ETV Bharat / city

Cyber Crime: अपराधियों के बाहरी राज्यों का लिंक खंगालेगी टीम वन, जांच की गति होगी तेज - साइबर मामलों को सुलझाने के लिए स्पशल टीम का गठन

रांची में साइबर अपराध (Cyber Crime) से जुड़े मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है. साइबर मामलों को सुलझाने के लिए सीनियर एसपी ने एक स्पेशल टीम का गठन किया है. जिसे वन टीम का नाम दिया गया है. यह टीम तेज गति से साइबर से जुड़े मामलों को सुलझाएगी.

Cyber Crime
साइबर अपराध
author img

By

Published : Nov 23, 2021, 6:05 PM IST

Updated : Nov 23, 2021, 7:02 PM IST

रांची: राजधानी रांची में 1000 से ज्यादा साइबर अपराध (Cyber Crime) के मामले लंबित हैं. वहीं दूसरी तरफ नए मामले हर दिन सामने आ जा रहे हैं. पुलिस जब मामलों की तह तक पहुंचती है, तब उन्हें यह यह पता चलता है कि ठग झारखंड के बाहर के राज्यों में बैठकर कांड को अंजाम दिया है. ऐसे में जांच की गति धीमी पड़ जाती है. लगातार बढ़ते मामले और कांडों के अनुसंधान को लंबित होता देख रांची के सीनियर एसपी ने सिर्फ साइबर मामलों को सुलझाने के एक स्पेशल टीम का गठन किया. जिसे वन टीम का नाम दिया गया है.

इसे भी पढे़ं: झारखंड में साइबर अपराधियों का मकड़जाल, अधिकांश मामलों में रिकवरी रेट शून्य



रांची के अलग-अलग थानों में दर्ज साइबर मामलों में कई ऐसे मामले हैं, जिनके तार एक राज्य से जुड़े हुए हैं. ऐसे में उस राज्य में अब अलग-अलग थानों की टीम अलग-अलग मामलों की जांच के लिए नहीं जाएगी, बल्कि एक ही टीम इन सभी मामलों को लेकर जांच के लिए जाएगी, ताकि पुलिस का खर्च भी कम हो और मैन पावर भी कम लगे. उदाहरण के लिए अगर रांची के अरगोड़ा, लोअर बाजार और कोतवाली के तीन मामलों में ठगी के तार पश्चिम बंगाल से जुड़े हैं तो वहां तीनों थानों के मामलों की डिटेल लेकर एक ही पुलिस पदाधिकारी पश्चिम बंगाल जाएंगे और तीनों मामलों से संबंधित मामलों की जानकारियां इकट्ठा कर वापस लौटेंगे.

देखें पूरी खबर

चार राज्यों से जुड़े हैं ठगी के तार

साइबर मामलो की जांच में लगी टीम को कई जानकारियां हासिल हुई है. पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि रांची में दर्ज साइबर मामलों का लिंक हरियाणा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और राजस्थान जुड़ा हुआ है. साइबर मामलों की जांच कर रही विभिन्न थानों की विशेष टीम ने यह पाया है कि जिस सिमकार्ड का प्रयोग कर साइबर अपराधियों ने ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है, उन सभी सिम को साइबर अपराधियों ने इन्हीं राज्यों से खरीदा है. इसके बाद उसे वहीं एक्टिव भी किया था. साथ ही इन्हीं राज्यों में बैठकर रांची के लोगों के खाते से पैसे उड़ाए गए हैं. विशेष टीम को यह भी जानकारी हासिल हुई है कि रांची में साइबर ठगी से जुड़े कुल का 90 प्रतिशत मामला इन्हीं राज्यों से जुड़ा है. ऐसे में उन सभी साइबर मामलों की सूची तैयार की गई है, जो बाहरी राज्यों से ताल्लुक रखते हैं. रांची पुलिस की विशेष टीम अब इन साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसेगी.

इसे भी पढे़ं: साइबर अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस गंभीर, बन चुकी है स्टेट और सेंट्रल लेवल पर कोऑर्डिनेशन कमिटी



चारों राज्यों में जाकर इनपुट हासिल करेगी टीम

रांची पुलिस की विशेष टीम लंबित साइबर मामलों का निष्पादन करने के लिए चारों राज्यों में जाएगी. वहां की पुलिस से मामले का निष्पादन करने के लिए सहयोग लेगी. इनपुट हासिल करने के बाद पुलिस की विशेष टीम साइबर अपराधियों को दबोचने की कार्रवाई करेगी. सिटी एसपी की समीक्षा बैठक में विशेष टीम को निर्देश दिया गया है कि वे जल्द से जल्द लंबित मामलों का निष्पादन करें.


साइबर के एक हजार मामले हैं लंबित


रांची के साइबर समेत विभिन्न थानों में एक हजार से अधिक साइबर अपराध के मामले लंबित हैं. इसमें से गठित स्पेशल 24 को लंबित केसों के निष्पादित करने की जिम्मेवारी दी गई है. सिटी एसपी ने गठित टीम को निर्देश दिया है कि वे हर हाल में कांडों का निष्पादन करें, ताकि लंबित मामले कम हो सके. सिटी एसपी ने पुराने साइबर कांडों का निष्पादन करने के लिए 8 टीमों का गठन किया है. गठित हर टीम में 1 इंस्पेक्टर के साथ 2 एसआई स्तर के पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है. हर टीम को 50 लंबित केस का निष्पादन करने की जिम्मेवारी दी गई है. हर टीम से कहा गया है कि वे आपस में ताल-मेल बनाकर केस का निष्पादन करें.

इसे भी पढे़ं: क्या आप भी साइबर ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रहे हैं तो यह खबर पढ़ें ?


कार्रवाई के लिए टीम कर रही है काम

रांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि साइबर मामलों का निष्पादन करने के लिए विशेष टीम को दूसरे राज्य जाकर इनपुट हासिल करने का निर्देश दिया गया है. जांच में यह बात आई है कि रांची में साइबर से जुड़े जितने भी मामले दर्ज हुई हैं, उसमें से 90 प्रतिशत मामलों का लिंक हरियाण, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और राजस्थान जुड़ा हुआ है.

रांची: राजधानी रांची में 1000 से ज्यादा साइबर अपराध (Cyber Crime) के मामले लंबित हैं. वहीं दूसरी तरफ नए मामले हर दिन सामने आ जा रहे हैं. पुलिस जब मामलों की तह तक पहुंचती है, तब उन्हें यह यह पता चलता है कि ठग झारखंड के बाहर के राज्यों में बैठकर कांड को अंजाम दिया है. ऐसे में जांच की गति धीमी पड़ जाती है. लगातार बढ़ते मामले और कांडों के अनुसंधान को लंबित होता देख रांची के सीनियर एसपी ने सिर्फ साइबर मामलों को सुलझाने के एक स्पेशल टीम का गठन किया. जिसे वन टीम का नाम दिया गया है.

इसे भी पढे़ं: झारखंड में साइबर अपराधियों का मकड़जाल, अधिकांश मामलों में रिकवरी रेट शून्य



रांची के अलग-अलग थानों में दर्ज साइबर मामलों में कई ऐसे मामले हैं, जिनके तार एक राज्य से जुड़े हुए हैं. ऐसे में उस राज्य में अब अलग-अलग थानों की टीम अलग-अलग मामलों की जांच के लिए नहीं जाएगी, बल्कि एक ही टीम इन सभी मामलों को लेकर जांच के लिए जाएगी, ताकि पुलिस का खर्च भी कम हो और मैन पावर भी कम लगे. उदाहरण के लिए अगर रांची के अरगोड़ा, लोअर बाजार और कोतवाली के तीन मामलों में ठगी के तार पश्चिम बंगाल से जुड़े हैं तो वहां तीनों थानों के मामलों की डिटेल लेकर एक ही पुलिस पदाधिकारी पश्चिम बंगाल जाएंगे और तीनों मामलों से संबंधित मामलों की जानकारियां इकट्ठा कर वापस लौटेंगे.

देखें पूरी खबर

चार राज्यों से जुड़े हैं ठगी के तार

साइबर मामलो की जांच में लगी टीम को कई जानकारियां हासिल हुई है. पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि रांची में दर्ज साइबर मामलों का लिंक हरियाणा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और राजस्थान जुड़ा हुआ है. साइबर मामलों की जांच कर रही विभिन्न थानों की विशेष टीम ने यह पाया है कि जिस सिमकार्ड का प्रयोग कर साइबर अपराधियों ने ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है, उन सभी सिम को साइबर अपराधियों ने इन्हीं राज्यों से खरीदा है. इसके बाद उसे वहीं एक्टिव भी किया था. साथ ही इन्हीं राज्यों में बैठकर रांची के लोगों के खाते से पैसे उड़ाए गए हैं. विशेष टीम को यह भी जानकारी हासिल हुई है कि रांची में साइबर ठगी से जुड़े कुल का 90 प्रतिशत मामला इन्हीं राज्यों से जुड़ा है. ऐसे में उन सभी साइबर मामलों की सूची तैयार की गई है, जो बाहरी राज्यों से ताल्लुक रखते हैं. रांची पुलिस की विशेष टीम अब इन साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसेगी.

इसे भी पढे़ं: साइबर अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस गंभीर, बन चुकी है स्टेट और सेंट्रल लेवल पर कोऑर्डिनेशन कमिटी



चारों राज्यों में जाकर इनपुट हासिल करेगी टीम

रांची पुलिस की विशेष टीम लंबित साइबर मामलों का निष्पादन करने के लिए चारों राज्यों में जाएगी. वहां की पुलिस से मामले का निष्पादन करने के लिए सहयोग लेगी. इनपुट हासिल करने के बाद पुलिस की विशेष टीम साइबर अपराधियों को दबोचने की कार्रवाई करेगी. सिटी एसपी की समीक्षा बैठक में विशेष टीम को निर्देश दिया गया है कि वे जल्द से जल्द लंबित मामलों का निष्पादन करें.


साइबर के एक हजार मामले हैं लंबित


रांची के साइबर समेत विभिन्न थानों में एक हजार से अधिक साइबर अपराध के मामले लंबित हैं. इसमें से गठित स्पेशल 24 को लंबित केसों के निष्पादित करने की जिम्मेवारी दी गई है. सिटी एसपी ने गठित टीम को निर्देश दिया है कि वे हर हाल में कांडों का निष्पादन करें, ताकि लंबित मामले कम हो सके. सिटी एसपी ने पुराने साइबर कांडों का निष्पादन करने के लिए 8 टीमों का गठन किया है. गठित हर टीम में 1 इंस्पेक्टर के साथ 2 एसआई स्तर के पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है. हर टीम को 50 लंबित केस का निष्पादन करने की जिम्मेवारी दी गई है. हर टीम से कहा गया है कि वे आपस में ताल-मेल बनाकर केस का निष्पादन करें.

इसे भी पढे़ं: क्या आप भी साइबर ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रहे हैं तो यह खबर पढ़ें ?


कार्रवाई के लिए टीम कर रही है काम

रांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि साइबर मामलों का निष्पादन करने के लिए विशेष टीम को दूसरे राज्य जाकर इनपुट हासिल करने का निर्देश दिया गया है. जांच में यह बात आई है कि रांची में साइबर से जुड़े जितने भी मामले दर्ज हुई हैं, उसमें से 90 प्रतिशत मामलों का लिंक हरियाण, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और राजस्थान जुड़ा हुआ है.

Last Updated : Nov 23, 2021, 7:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.