रांची: झारखंड विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच मंगलवार को 4684.92 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट पास हो गया है. भोजनावकाश के बाद दोपहर 2 बजे सदन की शुरू हुई कार्यवाही के दौरान सदन एक बार फिर बीजेपी विधायकों के हंगामे के कारण गरमाया रहा. विधानसभाध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो सदन में शांति बनाने की कोशिश करते रहे. बीजेपी विधायक अमर बाउरी के प्रश्न पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के जवाब से बीजेपी विधायक नाराज हो गए और सदन में हो हल्ला शुरू हो गया.
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नमाज रूम आवंटन पर स्पीकर ने दी सफाई
नमाज रूम आवंटन के बाद मचे बबाल पर विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने वही काम किया है जो पहले से चली आ रही थी. मंगलवार को सदन की कार्यवाही के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए स्पीकर ने कहा कि मेरे लिए पक्ष और विपक्ष एक समान है. उन्होंने हनुमान चालीसा के लिए की जा रही मांग को खारिज करते हुए कहा कि जो पहले से परिपाटी चली आ रही है वही चलेगा. जो आज इसकी मांग कर रहे हैं वो पहले अपने सत्ताकाल में क्यों नहीं करवाए. विधानसभाध्यक्ष ने बीजेपी के आक्रामक रुख पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें खुद सोचना चाहिए कि सदन कैसे चले और जनहित के मुद्दे ज्यादा से ज्यादा आये यह सोचना चाहिए, मगर ऐसा हो नहीं रहा है. उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाकर गतिरोध खत्म करने से इनकार करते हुए कहा कि यदि आवश्यकता पड़ेगी तो इसे देखा जाएगा. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए स्पीकर ने साफ शब्दों में कहा कि पुराने विधानसभा भवन में भी ऐसी व्यवस्था थी जिसकी सत्यता का पता कर सकते हैं.
सीपी सिंह ने बन्ना गुप्ता पर की विवादित टिप्पणी
सदन में बीजेपी विधायक सीपी सिंह की स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर विवादित टिप्पणी ने आग में घी डालने का काम किया. जिसके कारण सदन बेहद ही हंगामेदार हो गया. इन सबके बीच सदन में निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों को 75 फीसदी आरक्षण संबंधी विधानसभा प्रारूप समिति की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी गई. इससे संबंधित बिल राज्य सरकार द्वारा पिछले बजट सत्र के दौरान लाया गया था. इस विधेयक पर वुधवार यानी कल चर्चा होने की संभावना है.
सदन के अंदर और बाहर आरोप प्रत्यारोप रहा जारी
मंगलवार को मानसून सत्र के दौरान सदन के अंदर और बाहर सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी रहा. सदन की कार्यवाही निर्धारित समय से डेढ़ घंटे पहले स्थगित होने के बाद सदन के बाहर सत्ता पक्ष और विपक्ष निशाना साधते दिखे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष के हंगामे पर निशाना साधते हुए कहा कि मुद्दा विहीन विपक्ष के पास हंगामा करने के सिवा अब कुछ है ही नहीं.
नियोजन नीति पर सवाल
इधर, पूर्व सीएम और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए कहा कि पूर्व की सरकार की नियोजन नीति झारखंड के युवाओं को रोजगार देने वाला था. मगर जो वर्तमान नियोजन नीति सरकार लेकर आई है उससे यहां के युवाओं को कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने कोरोना काल में अस्पतालों में हुई परेशानी और सुविधा के अभाव में लोगों की गई जान के लिए राज्य सरकार को दोषी मानते हुए जमकर आलोचना की. कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने बीजेपी पर सिर्फ नेतागिरी चमकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि रोजगार और विकास कार्य कई ऐसे मुद्दे हैं जो सदन में उठाया जा सकता है. मगर धार्मिक भावनाओं को उभारकर लोग अपना नेतागिरी चमकाने में लगे हैं.