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झारखंड पुलिस का बुरा हाल, सीआईडी हुआ अफसर विहीन, मुख्यालय में भी अहम पद खाली, काम प्रभावित

झारखंड पुलिस और सीआईडी मुख्यालय में अफसरों की भारी कमी से विभाग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कई महत्वपूर्ण पद फिलहाल खाली है. पदों के रिक्त होने के कारण मुख्यालय में कई कामकाज ठप्प पड़े हुए है.

The post of officers in Jharkhand Police Headquarters and CID Headquarters is vacant in ranchi
झारखंड पुलिस और सीआईडी अफसर विहीन
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Published : Feb 22, 2020, 5:28 AM IST

रांचीः झारखंड पुलिस मुख्यालय और सीआईडी मुख्यालय में अफसरों की भारी कमी हो गई है. कई बेहद महत्वपूर्ण पद खाली हैं. सीआईडी में तो एडीजी - आईजी तक के पद खाली पड़े हुए हैं. ऐसे में वहां अनुसंधान की मॉनिटरिंग संबंधी सारे कामकाज ठप्प पड़े हैं.

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एडीजी के सस्पेंड होने के बाद नहीं हुई है पोस्टिंग

सीआईडी एडीजी के तौर पर अनुराग गुप्ता को हटाए जाने के बाद से एडीजी के पद पर किसी अधिकारी की पोस्टिंग नहीं हुई है. जनवरी महीने में सीआईडी के आईजी अरूण कुमार सिंह सेवानिवृत हो गए थे, ऐसे में आईजी का पद खाली हो गया. दिसंबर महीने में आईजी संगठित अपराध रंजीत प्रसाद भी सेवानिवृत हो गए थे. इस पद पर भी किसी की पोस्टिंग नहीं हुई. ऐसे में सीआईडी में एसपी, डीआईजी छोड़ कोई शीर्ष अफसर नहीं बचा है. सीआईडी में अभी डीआईजी देवेंद्र कुमार ठाकुर हैं. देवेंद्र ठाकुर के पास सीआईडी के अलावा रेल और होमगार्ड के डीआईजी का भी अतिरिक्त प्रभार है. ऐसे में उनके ऊपर काम का अतिरिक्त दबाव है.

क्यों हुए एडीजी सस्पेंड

राज्यसभा चुनाव 2016 में चुनाव को प्रभावित करने के मामले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर सीआईडी एडीजी अनुराग गुप्ता को सीएम हेमंत सोरेन ने सस्पेंड कर दिया था. एडीजी के निलंबन के बाद सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किया था. वहीं, मार्च 2018 में विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के आरोप में तत्कालीन स्पेशल ब्रांच एडीजी अनुराग गुप्ता और तत्कालीन सीएम रघुवर दास के प्रेस सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

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मुख्यालय में वित्तिय कामकाज ठप्प

पुलिस मुख्यालय में आईजी प्रोविजन और डीआईजी बजट का पद खाली हो गया है. इन दोनों पदों के रिक्त होने के कारण मुख्यालय में वित्तिय कामकाज ठप्प पड़ा है. डीआईजी बजट के पद पर किसी की पोस्टिंग नहीं होने पर मुख्यालय ने सिर्फ पैसों की निकासी के लिए आईजी मुख्यालय विपुल शुक्ला को अधिकृत किया है. लेकिन वित्तिय वर्ष के आखिरी में इन पदों पर अफसर नहीं होने से मुख्यालय को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. डीआईजी कार्मिक का पद भी मुख्यालय में खाली है.

जहां काम कम वहां अफसरों की खूब तैनाती

पुलिस के रेल विभाग में 20 दरोगा और इंस्पेक्टर तैनात है. उनके काम की मॉनिटरिंग के लिए दो एसपी, एक डीआईजी, एक आईजी, एक एडीजी और एक डीजी स्तर के अधिकारी की तैनाती है. पुलिस निगम में एडीजी और डीजी रैंक के अधिकारियों की तैनाती की गई है, अमूमन एक डीजी और एडीजी रैंक में से कोई एक की तैनाती यहां होती है.

कई जगह है हाल बेहाल

पुलिस अभियान और सूचनाओं को लेकर बनाए गए एसआईबी को भी अतिरिक्त प्रभार के जरिए चलाया जा रहा है. पुलिस के आईजी अभियान को जगुआर के अभियान के आईजी का अतिरिक्त प्रभार जबकि एसआईबी के प्रमुख का भी प्रभार दिया गया है. एसआईबी के प्रमुख की जिम्मेदारी डीआईजी स्तर के अधिकारियों की होती है, लेकिन आईजी स्तर के अधिकारी को ही प्रभार देकर एसआईबी चलाया जा रहा है.

रांचीः झारखंड पुलिस मुख्यालय और सीआईडी मुख्यालय में अफसरों की भारी कमी हो गई है. कई बेहद महत्वपूर्ण पद खाली हैं. सीआईडी में तो एडीजी - आईजी तक के पद खाली पड़े हुए हैं. ऐसे में वहां अनुसंधान की मॉनिटरिंग संबंधी सारे कामकाज ठप्प पड़े हैं.

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एडीजी के सस्पेंड होने के बाद नहीं हुई है पोस्टिंग

सीआईडी एडीजी के तौर पर अनुराग गुप्ता को हटाए जाने के बाद से एडीजी के पद पर किसी अधिकारी की पोस्टिंग नहीं हुई है. जनवरी महीने में सीआईडी के आईजी अरूण कुमार सिंह सेवानिवृत हो गए थे, ऐसे में आईजी का पद खाली हो गया. दिसंबर महीने में आईजी संगठित अपराध रंजीत प्रसाद भी सेवानिवृत हो गए थे. इस पद पर भी किसी की पोस्टिंग नहीं हुई. ऐसे में सीआईडी में एसपी, डीआईजी छोड़ कोई शीर्ष अफसर नहीं बचा है. सीआईडी में अभी डीआईजी देवेंद्र कुमार ठाकुर हैं. देवेंद्र ठाकुर के पास सीआईडी के अलावा रेल और होमगार्ड के डीआईजी का भी अतिरिक्त प्रभार है. ऐसे में उनके ऊपर काम का अतिरिक्त दबाव है.

क्यों हुए एडीजी सस्पेंड

राज्यसभा चुनाव 2016 में चुनाव को प्रभावित करने के मामले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर सीआईडी एडीजी अनुराग गुप्ता को सीएम हेमंत सोरेन ने सस्पेंड कर दिया था. एडीजी के निलंबन के बाद सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किया था. वहीं, मार्च 2018 में विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के आरोप में तत्कालीन स्पेशल ब्रांच एडीजी अनुराग गुप्ता और तत्कालीन सीएम रघुवर दास के प्रेस सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

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मुख्यालय में वित्तिय कामकाज ठप्प

पुलिस मुख्यालय में आईजी प्रोविजन और डीआईजी बजट का पद खाली हो गया है. इन दोनों पदों के रिक्त होने के कारण मुख्यालय में वित्तिय कामकाज ठप्प पड़ा है. डीआईजी बजट के पद पर किसी की पोस्टिंग नहीं होने पर मुख्यालय ने सिर्फ पैसों की निकासी के लिए आईजी मुख्यालय विपुल शुक्ला को अधिकृत किया है. लेकिन वित्तिय वर्ष के आखिरी में इन पदों पर अफसर नहीं होने से मुख्यालय को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. डीआईजी कार्मिक का पद भी मुख्यालय में खाली है.

जहां काम कम वहां अफसरों की खूब तैनाती

पुलिस के रेल विभाग में 20 दरोगा और इंस्पेक्टर तैनात है. उनके काम की मॉनिटरिंग के लिए दो एसपी, एक डीआईजी, एक आईजी, एक एडीजी और एक डीजी स्तर के अधिकारी की तैनाती है. पुलिस निगम में एडीजी और डीजी रैंक के अधिकारियों की तैनाती की गई है, अमूमन एक डीजी और एडीजी रैंक में से कोई एक की तैनाती यहां होती है.

कई जगह है हाल बेहाल

पुलिस अभियान और सूचनाओं को लेकर बनाए गए एसआईबी को भी अतिरिक्त प्रभार के जरिए चलाया जा रहा है. पुलिस के आईजी अभियान को जगुआर के अभियान के आईजी का अतिरिक्त प्रभार जबकि एसआईबी के प्रमुख का भी प्रभार दिया गया है. एसआईबी के प्रमुख की जिम्मेदारी डीआईजी स्तर के अधिकारियों की होती है, लेकिन आईजी स्तर के अधिकारी को ही प्रभार देकर एसआईबी चलाया जा रहा है.

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