रांची: विकास प्रगति और योजनाओं को लेकर बड़ी-बड़ी बातें तो जरूर की जाती है. लेकिन मूलभूत सुविधाओं की ओर भी ध्यान नहीं दिया जाता है. रांची रेल मंडल के रांची रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की बात पर यही कहा जा सकता है. इसे लेकर करोड़ों का प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया, लेकिन इस स्टेशन परिसर में अव्यवस्थाओं का आलम है. वर्तमान में रांची रेलवे स्टेशन पर प्रत्येक दिन हजारों यात्रियों का आना जाना रहता है. यात्री सुविधा के लिए सुविधाएं देने की बात की जा रही है. लेकिन अधिकतर सुविधाएं हाथी का दांत साबित हो रही हैं.
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रांची रेलवे स्टेशन परिसर पर फुल बॉडी मसाज के लिए एक मशीन लगाई गई है, लेकिन इस मशीन का क्या काम जब लोगों को शुद्ध पेयजल ही इस स्टेशन परिसर पर नहीं मिल रहा है. यात्रियों के लिए भी एक्सेलेटर के साथ साथ लिफ्ट भी लगाई गई है, लेकिन इसकी भी सुविधा लोगों को नहीं मिल रही है. नतीजतन दिव्यांगों को भी सीड़ी से प्लेटफार्म तक आना-जाना करना पड़ता है.
रेलवे स्टेशन पर पांच रुपये एक लीटर ठंडा पानी देने के लिए आईआरसीटीसी की ओर से व्यवस्था की गई थी, लेकिन यह व्यवस्था भी ठप हो चुकी है. हालांकि रांची रेल मंडल प्रबंधन का कहना है यात्रियों को फ्री में स्टेशन परिसर पर शुद्ध पेयजल मिल रहा है. मोबाइल चार्ज करने के लिए भी रांची रेलवे स्टेशन पर जगह-जगह बोर्ड इंस्टॉल किया गया है. इसकी भी हालत जर्जर है. यात्री इसका भी लाभ नहीं ले पा रहे हैं. लोगों का कहना है कि रेल प्रबंधन को स्टेशन पर मूलभूत सुविधाएं दुरुस्त करनी चाहिए. लेकिन इससे उलट इस रेलवे स्टेशन की हालत खराब है.