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कोरोना इफेक्टः 9वीं और 11वीं के छात्र परीक्षा के बजाए होंगे प्रमोट, JAC ले सकती है यह फैसला! पढ़िए रिपोर्ट

झारखंड एकेडमिक काउंसिल मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा के बाद 9वीं और 11वीं की परीक्षा न लेने पर विचार कर रही है. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों को भी प्रमोट किया जाएगा. जैक की तरफ से एक खाका भी तैयार किया जा रहा है.

Jharkhand Academic Council
झारखंड एकेडमिक काउंसिल
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Published : May 1, 2021, 1:07 PM IST

रांचीः कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से फिलहाल स्थगित की गईं हैं लेकिन जैक और शिक्षा विभाग ने 9वीं और 11वीं के छात्रों की भी परीक्षा न लेने पर विचार कर रही है. जानकारी के मुताबिक इन दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने पर विचार किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें-राष्ट्रीय ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता में बीएयू के 3 छात्रों को मिली सफलता

झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक आठवीं के विद्यार्थियों की तर्ज पर कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 11वीं और 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी प्रमोट किया जाएगा. इसे लेकर शिक्षा विभाग और झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से एक खाका तैयार किया जा रहा है.

शिक्षा निदेशालय अपने स्तर पर इसकी तैयारी कर रहा है. आने वाले दिनों में मुख्यालय की ओर से इसकी जानकारी झारखंड एकेडमिक काउंसिल को भेज दी जाएगी. मैट्रिक और इंटर के छात्र छात्राओं को परीक्षा लेने और कैसे पास किया जाए इसे लेकर भी झारखंड एकेडमिक काउंसिल और स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग लगातार मंथन कर रही है .

दूसरी लहर के कारण शिक्षा व्यवस्था पर व्यापक असर

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. विद्यार्थियों का पठन-पाठन पूरी तरह ठप है. वहीं मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा होगी भी नही इसे लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. विद्यार्थियों को कैसे पास किया जाएगा इसे लेकर एक फार्मूला तैयार किया जा रहा है.

इसका प्रस्ताव स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को जैक की ओर से भेजा जाएगा. झारखंड एकेडमिक काउंसिल के सचिव महीप कुमार सिंह का कहना है कि मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा छात्र हित में है. उन्होंने प्राथमिकता के तौर पर परीक्षा लेने की बात कही है. अब अंतिम निर्णय सरकार को ही लेना है.

हर स्थिति पर किया जा रहा है विचार

उन्होंने जानकारी दी है कि किसी कारणवश अगर मैट्रिक की परीक्षा नहीं होती है तो छात्र-छात्राओं को पास करने के लिए नौवीं के रिजल्ट को आधार माना जा सकता है. वहीं मैट्रिक की परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राएं पिछले साल 9वीं की परीक्षा पास कर दसवीं में गए थे. ऐसे में 9वीं क्लास की ओएमआर शीट पर हुई परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर डिवीजन दिया जा सकता है.

ऐसे और भी परीक्षाओं को लेकर कई विचार-विमर्श का दौर जारी है. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए शिक्षा विभाग और सरकार की ओर से ऐसे कई नीतिगत निर्णय लिए जा सकते हैं, जिससे विद्यार्थियों की परेशानी न बढ़े और उनका भविष्य भी खराब ना हो.

रांचीः कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से फिलहाल स्थगित की गईं हैं लेकिन जैक और शिक्षा विभाग ने 9वीं और 11वीं के छात्रों की भी परीक्षा न लेने पर विचार कर रही है. जानकारी के मुताबिक इन दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने पर विचार किया जा रहा है.

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झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक आठवीं के विद्यार्थियों की तर्ज पर कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 11वीं और 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी प्रमोट किया जाएगा. इसे लेकर शिक्षा विभाग और झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से एक खाका तैयार किया जा रहा है.

शिक्षा निदेशालय अपने स्तर पर इसकी तैयारी कर रहा है. आने वाले दिनों में मुख्यालय की ओर से इसकी जानकारी झारखंड एकेडमिक काउंसिल को भेज दी जाएगी. मैट्रिक और इंटर के छात्र छात्राओं को परीक्षा लेने और कैसे पास किया जाए इसे लेकर भी झारखंड एकेडमिक काउंसिल और स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग लगातार मंथन कर रही है .

दूसरी लहर के कारण शिक्षा व्यवस्था पर व्यापक असर

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. विद्यार्थियों का पठन-पाठन पूरी तरह ठप है. वहीं मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा होगी भी नही इसे लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. विद्यार्थियों को कैसे पास किया जाएगा इसे लेकर एक फार्मूला तैयार किया जा रहा है.

इसका प्रस्ताव स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को जैक की ओर से भेजा जाएगा. झारखंड एकेडमिक काउंसिल के सचिव महीप कुमार सिंह का कहना है कि मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा छात्र हित में है. उन्होंने प्राथमिकता के तौर पर परीक्षा लेने की बात कही है. अब अंतिम निर्णय सरकार को ही लेना है.

हर स्थिति पर किया जा रहा है विचार

उन्होंने जानकारी दी है कि किसी कारणवश अगर मैट्रिक की परीक्षा नहीं होती है तो छात्र-छात्राओं को पास करने के लिए नौवीं के रिजल्ट को आधार माना जा सकता है. वहीं मैट्रिक की परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राएं पिछले साल 9वीं की परीक्षा पास कर दसवीं में गए थे. ऐसे में 9वीं क्लास की ओएमआर शीट पर हुई परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर डिवीजन दिया जा सकता है.

ऐसे और भी परीक्षाओं को लेकर कई विचार-विमर्श का दौर जारी है. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए शिक्षा विभाग और सरकार की ओर से ऐसे कई नीतिगत निर्णय लिए जा सकते हैं, जिससे विद्यार्थियों की परेशानी न बढ़े और उनका भविष्य भी खराब ना हो.

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