रांची: सरना धर्म कोड की मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है. बैठकों का दौर जारी है. इस बीच राज्य सरकार ने विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड को लेकर चर्चा करने की बात कही है. लेकिन सरकार के जारी संकल्प पत्र में सरना धर्म कोड के साथ-साथ ऑब्लिक आदिवासी लिखा गया है और अब इसका विरोध हो रहा है. आदिवासी संगठनों का कहना है कि उन्हें सरना धर्म कोड ही चाहिए इसके अलावा इसमें कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
संगठन से जुड़े करमा उरांव ने कहा कि सरना धर्म ही राज्य के सभी आदिवासियों को मान्य होगा. देशभर के आदिवासी सरना धर्म कोड की मांग कर रहे हैं. राज्य सरकार 11 नवंबर को सरना धर्म कोड को लेकर विशेष सत्र बुलाई है लेकिन सरकार के जारी संकल्प पत्र में आदिवासी ऑब्लिक सरना धर्म कोड लिखा गया है. उसे माना नहीं जाएगा और इसी पर चर्चा के लिए यह बैठक बुलाई गई है.
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बैठक के दौरान एक मत से सरना धर्म कोड बनाने को लेकर चर्चा हुई और इस पर मुहर लगाई गई. मौके पर राज्य के विभिन्न जिलों से आदिवासी समुदाय से जुड़े लोग शामिल हुए और मामले को लेकर विचार-विमर्श किया. इस बैठक के दौरान राज्य भर के 32 सेना संगठन से जुड़े लोग शामिल हुए.