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कोविड ड्यूटी में तैनात शिक्षकों का आरोप, बेवजह लगाई जा रही है ड्यूटी, पठन-पाठन का कार्य हो रहा है बाधित - शिक्षकों ने जिला प्रशासन ने कार्यमुक्त करने की गुहार लगाई

रांची जिला के सरकारी स्कूल में कार्यरत और कोविड ड्यूटी में तैनात शिक्षकों ने उपायुक्त से गुहार लगाते हुए उनसे इस कार्य से मुक्त करने की मांग की है. उनका कहना है कि इससे ऑनलाइन अध्यापन कार्य और नामांकन कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है.

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कोविड वार्ड
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Published : Aug 18, 2020, 10:08 PM IST

रांची: रांची जिला के सरकारी स्कूल में कार्यरत और कोविड ड्यूटी में तैनात शिक्षकों ने उपायुक्त से गुहार लगाई है. प्रशासन ने कॉविड मेगा केयर सेंटर, खेलगांव और कंटेनमेंट जोन में कई शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया है. ड्यूटी में तैनात शिक्षकों का कहना है कि लगातार लगाए जा रहे ड्यूटी से उनके ऑनलाइन अध्यापन कार्य और नामांकन कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है.

इसके लिए उन्होंने कोविड ड्यूटी से राहत मांगी है, इनका कहना है कि इस संबंध में शिक्षकों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. शिक्षकों का आरोप है कि खेलगांव परिसर के चार टावरों में शिक्षकों को 8-8 घंटे की पाली में ड्यूटी पर तैनात किया जा रहा है. वर्तमान में खेलगांव में सिर्फ एक टावर में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. जबकि पिछले तीन टावर लगभग 21 दिनों से मरीजों की प्रतीक्षा में है, इसके बावजूद प्रत्येक टावर में बड़ी संख्या में शिक्षकों को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है. जबकि यहां अभी काम की शुरुआत भी नहीं हुई है. इस प्रकार शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- बीजेपी का राज्य सरकार पर आरोप, स्थानीय नीति पर लोगों को दिग्भ्रमित कर रही हेमंत सरकार

विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षक प्रतिनियुक्त
प्रतिनियुक्ति में बेड़ो, तमाड़, चान्हो, बुंडू खेलारी जैसे ग्रामीण और दूर-दराज में कार्यरत शिक्षकों को भी शामिल कर लिया गया है. रात में ड्यूटी समाप्त होने के बाद उन्हें ठहरने का कोई प्रबंध नही है. काफी रात में और अहले सुबह लम्बी दूरी तय करना पड़ रहा है, गाड़ी सुचारू रूप से नहीं चलने के कारण उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. शिक्षकों की शिकायत यह भी है कि जिन शिक्षकों का नाम एक बार प्रशासन की सूची में आ जाता है, उन्हीं शिक्षकों को बार-बार विभिन्न तरह की जिम्मेदारियां सौंपी जाती है. जबकि शहर में कई ऐसे शिक्षक हैं, जिन्हें एक बार भी इस प्रकार का कोई भी दायित्व नहीं सौंपा गया है. इसलिए प्रत्येक शिक्षक को रोटेशन के अनुसार तैनात किया जाना उचित होगा.

इस काम में प्रधानाचार्य को भी लगाया गया है
कई विद्यालय के प्रधानाचार्य को भी लगा दिया गया है, जिससे वर्तमान में विद्यालय में विभागीय कार्य में कठिनाई उत्पन्न हो रही है. बहुत से अल्पसंख्यक विद्यालय जिन्हें सरकार से वेतन मिलता है. वहां के शिक्षकों को भी रोटेशन के तहत लगाया जाए.

रांची: रांची जिला के सरकारी स्कूल में कार्यरत और कोविड ड्यूटी में तैनात शिक्षकों ने उपायुक्त से गुहार लगाई है. प्रशासन ने कॉविड मेगा केयर सेंटर, खेलगांव और कंटेनमेंट जोन में कई शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया है. ड्यूटी में तैनात शिक्षकों का कहना है कि लगातार लगाए जा रहे ड्यूटी से उनके ऑनलाइन अध्यापन कार्य और नामांकन कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है.

इसके लिए उन्होंने कोविड ड्यूटी से राहत मांगी है, इनका कहना है कि इस संबंध में शिक्षकों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. शिक्षकों का आरोप है कि खेलगांव परिसर के चार टावरों में शिक्षकों को 8-8 घंटे की पाली में ड्यूटी पर तैनात किया जा रहा है. वर्तमान में खेलगांव में सिर्फ एक टावर में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. जबकि पिछले तीन टावर लगभग 21 दिनों से मरीजों की प्रतीक्षा में है, इसके बावजूद प्रत्येक टावर में बड़ी संख्या में शिक्षकों को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है. जबकि यहां अभी काम की शुरुआत भी नहीं हुई है. इस प्रकार शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.

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विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षक प्रतिनियुक्त
प्रतिनियुक्ति में बेड़ो, तमाड़, चान्हो, बुंडू खेलारी जैसे ग्रामीण और दूर-दराज में कार्यरत शिक्षकों को भी शामिल कर लिया गया है. रात में ड्यूटी समाप्त होने के बाद उन्हें ठहरने का कोई प्रबंध नही है. काफी रात में और अहले सुबह लम्बी दूरी तय करना पड़ रहा है, गाड़ी सुचारू रूप से नहीं चलने के कारण उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. शिक्षकों की शिकायत यह भी है कि जिन शिक्षकों का नाम एक बार प्रशासन की सूची में आ जाता है, उन्हीं शिक्षकों को बार-बार विभिन्न तरह की जिम्मेदारियां सौंपी जाती है. जबकि शहर में कई ऐसे शिक्षक हैं, जिन्हें एक बार भी इस प्रकार का कोई भी दायित्व नहीं सौंपा गया है. इसलिए प्रत्येक शिक्षक को रोटेशन के अनुसार तैनात किया जाना उचित होगा.

इस काम में प्रधानाचार्य को भी लगाया गया है
कई विद्यालय के प्रधानाचार्य को भी लगा दिया गया है, जिससे वर्तमान में विद्यालय में विभागीय कार्य में कठिनाई उत्पन्न हो रही है. बहुत से अल्पसंख्यक विद्यालय जिन्हें सरकार से वेतन मिलता है. वहां के शिक्षकों को भी रोटेशन के तहत लगाया जाए.

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