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चारा घोटालाः लालू यादव की जमानत के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, नोटिस जारी

चारा घोटाला से जुड़े दो मामलों में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव को मिली जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत लालू प्रसाद यादव को नोटिस जारी किया है.

lalu yadav
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Published : Apr 4, 2022, 2:06 PM IST

Updated : Apr 4, 2022, 7:45 PM IST

रांचीः चारा घोटाला से जुड़े मामलों में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव को मिली जमानत के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर आरजेडी चीफ लालू यादव को नोटिस जारी किया है.

ये भी पढ़ें-लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई टली, बेल के लिए करना होगा इंतजार

आरजेडी चीफ से जुड़े चारा घोटाला के दो मामले में लालू प्रसाद यादव को जमानत देने के झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इसको लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश एल नागेश्वर राव और बीएल गवई की बेंच में सुनवाई हुई. इसके बाद अदालत दुमका कोषागार और चाईबासा कोषागार मामले में झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गई. बाद में अदालत ने इस मामले में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव को नोटिस जारी किया.

सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू अदालत में पेश हुए. उन्होंने अदालत से कहा कि इस मामले में दो बातों पर विचार नहीं किया गया है. वहीं अदालत ने कहा जमानत देते समय झारखंड हाई कोर्ट ने कहा था कि लालू प्रसाद यादव ने आधी सजा भुगत ली है. इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह आदेश तथ्य के आलोक में नहीं है कि सजा लगातार चलनी है. जमानत देने का आधार गलत है. इस पर अदालत ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल से आदेश दिए जाने के वक्त, लालू प्रसाद यादव को मिली सजा और उनकी ओर से जेल में काटी सजा का ब्योरा लिया. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने जस्टिस एमआर शाह के एक आदेश का हवाला देते हुए यह भी कहा कि, जब एक केस में सजा पूरी होती है तब दूसरे केस में सजा शुरू होती है.

क्या है मामलाः बता दें कि दुमका ट्रेजरी से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी मामले में आधी सजा भुगतने के आधार पर झारखंड हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को जमानत दे दी थी. इससे पहले दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के चार मामलों में दोषी ठहराए गए थे. 2019 में लालू प्रसाद यादव को देवघर ट्रेजरी मामले में जमानत मिल गई थी. वहीं चाईबासा ट्रेजरी से जुड़े दो मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने उन्हें साल 2020 में जमानत दे दी थी. इधर डोरंडा कोषागार से करीब 139.35 करोड़ रुपये अवैध निकासी मामले में रांची की सीबीआई कोर्ट ने भी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दे दिया था. 21 फरवरी को उन्हें इस मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई थी.

रांचीः चारा घोटाला से जुड़े मामलों में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव को मिली जमानत के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर आरजेडी चीफ लालू यादव को नोटिस जारी किया है.

ये भी पढ़ें-लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई टली, बेल के लिए करना होगा इंतजार

आरजेडी चीफ से जुड़े चारा घोटाला के दो मामले में लालू प्रसाद यादव को जमानत देने के झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इसको लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश एल नागेश्वर राव और बीएल गवई की बेंच में सुनवाई हुई. इसके बाद अदालत दुमका कोषागार और चाईबासा कोषागार मामले में झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गई. बाद में अदालत ने इस मामले में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव को नोटिस जारी किया.

सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू अदालत में पेश हुए. उन्होंने अदालत से कहा कि इस मामले में दो बातों पर विचार नहीं किया गया है. वहीं अदालत ने कहा जमानत देते समय झारखंड हाई कोर्ट ने कहा था कि लालू प्रसाद यादव ने आधी सजा भुगत ली है. इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह आदेश तथ्य के आलोक में नहीं है कि सजा लगातार चलनी है. जमानत देने का आधार गलत है. इस पर अदालत ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल से आदेश दिए जाने के वक्त, लालू प्रसाद यादव को मिली सजा और उनकी ओर से जेल में काटी सजा का ब्योरा लिया. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने जस्टिस एमआर शाह के एक आदेश का हवाला देते हुए यह भी कहा कि, जब एक केस में सजा पूरी होती है तब दूसरे केस में सजा शुरू होती है.

क्या है मामलाः बता दें कि दुमका ट्रेजरी से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी मामले में आधी सजा भुगतने के आधार पर झारखंड हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को जमानत दे दी थी. इससे पहले दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के चार मामलों में दोषी ठहराए गए थे. 2019 में लालू प्रसाद यादव को देवघर ट्रेजरी मामले में जमानत मिल गई थी. वहीं चाईबासा ट्रेजरी से जुड़े दो मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने उन्हें साल 2020 में जमानत दे दी थी. इधर डोरंडा कोषागार से करीब 139.35 करोड़ रुपये अवैध निकासी मामले में रांची की सीबीआई कोर्ट ने भी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दे दिया था. 21 फरवरी को उन्हें इस मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई थी.

Last Updated : Apr 4, 2022, 7:45 PM IST
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