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स्टेट फूड लेबोरेटरी का लाइसेंस रद्द, अब नहीं हो सकेगी मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच

एक तरफ झारखंड राज्य में खाद्य पदार्थों में मिलावट का धंधा जोरों पर है, दूसरी तरफ राज्य में मिलावटी खाद्य पदार्थ की जांच करने वाली एकमात्र फूड लेबोरेटरी में सैंपल जांच पर एनएबीएल ने रोक लगा दी है. फूड लेबोरेटरी की मान्यता रद्द होने के बाद अब इन लेबोरेटरी में खाने के सामान में किसी तरह की मिलावट की जांच नहीं हो पाएगी.

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Published : Jan 15, 2021, 2:22 PM IST

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रांची: राज्य में मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच करना फिलहाल संभव नहीं हो पाएगा. इसे लेकर राज्य की खाद्य प्रयोगशाला पर एनएबीएल ने लीगल सैंपल की जांच करने पर रोक लगा दी है. अब ऐसे में झारखंड के राज्य खाद्य प्रयोगशाला से जांचे गए खाद्य पदार्थ को वैधानिक मान्यता नहीं मिल पाएगी.

देखें स्पेशल खबर

फूड लेबोरेटरी सैंपल की जांच करने से हुई वंचित
इसको लेकर स्टेट फूड लेबोरेटरी के हेड और खाद्य प्रमुख चतुर्भुज मीना बताते हैं कि साल 2011 में केंद्र सरकार ने एक नियम पारित किया था कि देश की सभी खाद्य प्रयोगशाला में सैंपल की जांच को तभी मान्य किया जाएगा जब उसे एनएबीएल से मान्यता प्राप्त होगी.

उन्होंने कहा कि इस आदेश के बाद एक और आदेश निकाला गया कि फिलहाल जिस प्रयोगशाला को एनएबीएल(नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड ऑफ टेस्टिंग कैलिब्रेशन लेबोरेटरी) से लाइसेंस प्राप्त नहीं किया है. वह अगले आदेश तक लीगल सैंपलों की जांच कर सकते हैं. अब केंद्र सरकार ने अपने इस आदेश को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है. जिसके बाद झारखंड समेत 35 राज्यों के स्टेट फूड लेबोरेटरी लीगल सैंपल की जांच करने से वंचित हो गई है.

उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के अनुसार फूड टेस्टिंग लैब को एनएबीएल से मान्यता प्राप्त होना जरूरी है लेकिन राज्य में साल 2006 से 2011 तक एनएबीएल ने औपबंधिक मान्यता दी थी और फिर इस आदेश को साल 2020 तक बढ़ा दिया था लेकिन अब उस आदेश को भी समाप्त कर दिया गया है, जिस वजह से अब इस लैब में होने वाली जांच की कोई विधिक मान्यता नहीं रह गई है.


लैब को अपग्रेड करने की मांग नहीं हुई पूरी
राज्य खाद्य प्रयोगशाला के प्रमुख ने कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी थी और साल 2019 से ही लैब को अपग्रेड करने की मांग की जा रही थी लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी. लैब को विकसित करने के लिए हाल फिलहाल में ही 4 करोड़ से ज्यादा के मशीन लाई गईं थी और लगभग चार लाख से ज्यादा केमिकल भी मंगाए गए थे.


राज्य के बाहर होगी खाद्य पदार्थों की जांच
राज्य खाद्य प्रयोगशाला में हर साल 1,500 से ज्यादा सैंपल की जांच होती थी. जिस वजह से खाद्य सामग्री में मिलावट करने वाले लोगों पर नकेल कसी जाती थी लेकिन एनएबीएल के प्रयोगशाला की मान्यता रद्द करने के बाद अब खाद्य सामग्री में मिलावट करने वाले लोगों पर नकेल कसना भी मुश्किल होगा. वहीं, अति आवश्यक होने पर अब मिलावटी खाद्य पदार्थ को जांच के लिए राज्य के बाहर की लैबरोटरी में भेजना पड़ेगा. जिसकी रिपोर्ट आने में भी विलंब होगा और राज्य पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा.


लेबोरेटरी में मैन पावर की कमी
राज्य खाद्य प्रयोगशाला की मान्यता रद्द होने पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि कोरोना का प्रकोप बढ़ने के कारण राज्य सरकार इसको लेकर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाया लेकिन जल्द से जल्द मान्यता प्राप्त कराने के लिए जो भी प्रयास होंगे, उसे पूरा किया जाएगा. प्रयोगशाला में मैन पावर की कमी को पूरा करने के लिए नियुक्ति की जाएगी.

ये भी पढ़े- देवघर एयरपोर्ट की सबसे बड़ी अड़चन खत्म, सातर रोड को किया गया बंद

अब ऐसे में प्रयोगशाला को जल्द से जल्द मान्यता प्राप्त कराने के लिए राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने पड़ेंगे, ताकि राज्य में खाद्य सामग्री में मिलावट करने वाले व्यापारियों पर नकेल कसी जा सके और राज्यवासियों के स्वास्थ्य को लेकर संवेदनशीलता भी दिखाई जा सके.

रांची: राज्य में मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच करना फिलहाल संभव नहीं हो पाएगा. इसे लेकर राज्य की खाद्य प्रयोगशाला पर एनएबीएल ने लीगल सैंपल की जांच करने पर रोक लगा दी है. अब ऐसे में झारखंड के राज्य खाद्य प्रयोगशाला से जांचे गए खाद्य पदार्थ को वैधानिक मान्यता नहीं मिल पाएगी.

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फूड लेबोरेटरी सैंपल की जांच करने से हुई वंचित
इसको लेकर स्टेट फूड लेबोरेटरी के हेड और खाद्य प्रमुख चतुर्भुज मीना बताते हैं कि साल 2011 में केंद्र सरकार ने एक नियम पारित किया था कि देश की सभी खाद्य प्रयोगशाला में सैंपल की जांच को तभी मान्य किया जाएगा जब उसे एनएबीएल से मान्यता प्राप्त होगी.

उन्होंने कहा कि इस आदेश के बाद एक और आदेश निकाला गया कि फिलहाल जिस प्रयोगशाला को एनएबीएल(नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड ऑफ टेस्टिंग कैलिब्रेशन लेबोरेटरी) से लाइसेंस प्राप्त नहीं किया है. वह अगले आदेश तक लीगल सैंपलों की जांच कर सकते हैं. अब केंद्र सरकार ने अपने इस आदेश को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है. जिसके बाद झारखंड समेत 35 राज्यों के स्टेट फूड लेबोरेटरी लीगल सैंपल की जांच करने से वंचित हो गई है.

उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के अनुसार फूड टेस्टिंग लैब को एनएबीएल से मान्यता प्राप्त होना जरूरी है लेकिन राज्य में साल 2006 से 2011 तक एनएबीएल ने औपबंधिक मान्यता दी थी और फिर इस आदेश को साल 2020 तक बढ़ा दिया था लेकिन अब उस आदेश को भी समाप्त कर दिया गया है, जिस वजह से अब इस लैब में होने वाली जांच की कोई विधिक मान्यता नहीं रह गई है.


लैब को अपग्रेड करने की मांग नहीं हुई पूरी
राज्य खाद्य प्रयोगशाला के प्रमुख ने कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी थी और साल 2019 से ही लैब को अपग्रेड करने की मांग की जा रही थी लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी. लैब को विकसित करने के लिए हाल फिलहाल में ही 4 करोड़ से ज्यादा के मशीन लाई गईं थी और लगभग चार लाख से ज्यादा केमिकल भी मंगाए गए थे.


राज्य के बाहर होगी खाद्य पदार्थों की जांच
राज्य खाद्य प्रयोगशाला में हर साल 1,500 से ज्यादा सैंपल की जांच होती थी. जिस वजह से खाद्य सामग्री में मिलावट करने वाले लोगों पर नकेल कसी जाती थी लेकिन एनएबीएल के प्रयोगशाला की मान्यता रद्द करने के बाद अब खाद्य सामग्री में मिलावट करने वाले लोगों पर नकेल कसना भी मुश्किल होगा. वहीं, अति आवश्यक होने पर अब मिलावटी खाद्य पदार्थ को जांच के लिए राज्य के बाहर की लैबरोटरी में भेजना पड़ेगा. जिसकी रिपोर्ट आने में भी विलंब होगा और राज्य पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा.


लेबोरेटरी में मैन पावर की कमी
राज्य खाद्य प्रयोगशाला की मान्यता रद्द होने पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि कोरोना का प्रकोप बढ़ने के कारण राज्य सरकार इसको लेकर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाया लेकिन जल्द से जल्द मान्यता प्राप्त कराने के लिए जो भी प्रयास होंगे, उसे पूरा किया जाएगा. प्रयोगशाला में मैन पावर की कमी को पूरा करने के लिए नियुक्ति की जाएगी.

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अब ऐसे में प्रयोगशाला को जल्द से जल्द मान्यता प्राप्त कराने के लिए राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने पड़ेंगे, ताकि राज्य में खाद्य सामग्री में मिलावट करने वाले व्यापारियों पर नकेल कसी जा सके और राज्यवासियों के स्वास्थ्य को लेकर संवेदनशीलता भी दिखाई जा सके.

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