलग-अलग जिलों में प्रस्तावित सभी 16 सब इंस्पेक्टरों का तबादला रेलवे पुलिस में (Sub inspectors transferred in railways) कर दिया गया है. देखें तबादले की लिस्ट.

  • जिसके पास होगा 1932 का कागज, वही कहलायेगा 'झारखंडी', जानिए क्या हैं हेमंत सरकार के फैसले के मायने

हेमंत सोरेन सरकार ने स्थानीयता के लिए 1932 के खतियान (1932 Khatian Based Domicile Policy) को अनिवार्य बना दिया है. बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर फैसला लिया गया है. ऐसे में अब कई सवाल उठने लगे हैं. कौन कहलाएगा झारखंडी, जिसके पास 1932 का खतियान नहीं है उसका क्या होगा, जिसका डोमिसाइल सर्टिफिकेट बन जाएगा उसको क्या फायदा होगा, फैसले को लागू कराने के लिए सरकार को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा? जानते हैं इस रिपोर्ट में...

  • सीएम हेमंत सोरेन ने की राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात,कहा- दूर करें राजनीति अनिश्चितता

सीएम हेमंत सोरेन गुरुवार दोपहर लगभग 2.15 बजे राज्यपाल रमेश बैस से मिलने पहुंचे. करीब 40 मिनट बातचीत करने के बाद सीएम हेमंत सोरेन अपने आवास वापस लौट गए. इस दौरान उन्होंने एक पत्र भी राज्यपाल को सौंपा. इसमें चुनाव आयोग के दिए गए पत्र के बारे में खुलासा करने का आग्रह किया.

  • मधु कोड़ा ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति का किया विरोध, कहा- 45 लाख लोग बन जाएंगे रिफ्यूजी

रांची: सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य में 27 प्रतिशत ओबीसी को आरक्षण देने और 1932 के खतियान आधार पर स्थानीय नीति करने की बात कही है. इसके बाद पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने सीएम हेमंत सोरेन की स्थानीय नीति का जमकर विरोध किया है (Madhu Koda opposed sthaniya niti).

  • World Engineer Day: बिना इंटरनेट सिर्फ एक आवाज से ऑपरेट होंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, झारखंड के लाल का कमाल

कोडरमा के कुणाल अम्बष्ट ने एक कंप्लीट होम ऑटोमेशन सिस्टम का अविष्कार (Invention of Complete Home Automation System) किया है. खास बात ये है कि इस डिवाइस को बिना किसी इंटरनेट के ही आवाज से संचालित किया जा सकता है और घर के इलेक्ट्रॉनिक उपकर को कंट्रोल कर सकते हैं.

  • स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण हेमंत सरकार का लॉलीपॉप: सीपी सिंह

बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि स्थानीय नीति (1932 Khatian Based Domicile Policy) और ओबीसी आरक्षण हेमंत सरकार का लॉलीपॉप है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार का यह निर्णय भ्रामक है. इससे समाज में विद्वेष फैलेगा.

  • 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति अव्यवहारिक और तनाव बढ़ाने वाला: इंदर सिंह नामधारी

हेमंत सरकार 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति बनाने जा रही है (Sthaniya Niti Based On Khatiyan Of 1932). इस फैसले को झारखंड विधानसभा के पहले अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने अव्यवहारिक और तनाव बढ़ाने वाला बताया है.

  • विधायक नलिन सोरेन का बयान, 1932 के खतियान और ओबीसी आरक्षण से जनता खुश, मिलेगा राजनीतिक लाभ

झामुमो विधायक दल के मुख्य सचेतक नलिन सोरेन ने कहा(mla nalin soren statement) है कि हेमंत सोरेन सरकार ने अपना वादा निभाया है. उन्होंने कहा कि राज्य के मूलवासियों की सालों पुरानी मांग पूरी हुई है.

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