रांचीः तबलीगी जमातियों के 17 विदेशी आरोपी को वीजा उल्लंघन और लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय के अदालत में सभी आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के उपरांत जमानत की सुविधा प्रदान करने का आदेश दिया है. अदालत ने सभी आरोपियों को 10-10 हजार के दो निजी मुचलके भरने की शर्त पर और उनके हिरासत की अवधि को देखते हुए उन्हें बेल दी है.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ए आलम ने अदालत को बताया है कि इन विदेशियों के ऊपर जो आरोप लगाया गया है वह गलत है. उन्होंने कहा कि वे लोग धर्म प्रचार के लिए यहां नहीं आए थे. वह यहां घूमने के लिए आए थे. लॉकडाउन के कारण यहां फस गए, इसलिए यहां पर थे. उन्होंने किसी भी प्रकार की कोई नियम का उल्लंघन नहीं किया है, न ही कहीं धर्म प्रचार किया है, उन्होंने सिर्फ अपने धर्म का प्रेक्टिस किया है. इसलिए उन्हें जमानत दी जाए. वहीं सरकार के अधिवक्ता ने उनकी जमानत का विरोध किया. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत उन्हें जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.
7 को गिरफ्तार हुए थे सभी
सभी विदेशी नागरिकों को 7 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद उन्हें जेल भेजा गया था. तब से वह जेल में है. निचली अदालत में उन्होंने जमानत याचिका दायर की थी. जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था. उसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में जमानत की गुहार लगाते हुए याचिका दायर की. उस याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने उन्हें जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.
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क्या है आरोप
इन लोगों पर 7 अप्रैल 2020 को हिंदपीढ़ी थाना में वीजा नियम का उल्लंघन करने, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत महामारी नियमों का, टूरिस्ट वीजा पर धर्म प्रचार करने, संक्रमण फैलाने का वाहक बने, लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने, के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
मामले में इन लोगों को मिली जमानत
हालैंड के मोहम्मद सैफ उल इस्लाम, लंदन के जाहेद कबीर, शिपहान हुसैन खान, यूके का महासीन अहमद, काजी दिलवर हुसैन, वेस्टइंडीज का फारूख अल्बर्ट खान, त्रिनिदाद का रसयिदा औनी मजिहा बिनती रजाक, जामिबिया के मूसा जालाव, फरमिंग सेसे, मलयेशिया का सिति आयशा बिनती मत इसा, नूर रशीदा बिनती तोमादी, नूर हयाती बिनती अहमद, नूर कमरूजामन, महाजीर बीन खामीस, मो. शफीक बिन मत इसा, हाजी मेराज एवं मो अजीम बिन सुलेमान उर्फ अजीम को बेल मिला है.