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Jharkhand High Court: राज्य गृह सचिव हुए हाजिर, अदालत ने लिखित में मांग जवाब

झारखंड हाई कोर्ट में राज्य गृह सचिव हाजिर हुए. उन्होंने अदालत के प्रश्नों का जवाब दिया. जिसपर कोर्ट ने असंतुष्टि जताते हुए लिखित जवाब मांगा है.

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झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Nov 20, 2021, 3:52 PM IST

Updated : Nov 20, 2021, 6:09 PM IST

रांचीः झारखंड राज्य फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (एफएसएल) में रिक्त पदों पर नियुक्ति के बिंदु पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत के पूर्व आदेश पर झारखंड सरकार के गृह सचिव (State Home Secretary) अदालत में हाजिर हुए.

इसे भी पढ़ें- गृह सचिव-एफएसएल डायरेक्टर हाजिर हो! FSL लैब में नियुक्ति मामले में सुनवाई पर हाई कोर्ट का आदेश

गृह सचिव ने मौखिक रूप से कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार की ओर से नियुक्ति नियमावली में बदलाव किए जाने के कारण पूर्व में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand Staff Selection Commission) की ओर से निकाला गया विज्ञापन रद्द करके फिर से विज्ञापन निकालने की तैयारी की जा रही है. अदालत ने सचिव के जवाब पर असंतोष व्यक्त करते हुए पूछा कि कोर्ट के निर्देश के बाद जब विज्ञापन जारी किया गया तो बिना अदालत को बताए हुए कैसे विज्ञापन वापस ले लिया गया, क्यों नहीं आप पर अवमानना वाद चलाया जाए. इस पर लिखित जवाब अदालत में शपथ पत्र के माध्यम से पेश करने को कहा गया है. इस मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी.

जानकारी देते अधिवक्ता

झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. झारखंड सरकार के गृह सचिव सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में हाजिर हुए. अदालत ने सरकार से यह जानना चाहा कि विज्ञापन क्यों वापस ले लिया गया है? जिस पर गृह सचिव ने अदालत को बताया कि विज्ञापन पूर्व में पहले नियुक्ति नियमावली (Appointment Manual) के अनुरूप निकाल दिया गया था. इस बीच झारखंड सरकार के द्वारा नए नियुक्ति नियमावली बनाए गए यानी कि कुछ बदलाव नियमावली में किया गया है. जिसके कारण विज्ञापन को वापस लिया गया है. शीघ्र ही नई नियुक्ति नियमावली के अनुरूप विज्ञापन निकाला जाएगा.

गृह सचिव के जवाब पर अदालत असंतोष व्यक्त करते हुए यह पूछा कि जब अदालत इस मामले का मॉनिटरिंग कर रही है तो बिना पूछे क्यों वापस लिया गया. इस बिंदु पर अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है. इस बिंदु की जानकारी लिखित रूप में शपथ पत्र के माध्यम से 26 नवंबर से पूर्व अदालत में पेश करने को कहा है.

इसे भी पढ़ें- एफएसएल में नियुक्ति प्रक्रिया पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने सरकार से मांगी रिपोर्ट

धनबाद के जज की मौत के बाद हाई कोर्ट ने सीबीआई को मामले की एफएसएल रिपोर्ट (FSL Report) अदालत में पेश करने को कहा था. सीबीआई ने जांच के लिए ब्लड सैंपल प्रयोगशाला भेजा था. लेकिन झारखंड राज्य एफएसएल लैब में किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं होने के कारण जांच से हाथ खड़ कर दिए. सीबीआई की ओर से अदालत में यह जानकारी दी गई. राज्य में यह व्यवस्था नहीं होने के कारण जांच रिपोर्ट पेश नहीं की जा सकी. जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए एफएसएल की लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने का आदेश दिया गया था. उसके बाद एफएसएल में रिक्त पदों पर नियुक्ति के बिंदु पर भी चर्चा की गई, उसी मामले पर शनिवार को सुनवाई हुई है.

रांचीः झारखंड राज्य फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (एफएसएल) में रिक्त पदों पर नियुक्ति के बिंदु पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत के पूर्व आदेश पर झारखंड सरकार के गृह सचिव (State Home Secretary) अदालत में हाजिर हुए.

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गृह सचिव ने मौखिक रूप से कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार की ओर से नियुक्ति नियमावली में बदलाव किए जाने के कारण पूर्व में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand Staff Selection Commission) की ओर से निकाला गया विज्ञापन रद्द करके फिर से विज्ञापन निकालने की तैयारी की जा रही है. अदालत ने सचिव के जवाब पर असंतोष व्यक्त करते हुए पूछा कि कोर्ट के निर्देश के बाद जब विज्ञापन जारी किया गया तो बिना अदालत को बताए हुए कैसे विज्ञापन वापस ले लिया गया, क्यों नहीं आप पर अवमानना वाद चलाया जाए. इस पर लिखित जवाब अदालत में शपथ पत्र के माध्यम से पेश करने को कहा गया है. इस मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी.

जानकारी देते अधिवक्ता

झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. झारखंड सरकार के गृह सचिव सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में हाजिर हुए. अदालत ने सरकार से यह जानना चाहा कि विज्ञापन क्यों वापस ले लिया गया है? जिस पर गृह सचिव ने अदालत को बताया कि विज्ञापन पूर्व में पहले नियुक्ति नियमावली (Appointment Manual) के अनुरूप निकाल दिया गया था. इस बीच झारखंड सरकार के द्वारा नए नियुक्ति नियमावली बनाए गए यानी कि कुछ बदलाव नियमावली में किया गया है. जिसके कारण विज्ञापन को वापस लिया गया है. शीघ्र ही नई नियुक्ति नियमावली के अनुरूप विज्ञापन निकाला जाएगा.

गृह सचिव के जवाब पर अदालत असंतोष व्यक्त करते हुए यह पूछा कि जब अदालत इस मामले का मॉनिटरिंग कर रही है तो बिना पूछे क्यों वापस लिया गया. इस बिंदु पर अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है. इस बिंदु की जानकारी लिखित रूप में शपथ पत्र के माध्यम से 26 नवंबर से पूर्व अदालत में पेश करने को कहा है.

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धनबाद के जज की मौत के बाद हाई कोर्ट ने सीबीआई को मामले की एफएसएल रिपोर्ट (FSL Report) अदालत में पेश करने को कहा था. सीबीआई ने जांच के लिए ब्लड सैंपल प्रयोगशाला भेजा था. लेकिन झारखंड राज्य एफएसएल लैब में किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं होने के कारण जांच से हाथ खड़ कर दिए. सीबीआई की ओर से अदालत में यह जानकारी दी गई. राज्य में यह व्यवस्था नहीं होने के कारण जांच रिपोर्ट पेश नहीं की जा सकी. जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए एफएसएल की लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने का आदेश दिया गया था. उसके बाद एफएसएल में रिक्त पदों पर नियुक्ति के बिंदु पर भी चर्चा की गई, उसी मामले पर शनिवार को सुनवाई हुई है.

Last Updated : Nov 20, 2021, 6:09 PM IST
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