रांची: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद वहां की शिक्षा व्यवस्था की पूरे देश में चर्चा हो रही है. इससे झारखंड की हेमंत सरकार भी बहुत प्रभावित हुई है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा है कि मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा के बाद वह एक टीम बनाकर खुद दिल्ली जाएंगे और वहां की शिक्षा व्यवस्था को समझेंगे ताकि उसे झारखंड में भी लागू किया जा सके.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि एक दौर था जब झारखंड के नेतरहाट आवासीय विद्यालय की हर जगह चर्चा होती थी. इस स्कूल से निकले कई छात्र आज सिविल सेवा के जरिए ऊंचे मुकाम पर पहुंचे हुए हैं. लिहाजा, उन्होंने नेतरहाल आवासीय विद्यालय में एक वर्कशॉप करने की तैयारी की है. जहां सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारी और अलग-अलग स्कूलों के प्रिंसिपल-शिक्षक को शामिल होंगे.
'रिक्त पदों को भरना आसान नहीं'
दो दिवसीय वर्कशॉप के दौरान जो अच्छी बाते छनकर बाहर आएंगी उन्हें अन्य स्कूलों की बेहतरी के लिए अमल में लाया जाएगा. हालांकि, शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के क्रम में कई चुनौतियों से सरकार को गुजरना होगा. खासकर, करीब 23 हजार रिक्त पदों को भरना आसान नहीं होगा. इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के दिमाग में यह बाद घर कर गयी है कि बिना अच्छी शिक्षा के झारखंड का विकास नहीं हो सकता.
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ऐसे में उनकी सरकार हर वो काम करेगी जिससे यहां की शिक्षा व्यवस्था अच्छी हो सके. रघुवर सरकार के दौरान स्कूलों के मर्जर के सवाल पर उन्होंने कहा कि सुदूर देहात और जंगल क्षेत्रों के जिन स्कूलों को मर्ज किया गया है उन्हें हर हाल में खोला जाएगा. अन्य स्कूलों को लेकर एक बार समीक्षा जरूर की जाएगी.
दिल्ली दौरे के बाद सरकार लेगी फैसला
बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री ने केरल मॉडल के भी अध्ययन की बात कही. लेकिन एक बात स्पष्ट है कि हेमंत सरकार को दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था से ज्यादा आकर्षित कर रही है. लिहाजा, देखना होगा कि मैट्रिक परीक्षा के बाद दो दिवसीय दिल्ली दौरे से लौटने के बाद शिक्षा मंत्री की रिपोर्ट पर हेमंत सरकार क्या फैसले लेती है.