रांची: कल्याण विभाग और रामदयाल मुंडा ट्राईबल रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से ट्राइबल फिलोसॉफी विषय पर आयोजित तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस दौरान प्रदेश की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू, सीएम हेमंत सोरेन ने शिरकत की.
'विश्व में सबसे अच्छा दर्शन आदिवासी दर्शन'
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि विश्व में सबसे अच्छा दर्शन आदिवासी दर्शन है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए नहीं कि वह खुद उस समुदाय से आती हैं, बल्कि इसके पीछे वाजिब वजह है. उन्होंने कहा कि हर परिस्थिति में आदिवासी समुदाय के लोग खुश रहते हैं. भले ही घर में खाने को कुछ नहीं हो बावजूद उसके वह जिंदगी जीते हैं.
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'ट्राइबल दर्शन को लेकर कोई लिखित दस्तावेज नहीं '
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ट्राइबल दर्शन को लेकर कोई लिखित दस्तावेज नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई संकलन नहीं है जिसमें ट्राइबल फिलॉसफी को लेकर चीज स्पष्ट हो. गवर्नर ने कहा कि इस तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस के दौरान कई वक्ता आएंगे और अपने विचार रखेंगे. उन विचारों से एक लिखित संकलन तैयार होना चाहिए. कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश में 75 पीवीटीजी ग्रुप है. यह वह प्रिमिटिव ग्रुप है जिनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति काफी कमजोर है. उनमें से कई की संख्या सैकड़ों में ही बची है.
ट्राइबल फिलोसॉफी को किया परिभाषित
उन्होंने ट्राइबल फिलॉसफी को परिभाषित करते हुए कहा कि ट्राइबल का मतलब आदि है, जिसे शुरुआती कह सकते हैं. वहीं फिलॉसफी रशियन शब्द है. जिसका मूल अर्थ ज्ञान से प्रेम है. अपने भाषण के दौरान गवर्नर ने साफ कहा कि आदिवासी समुदाय के लोग झूठ नहीं बोलते हैं. अगर ऐसी स्थिति होती भी है तो वे पकड़े जाते हैं. उन्होंने कहा कि दरअसल इस समुदाय के लोग सीधे साधे होते हैं.
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7 देशों के जानकार होंगे शामिल
बता दें कि राजधानी के आड्रे हाउस में आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार 19 जनवरी तक चलेगा. इस दौरान 7 देशों से आए जानकार अपनी बात रखेंगे. उनमें स्विट्जरलैंड, केन्या, इंडोनेशिया, स्वीडन, रशिया बांग्लादेश और कोपेनहेगन शामिल है.