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सरना धर्म कोड को लेकर जारी सरकारी संकल्प पत्र से आपत्ति, बुलाई गई विशेष बैठक

रांची में सरना धर्म कोड की मांग को लेकर विशेष बैठक की गई. इस दौरान सरकार के जारी संकल्प पत्र में सरना धर्म कोड के साथ-साथ ऑब्लिक आदिवासी लिखा गया है. इसको लेकर आदिवासी संगठनों ने आपत्ति दर्ज कराई और विरोध किया.

special meeting on demand for sarna dharma code in ranchi
सरना धर्म कोड को लेकर बैठक
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Published : Nov 7, 2020, 4:20 PM IST

रांची: सरना धर्म कोड की मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है. बैठकों का दौर जारी है. इस बीच राज्य सरकार ने विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड को लेकर चर्चा करने की बात कही है. लेकिन सरकार के जारी संकल्प पत्र में सरना धर्म कोड के साथ-साथ ऑब्लिक आदिवासी लिखा गया है और अब इसका विरोध हो रहा है. आदिवासी संगठनों का कहना है कि उन्हें सरना धर्म कोड ही चाहिए इसके अलावा इसमें कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

देखें पूरी खबर
सरकार के जारी संकल्प पत्र को लेकर आदिवासी संगठनों ने आपत्ति दर्ज कराई है. सरना धर्म कोड की मांग कर रहे राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान की ओर से राजधानी रांची के हरमू स्थित देशवाली सरनास्थल पर एक विशेष बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में अंतर राज्यीय आदिवासी संगठनों के कई नेता शामिल हुए. मौके पर कहा गया कि सरना धर्म कोड की मांग लगातार जारी रहेगी और सरना धर्म कोड को लेकर ही आदिवासी समाज के लोग अडिग हैं. इसके अलावा कोई भी बिंदु को सरकार की ओर से जोड़ा गया तो वह मान्य नहीं होगा. इसी बिंदु को लेकर चर्चाएं हो रही है.

संगठन से जुड़े करमा उरांव ने कहा कि सरना धर्म ही राज्य के सभी आदिवासियों को मान्य होगा. देशभर के आदिवासी सरना धर्म कोड की मांग कर रहे हैं. राज्य सरकार 11 नवंबर को सरना धर्म कोड को लेकर विशेष सत्र बुलाई है लेकिन सरकार के जारी संकल्प पत्र में आदिवासी ऑब्लिक सरना धर्म कोड लिखा गया है. उसे माना नहीं जाएगा और इसी पर चर्चा के लिए यह बैठक बुलाई गई है.

ये भी पढ़े- झारखंड में 30 नवंबर तक नहीं खुलेंगे स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान और सिनेमा हॉल, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

बैठक के दौरान एक मत से सरना धर्म कोड बनाने को लेकर चर्चा हुई और इस पर मुहर लगाई गई. मौके पर राज्य के विभिन्न जिलों से आदिवासी समुदाय से जुड़े लोग शामिल हुए और मामले को लेकर विचार-विमर्श किया. इस बैठक के दौरान राज्य भर के 32 सेना संगठन से जुड़े लोग शामिल हुए.

रांची: सरना धर्म कोड की मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है. बैठकों का दौर जारी है. इस बीच राज्य सरकार ने विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड को लेकर चर्चा करने की बात कही है. लेकिन सरकार के जारी संकल्प पत्र में सरना धर्म कोड के साथ-साथ ऑब्लिक आदिवासी लिखा गया है और अब इसका विरोध हो रहा है. आदिवासी संगठनों का कहना है कि उन्हें सरना धर्म कोड ही चाहिए इसके अलावा इसमें कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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सरकार के जारी संकल्प पत्र को लेकर आदिवासी संगठनों ने आपत्ति दर्ज कराई है. सरना धर्म कोड की मांग कर रहे राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान की ओर से राजधानी रांची के हरमू स्थित देशवाली सरनास्थल पर एक विशेष बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में अंतर राज्यीय आदिवासी संगठनों के कई नेता शामिल हुए. मौके पर कहा गया कि सरना धर्म कोड की मांग लगातार जारी रहेगी और सरना धर्म कोड को लेकर ही आदिवासी समाज के लोग अडिग हैं. इसके अलावा कोई भी बिंदु को सरकार की ओर से जोड़ा गया तो वह मान्य नहीं होगा. इसी बिंदु को लेकर चर्चाएं हो रही है.

संगठन से जुड़े करमा उरांव ने कहा कि सरना धर्म ही राज्य के सभी आदिवासियों को मान्य होगा. देशभर के आदिवासी सरना धर्म कोड की मांग कर रहे हैं. राज्य सरकार 11 नवंबर को सरना धर्म कोड को लेकर विशेष सत्र बुलाई है लेकिन सरकार के जारी संकल्प पत्र में आदिवासी ऑब्लिक सरना धर्म कोड लिखा गया है. उसे माना नहीं जाएगा और इसी पर चर्चा के लिए यह बैठक बुलाई गई है.

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बैठक के दौरान एक मत से सरना धर्म कोड बनाने को लेकर चर्चा हुई और इस पर मुहर लगाई गई. मौके पर राज्य के विभिन्न जिलों से आदिवासी समुदाय से जुड़े लोग शामिल हुए और मामले को लेकर विचार-विमर्श किया. इस बैठक के दौरान राज्य भर के 32 सेना संगठन से जुड़े लोग शामिल हुए.

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