रांची: रांची पुलिस ने साइबर फ्रॉड के एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ करते हुए तीन साइबर अपराधियों को दबोच लिया है. पकड़े गए साइबर अपराधी भारत सरकार और राज्य सरकार की अलग-अलग योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर ठगी किया करते थे. इस मामले को लेकर रांची पुलिस बुधवार को बड़ा खुलासा करेगी.
बरियातू में रेड
गिरोह की गुप्त सूचना मिलने के बाद एसएसपी अनीश गुप्ता के निर्देश पर सदर डीएसपी दीपक कुमार पांडेय, साइबर डीएसपी यशोदरा, बरियातू थानेदार सपन कुमार महता सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और बरियातू थाना क्षेत्र के जोड़ा तालाब के समीप स्थित इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के तुलसी मार्केट में छापेमारी की. छापेमारी के दौरान तीन साइबर अपराधी मौके से पकड़े गए. इनके पास से भारत सरकार, राज्य सरकार, बजाज फाइनेंस, उज्ज्वला योजना से संबंधित कई कागजात, स्टांप, मोहर, लैपटॉप ठगी के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला डायलॉग लिखी हुई कॉपी बरामद किए गए. पुलिस ने तीनों आरोपियों से पूछताछ की. पूछताछ में बताया कि इनके गिरोह के सरगना नवादा जिले का रहने वाला गौतम ईस्माइली है. वह ठगी के लिए अंतरराज्यीय स्तर पर ठगी का गिरोह चलाता है. हालांकि, वह मौके से फरार मिला. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. मामले में बरियातू इंस्पेक्टर सपन कुमार महता के बयान पर बरियातू थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
ठगी के लिए लिख रखा था डायलॉग
साइबर अपराधियों ने ठगी के लिए डायलॉग लिख रखा था. उन्हीं डाइलोगों का इस्तेमाल कर साइबर अपराधी ठगी किया करते थे. डायलॉग में लिखा था कि आपको बजाज फाइनेंस की ओर से लोन दिया जाता है. इसके अलावा उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर दिया जाएगा. डायलॉग लिखे हुए कॉपी, ट्रेजरी ऑफिसर भारत सरकार के विभिन्न कार्यालयों के स्टांप मोहर, एटीएम कार्ड, प्रिंटर, लैपटॉप, फर्जी स्टांप, पेपर सहित अन्य सामान बरामद किए गए हैं.
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ये हुए गिरफ्तार
नवादा जिले के काशीचक थाना क्षेत्र के वीरनामा निवासी रोहित राम, झारखंड के लातेहार जिला के चंदवा निवासी प्रकाश कुमार और पूर्वी सिंहभूम के बागबेड़ा मथुरा सेठ के समीप का रहने वाला सौरभ कुमार शामिल है. जबकि गिरोह का सरगना गौतम इस्माइली, विक्की कुमार, नीतीश कुमार राम, राकेश कुमार व दो अन्य अज्ञात अपराधी फरार हैं. सभी की पुलिस तलाश कर रही है.
12000 प्रति माह के वेतन पर रखे गए थे साइबर फ्रॉड
गिरोह के सरगना गौतम इस्माइली ने 12,000 रुपए प्रतिमाह के वेतन पर साइबर फ्रॉड को नौकरी पर रखा था. उन्हें रहना और खाना फ्री किया गया था. सभी के पास अपना मोबाइल और लैपटॉप भी था.
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बजाज फाइनेंस, एलपीजी वितरक के नाम पर वेबसाइट
साइबर अपराधियों ने बजाज फाइनेंस और एलपीजी वितरक एजेंसी के नाम पर वेबसाइट बना रखा था. इन्हें वेबसाइट का हवाला देकर लोगों से अपने अकाउंट पर पैसे मंगाया करते थे. साइबर अपराधी लोगों को कॉल कर बताते थे कि उन्हें मुफ्त में उज्जवला योजना के तहत गैस दिया जाएगा. भारत सरकार की अलग-अलग योजनाएं दी जाएगी और बजाज फाइनेंस के तहत लोन मुहैया कराया जाएगा. इसके लिए राजवीर रंजन, समीर राज और कुंदन कुमार के अकाउंट में पैसे मंगाते थे. इन अकाउंट का संचालन गिरोह का सरगना गौतम इस्माइली करता था. पुलिस संबंधित खातों का भी पता लगा रही है.