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खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं ये बच्चे, शिक्षा मंत्री ने लिया संज्ञान

रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर नामकुम प्रखंड के महादेव टोली के प्राथमिक विद्यालय के नजारे को देखकर आप हैरान रह जाएंगे. इस स्कूल भवन को नवंबर 2019 में तोड़ दिया गया था. तब से बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं.

Primary school Namkum, student upset, Education Minister Jagarnath Mahto, प्राथमिक विद्यालय नामकुम, छात्र परेशान, शिक्षा मंत्री जगगनाथ महतो
खुले आसमान के नीचे पढ़ते बच्चे
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Published : Feb 9, 2020, 5:17 AM IST

रांची: झारखंड के बच्चे इन दिनों खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. एक फरमान के तहत जर्जर स्कूल को तो तोड़ दिया गया. लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं. इसका नतीजा बच्चे खुले आसमान के नीचे अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए मजबूर दिख रहे हैं. हालांकि इस मामले को लेकर नए शिक्षा मंत्री ने त्वरित संज्ञान लिया और स्कूल परिसर का निरीक्षण करने पहुंच गए.

देखें पूरी खबर

नवंबर 2019 में तोड़ा गया था स्कूल भवन
राजधानी रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर नामकुम प्रखंड के महादेव टोली के प्राथमिक विद्यालय के नजारे को देखकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, इस स्कूल भवन को नवंबर 2019 में तोड़ दिया गया था. तोड़ने के पीछे का कारण स्कूल का जर्जर होना बताया गया था. लेकिन इतने दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक इस स्कूल को नहीं बनाया गया.

ये भी पढ़ें- आज से मौसम साफ होने के आसार, लेकिन अभी और सताएगी सर्दी

किसी ने नहीं ली सुध
इसका नतीजा यह हुआ कि झारखंड की इस स्कूल की तस्वीर को देखकर लोग हैरान हो जाते हैं. बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. लेकिन इस ओर किसी का भी ध्यान इतने दिनों से नहीं गया. किसी भी मौसम में किसी भी परिस्थिति में बच्चे खुले आसमान के नीचे ही पढ़ाई कर रहे हैं.

दिक्कतों का सामना
वहीं, स्कूल की टीचर का कहना है कि बच्चे को खुले आसमान के नीचे पढ़ाना मजबूरी बन गई है. इसमें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मिड डे मील भी खुले आसमान के नीचे ही बनाना और परोसना भी घातक साबित हो सकता है. बच्चे भी इस परिस्थिति से लगातार दो-चार हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बेखौफ अपराधी, हथियार के बल पर व्यवसायी से लूट

शिक्षा मंत्री पहुंचे
हालांकि, इस मामले की जानकारी मिलते ही नए शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो खुद स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे और जल्द से जल्द स्कूल को बनाने की बात कही.

रांची: झारखंड के बच्चे इन दिनों खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. एक फरमान के तहत जर्जर स्कूल को तो तोड़ दिया गया. लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं. इसका नतीजा बच्चे खुले आसमान के नीचे अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए मजबूर दिख रहे हैं. हालांकि इस मामले को लेकर नए शिक्षा मंत्री ने त्वरित संज्ञान लिया और स्कूल परिसर का निरीक्षण करने पहुंच गए.

देखें पूरी खबर

नवंबर 2019 में तोड़ा गया था स्कूल भवन
राजधानी रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर नामकुम प्रखंड के महादेव टोली के प्राथमिक विद्यालय के नजारे को देखकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, इस स्कूल भवन को नवंबर 2019 में तोड़ दिया गया था. तोड़ने के पीछे का कारण स्कूल का जर्जर होना बताया गया था. लेकिन इतने दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक इस स्कूल को नहीं बनाया गया.

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किसी ने नहीं ली सुध
इसका नतीजा यह हुआ कि झारखंड की इस स्कूल की तस्वीर को देखकर लोग हैरान हो जाते हैं. बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. लेकिन इस ओर किसी का भी ध्यान इतने दिनों से नहीं गया. किसी भी मौसम में किसी भी परिस्थिति में बच्चे खुले आसमान के नीचे ही पढ़ाई कर रहे हैं.

दिक्कतों का सामना
वहीं, स्कूल की टीचर का कहना है कि बच्चे को खुले आसमान के नीचे पढ़ाना मजबूरी बन गई है. इसमें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मिड डे मील भी खुले आसमान के नीचे ही बनाना और परोसना भी घातक साबित हो सकता है. बच्चे भी इस परिस्थिति से लगातार दो-चार हो रहे हैं.

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शिक्षा मंत्री पहुंचे
हालांकि, इस मामले की जानकारी मिलते ही नए शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो खुद स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे और जल्द से जल्द स्कूल को बनाने की बात कही.

Intro:
रांची।


झारखंड के बच्चे इन दिनों खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर है. एक फरमान के तहत जर्जर स्कूल को तो तोड़ दिया गया .लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं.इसका नतीजा बच्चे खुले आसमान के नीचे अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए मजबूर दिख रहे हैं.हालांकि इस मामले को लेकर नए शिक्षा मंत्री ने त्वरित संज्ञान लिया और स्कूल परिसर का निरीक्षण करने पहुंच गए.


.Body:राजधानी रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर नामकुम प्रखंड के महादेव टोली के प्राथमिक विद्यालय के नजारे को देखकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल इस स्कूल भवन को नवंबर 2019 में तोड़ दिया गया था.
तोड़ने के पीछे का कारण स्कूल का जर्जर होना बताया गया था. लेकिन इतने दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक इस स्कूल को नहीं बनाया गया. इसका नतीजा यह हुआ कि झारखंड की इस स्कूल की तस्वीर को देखकर लोग हैरान हो जाते हैं.बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर है. लेकिन इस ओर किसी का भी ध्यान इतने दिनों से नहीं गया. किसी भी मौसम में किसी भी परिस्थिति में बच्चे खुले आसमान के नीचे ही पढ़ाई करने को मजबूर है. स्कूल की टीचर का कहना है कि बच्चे को खुले आसमान के नीचे पढ़ाना मजबूरी बन गई है. इसमें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.मिड डे मील भी खुले आसमान के नीचे ही बनाना और परोसना भी घातक साबित हो सकता है. बच्चे भी इस परिस्थिति से लगातार दो-चार हो रहे हैं .बच्चे भी शिक्षा व्यवस्था के ढुलमुल रवैया के कारण काफी परेशान है.

Conclusion:हालांकि इस मामले की जानकारी मिलते ही नए शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो खुद स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे और जल्द से जल्द स्कूल को बनाने की बात कही .अब देखने वाली बात यह होगी कि यह शिक्षा मंत्री स्कूल को कब तक दुरुस्त करवा पाते हैं और बच्चों को खुले आसमान से कब तक आखिर निजात मिल पाता है

बाइट- शिक्षिका।

बाइट- जगन्नाथ महतो, शिक्षा मंत्री।
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