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प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर प्रदेश भाजपा चिंतित, सोशल मीडिया के जरिए सरकार से किया आग्रह - Former CM Babulal Marandi appealed to the government

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने रविवार को पार्टी द्वारा प्रदेश भर में निर्धारित कार्यक्रम के तहत फेसबुक लाइव के माध्यम से अपील की. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार को प्रवासी मजदूरों को वापस बुलाने के लिए जितना तत्पर और संवेदनशील होना चाहिए उतनी यह सरकार नहीं हो रही है.

State BJP worried about the return of migrant workers in ranchi
प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर प्रदेश भाजपा चिंतित
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Published : May 17, 2020, 8:38 PM IST

Updated : May 17, 2020, 11:46 PM IST

रांची: लॉकडाउन के कारण लाखों मजदूर घर लौटने की बाट जोह रहे हैं. स्थिति इतनी भयावह होती जा रही कि लोग हजारों की संख्या में छोटे-छोटे बच्चों, महिलाओं के साथ मीलों तक पैदल चल रहे हैं. दुर्घटनाओं के शिकार भी हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार वास्तविकता पर पर्दा डाल रही है. उन्हें बताना चाहिए कि आखिर मजदूरों को लाने में कठिनाई कहां है. केंद्र सरकार ट्रैन तैयार करके बैठी है. यार्ड में गाड़ियां इंतजार कर रही हैं और मजदूर पैदल चलने को विवश हैं.

उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि जल्द आवश्यक ट्रेनों को राज्य सरकार स्वीकृति दे, ताकि मजदूर शीघ्र अपने घरों तक सुरक्षित लौट सकें. वहीं, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि उत्तरप्रदेश, बिहार जैसे राज्यों ने जब बड़ी संख्या में मजदूरों को वापस बुला लिया तो फिर झारखंड सरकार क्यों चुप बैठी है. उन्होंने कहा कि इससे यह स्पष्ट संदेश जाता है कि राज्य सरकार का होमवर्क या तो सही नहीं या फिर मंशा साफ नहीं.

केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा ने कहा कि क्या कांग्रेस समर्थित सरकार कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के निर्देशों का पालन कर रही है. 15 प्रतिशत किराया चुकाने की बात करने वाले आवश्यकतानुसार अपने राज्य से ट्रेन की स्वीकृति भी नहीं दिला पा रहे हैं. उन्होंने मजदूरों के हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार शीघ्र सभी रूटों पर ट्रनों को स्वीकृति देते हुए लाखों मजदूरों की लौटने की व्यवस्था सुनिश्चित करे. नेता विधायक दल और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार मजदूरों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रही है यह बात समझ में नहीं आ रही है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक जनप्रतिनिधि के रूप में व्यवहार क्यों नही कर रहे हैं. जनता के दुख दर्द को समझना एक जनप्रतिनिधि का नैतिक दायित्व और कर्तव्य है. उन्हें सरकार के मुखिया के नाते इस संकट के दौर में त्वरित निर्णय लेना चाहिए. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य के मंत्रियों के विरोधाभाषी बयानों और गंभीर मुद्दे पर भी टालमटोल की नीति से राज्य की जनता को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने रेल मंत्री से उनकी बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि मुंबई में फंसे मजदूरों के लिए राज्य सरकार ने अब तक कोई ट्रेन की स्वीकृति नहीं दी है, फिर भी राज्य सरकार जनता को दिग्भ्रमित करने में लगी है.

कुछ ट्रेनों को लाकर ही वाहवाही बटोरने में पूरा सरकारी तंत्र लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में सोशल मीडिया भी अपनी बातों को जनता तक पहुंचाने का बड़ा माध्यम है. पार्टी ने आज अपनी बात और मजदूरों के प्रति चिंता को व्यक्त किया है. उन्होंने राज्य सरकार से मजदूरों को शीघ्र वापस लाने की मांग की है. सोशल मीडिया अभियान में प्रदेश के सभी पदाधिकारी, विधायक सांसदगण, जिला के अध्यक्ष सहित हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए.

रांची: लॉकडाउन के कारण लाखों मजदूर घर लौटने की बाट जोह रहे हैं. स्थिति इतनी भयावह होती जा रही कि लोग हजारों की संख्या में छोटे-छोटे बच्चों, महिलाओं के साथ मीलों तक पैदल चल रहे हैं. दुर्घटनाओं के शिकार भी हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार वास्तविकता पर पर्दा डाल रही है. उन्हें बताना चाहिए कि आखिर मजदूरों को लाने में कठिनाई कहां है. केंद्र सरकार ट्रैन तैयार करके बैठी है. यार्ड में गाड़ियां इंतजार कर रही हैं और मजदूर पैदल चलने को विवश हैं.

उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि जल्द आवश्यक ट्रेनों को राज्य सरकार स्वीकृति दे, ताकि मजदूर शीघ्र अपने घरों तक सुरक्षित लौट सकें. वहीं, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि उत्तरप्रदेश, बिहार जैसे राज्यों ने जब बड़ी संख्या में मजदूरों को वापस बुला लिया तो फिर झारखंड सरकार क्यों चुप बैठी है. उन्होंने कहा कि इससे यह स्पष्ट संदेश जाता है कि राज्य सरकार का होमवर्क या तो सही नहीं या फिर मंशा साफ नहीं.

केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा ने कहा कि क्या कांग्रेस समर्थित सरकार कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के निर्देशों का पालन कर रही है. 15 प्रतिशत किराया चुकाने की बात करने वाले आवश्यकतानुसार अपने राज्य से ट्रेन की स्वीकृति भी नहीं दिला पा रहे हैं. उन्होंने मजदूरों के हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार शीघ्र सभी रूटों पर ट्रनों को स्वीकृति देते हुए लाखों मजदूरों की लौटने की व्यवस्था सुनिश्चित करे. नेता विधायक दल और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार मजदूरों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रही है यह बात समझ में नहीं आ रही है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक जनप्रतिनिधि के रूप में व्यवहार क्यों नही कर रहे हैं. जनता के दुख दर्द को समझना एक जनप्रतिनिधि का नैतिक दायित्व और कर्तव्य है. उन्हें सरकार के मुखिया के नाते इस संकट के दौर में त्वरित निर्णय लेना चाहिए. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य के मंत्रियों के विरोधाभाषी बयानों और गंभीर मुद्दे पर भी टालमटोल की नीति से राज्य की जनता को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने रेल मंत्री से उनकी बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि मुंबई में फंसे मजदूरों के लिए राज्य सरकार ने अब तक कोई ट्रेन की स्वीकृति नहीं दी है, फिर भी राज्य सरकार जनता को दिग्भ्रमित करने में लगी है.

कुछ ट्रेनों को लाकर ही वाहवाही बटोरने में पूरा सरकारी तंत्र लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में सोशल मीडिया भी अपनी बातों को जनता तक पहुंचाने का बड़ा माध्यम है. पार्टी ने आज अपनी बात और मजदूरों के प्रति चिंता को व्यक्त किया है. उन्होंने राज्य सरकार से मजदूरों को शीघ्र वापस लाने की मांग की है. सोशल मीडिया अभियान में प्रदेश के सभी पदाधिकारी, विधायक सांसदगण, जिला के अध्यक्ष सहित हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए.

Last Updated : May 17, 2020, 11:46 PM IST

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