रांचीः झारखंड में ओल्ड पेंशन को लेकर मंथन जारी है. हेमंत सरकार के निर्णय के बाद विशेष कमेटी गठित की गई है. विकास आयुक्त के नेतृतव में गठित कमेटी अगले महीने तक रिपोर्ट सौंप सकती है. कमेटी सरकार पर पड़नेवाले वित्तीय भार, तौर तरीके और न्यू पेंशन स्कीम के तहत जमा राशि को लेकर अपनी रिपोर्ट सौपेंगी.
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झारखंड में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने के निर्णय से राज्य सरकार के कर्मचारियों में खुशी की लहर है. ओल्ड पेंशन स्कीम कैसे और किस तरह से लागू किया जाए. इसको लेकर हेमंत सरकार तैयारी में जुट गई है. सरकार ने विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यी कमिटी बनाने का निर्णय लिया है. इस कमेटी में विकास आयुक्त के अलावे कार्मिक सचिव और वित्त सचिव सदस्य होंगे. हालांकि इसके लिए अभी नोटिफिकेशन आना बाकी है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर सार्वजनिक बयान आते रहे हैं. गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले से वर्तमान समय में कार्यरत राज्य सरकार के करीब एक लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. यह कर्मचारी अभी न्यू पेंशन स्कीम के तहत पेंशन अंशदान के रुप में राशि जमा करते हैं.
ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर सरकार की क्या है तैयारी और कर्मचारी को क्या मिलेगा लाभ
- विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी कमेटी बनायेगी एसओपी
- विशेष कमेटी ओल्ड पेंशन स्कीम के तौर तरीका बनाकर सरकार को देगी रिपोर्ट
- प्रावधान के अनुसार 10 वर्ष नौकरी करने वाले को आधा और 20 वर्ष नौकरी पूरा करने वाले फूल पेंशन के होते हैं हकदार
- न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के अंशदान जमा राशि का क्या होगा
- ओल्ड पेंशन लागू होने से 1 जनवरी 2004 के बाद से 10 वर्ष पूरा करने के पश्चात रिटायर होनेवाले कर्मचारियों को पेंशन कौन और किस स्कीम से मिलेगा. इसका कमेटी करेगा निर्धारण
- ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त हुए राज्य सरकार के कर्मियों और अधिकारियों को इसका लाभ मिलेगा.
- वर्तमान में न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों का 10 प्रतिशत और सरकार की ओर से 14 प्रतिशत अंशदान पेंशन मद में जमा हो रहा है.
- ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत सालाना राज्य सरकार पर पड़ेगा 17 करोड़ का वित्तीय भार
- भविष्य में पड़ने वाले पेंशन मद के वित्तीय भार का आकलन कमेटी करेगी
- झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में 5 लाख 33 हजार 737 पद सृजित हैं. इसमें वर्तमान में 1 लाख 83 हजार 16 पदों पर कर्मी कार्यरत हैं
- न्यू पेंशन स्कीम के तहत मिलने वाला पेंशन कर्मचारियों के इस मद में जमा राशि पर शेयर मार्केट के अनुसार तय होता है, जो अनिश्चितता से भरा है
- कर्मचारी पेंशन को बुढापा का सहारा मानकर एक निश्नित राशि लेना चाहते हैं
- न्यू पेंशन स्कीम में कोई महंगाई भत्ता का प्रावधान नहीं था, ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को वर्ष में दो बार डीए मिलेगा
- 2021-22 के दौरान राज्य सरकार ने पेंशन पर 6804.3 करोड़ खर्च किया है ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर बनी कमेटी द्वारा अगस्त महीने में रिपोर्ट सौपने की है संभावना