रांची: राजधानी की पुलिस ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है जिसने ठगी के लिए शायद ही किसी रसूखदार का नाम पर ठगी न किया हो. गिरफ्तार ठग का नाम राजीव कुमार मिश्रा है वह बिहार के गया का रहने वाला है. राजीव रांची के अरगोड़ा इलाके में छुप कर रहा था. वही से उसे दबोचा गया है.
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जज ,मंत्री से लेकर अधिकारी तक ,सबके नाम से की ठगी: गिरफ्तार ठग ने रांची के चीफ जस्टिस समेत कई मंत्रियो ,सांसदों और अधिकारियों ने नाम पर दर्जनों लोगों से ठगी कर चुका है. आरोपी के पास से पुलिस ने सात सिम कार्ड, सात फर्जी आधार कार्ड के अलावा डेढ़ लाख रुपए नगदी बरामद किया है. पुलिस के अनुसार शातिर ठग रंजन ने रांची समेत झारखंड के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी कई लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है. पुलिस को आरोपी की काफी दिनों से तलाश थी.
रांची पुलिस को मिली सूचना: इसी बीच एसएसपी किशोर कौशल को यह जानकारी मिली कि आरोपी ठग अरगोड़ा इलाके में है. पुलिस की टीम ने छापेमारी कर आरोपी को धर-दबोचा है. पूछताछ में आरोपी ने पुलिस के समक्ष अपना जुर्म स्वीकार किया है. उसने पुलिस को कई अहम जानकारी भी दी है. पुलिस आरोपी से लगातार पूछताछ कर रही है. बता दें कि 27 जून को गोंदा थाने में चीफ जस्टिस के नाम पर ठगी के प्रयास का केस दर्ज हुआ था. इस मामले का जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि इस घटना को रंजन ने भी अंजाम दिया था. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है.
बिहार पुलिस में दरोगा है श्वसुर: पूछताछ में आरोपी ने यह बताया है कि उसके ससुर बिहार पुलिस में दरोगा के पद पर है ,इसी का फायदा उठाकर वह शुरुआत में ठगी की वारदातों को अंजाम दिया करता था इसके बाद उसने धीरे-धीरे बड़े नेताओं ,अधिकारियों और मंत्रियों के नामों का इस्तेमाल कर ठगी की जिसमें अधिकांश में वह सफल रहा. इसी की वजह से उसने ठगी के इस धंधे को अपना पेशा बना लिया था.
अर्जुन मुंडा के नाम पर कर चुका है ठगी: आरोपी रंजन झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री वर्तमान में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के नाम पर भी ठगी कर चुका है. उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री के अलावा पूर्व मंत्री हरिनारायण राय और पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा के पीएस के नाम पर भी लोगों से ठगी की है. इस मामले में भी शहर के विभिन्न थानों में केस दर्ज किया गया है. आरोपी रंजन पर रांची समेत बिहार, यूपी और दिल्ली में कुल 18 मामले दर्ज हैं. इसमें रांची में 2008 में पांच, जमशेदपुर में दो, धनबाद में दो, यूपी में छह, दिल्ली के अलावा बिहार में भी केस दर्ज है. बताया जा रहा है कि आरोपी ने यूपी के गृह सचिव के नाम पर जेल अधीक्षक से ठगी करने का प्रयास किया था. जेल अधीक्षक ने होम सेक्रेट्री से बात की तो पता चला कि ऐसा कोई मामला नहीं है। इस मामले में यूपी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजी थी। मई 2022 में वह लखनऊ जेल से छूटा था। इसके बाद वह रांची आ गया.