रांची: 14 जुलाई की रात हमारे वैज्ञानिक एक और इतिहास लिखने की ओर बढ़ेंगे. भारत का चंद्रयान-2 चांद पर पहुंचने के लिए पहला कदम बढ़ाएगा. आंध्र प्रदेश में श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-2 लॉन्च होगा.
धरती से चांद की दूरी लगभग 3 लाख 84 हजार403 किलोमीटर है. वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रयान-2 को चांद की सतह पर पहुंचने में लगभग 52 दिनों का समय लगेगा. लॉन्चिंग से लगभग 20 घंटे पहले से ही काउंटडाउन शुरू हो गया. ISRO के अधिकारियों के मुताबिक प्लानिंग के तहत सब कुछ ठीक चल रहा है.
मिशन चंद्रयान-2 ?
2008 में भारत ने चंद्रयान-1 भेजा था. हालांकि यह चंद्रमा की सतह पर नहीं उतरा था, लेकिन इसने एक बड़ी बात बताई थी. वो यह कि चंद्रमा पर पानी है. चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतरेगा. आपको बता दें कि चंद्रमा के दक्षिणी भाग में अब तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. चंद्रयान-2 पता लगाएगा कि चांद के गड्ढों पर बर्फ के रूप में पानी है या नहीं. और अगर पानी है तो कितना है. साथ ही चांद का मौसम कैसा है, यह भी बतायेगा.
चंद्रयान-2 खनिज और सतह पर फैले रसायनिक तत्वों के बारे में अध्यन करेगा. हीलियम-3 गैस की संभावना की तलाश करेगा. कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि चंद्रयान-2 उन सभी संभावनाओं की तलाश करेगा, जिसमें मानव जाति का भविष्य चंद्रमा पर हो सकता है या नहीं. विशेषज्ञों के मुताबिक मिशन चंद्रयान-2 से न केवल भारत को बल्कि पुरी दुनिया को फायदा मिलेगा.