रांची: पिछले दिनों ब्लैक फंगस (Black Fungus) की मरीज उषा देवी (Usha Devi) की मौत के बाद से रिम्स प्रबंधन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. रिम्स में इलाज करा रहे मरीजों के परिजनों ने डॉक्टरों पर कई बार इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. उषा देवी के इलाज को लेकर हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था. इसके बावजूद उषा देवी को नहीं बचाया जा सका. जिसे लेकर रिम्स प्रबंधन की काफी फजीहत हुई थी. इसके बाद अब रिम्स प्रबंधन काफी एक्टिव है और ब्लैक फंगस के मरीजों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
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ब्लैक फंगस के मरीजों पर विशेष ध्यान
झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स (RIMS) में डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगना कोई नहीं बात नहीं है. लगातार इसकी शिकायत आती रही है. यही नहीं अस्पताल में जांच से लेकर दवाइयों की कमी तक की बात सामने आई है. अस्पताल की स्थिति क्या है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों ब्लैक फंगस की मरीज उषा देवी के समुचित इलाज के लिए हाई कोर्ट को निर्देश देना पड़ा था. इसके बाद भी मरीज की जान नहीं बचाई जा सकी थी. हालांकि जब अस्पताल की फजीहत हुई तो प्रशासन एक्टिव हुआ और अब यहां ब्लैक फंगस के मरीजों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
ब्लैक फंगस के 13 मरीज भर्ती
ब्लैक फंगस (Black Fungus) की मरीज उषा देवी को जहां 50 हजार की दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ी थी. लेकिन अब यहां हालात बदले हुए हैं. मरीजों को स्पताल से ही दवा उपलब्ध कराई जा रही है. वर्तमान में रिम्स में ब्लैक फंगस के 13 मरीज हैं. जिसमें 8 मरीज डेंगू वार्ड में हैं और 5 मरीज ट्रामा सेंटर में भर्ती हैं.
बाहर से नहीं खरीदनी पड़ रही दवाइयां
ईटीवी भारत ( ETV BHARAT) की टीम ने डेंगू वार्ड में भर्ती मरीज कामेश्वर हेंब्रम के भाई राजेश्वर हेम्ब्रम से बात की तो उन्होंने बताया कि फिलहाल रिम्स में ब्लैक फंगस के मरीजों का बेहतर इलाज चल रहा है. उनके मरीज को भी एंफोटरइसिन बी (AMPHOTERICIN B) और पोसाकोनाजोल (POSACONAZOLE) की दवा उपलब्ध कराई जा रही है. उन्हें बाहर से दवा करने की जरूरत नहीं पड़ती. वहीं, बिहार के बांका से इलाज कराने आए त्रिलोकी यादव के परिजन राजेश महतो बताते हैं कि उनकी मरीज की स्थिति जैसे ही खराब हुई उन्हें देवघर से रांची के रिम्स भेज दिया गया. जहां पर पिछले कुछ दिनों से उनके मरीज का इलाज किया जा रहा है और धीरे-धीरे उनमें सुधार भी देखने को मिल रहा है. मरीज के परिजन राजेश महतो ने बताया कि दवा रिम्स के तरफ से ही मुहैया कराई जा रही है.
ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए डॉक्टरों की टीम
ब्लैक फंगस के मरीजों की व्यवस्था को लेकर रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ डीके सिन्हा बताते हैं ब्लैक फंगस के जो भी मरीज अस्पताल आते हैं उनकी स्थिति नाजुक होती है. कई बार ऐसे मरीज भी आते हैं जो बाहर ऑपरेशन करा लेते हैं और जब स्थिति खराब हो जाती है तो उन्हें रिम्स रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में उनका इलाज करना एक चुनौती हो जाता है. रिम्स प्रबंधन की तरफ से ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए ईएनटी (ENT) की विभागाध्यक्ष डॉ सीके बिरुवा के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है. ये टीम रिम्स में इलाजरत सभी ब्लैक फंगस के मरीज का समय-समय पर इलाज करती है और उन्हें हर सुविधा मुहैया कराई जाती है.
कौन थी उषा देवी
ब्लैक फंगस (Black Fungus) मरीज उषा देवी करीब 2 महीने से इलाज के लिए दर-दर भटक रही थी. जब उसे समुचित इलाज नहीं मिला तो उषा देवी (Usha Devi) के परिजनों ने रिम्स परिसर में धरना देकर इच्छा मृत्यु की मांग की थी. इस मामले पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया और उषा देवी का समुचित इलाज करने के निर्देश दिए. जिसके बाद रिम्स में उसका इलाज किया गया. हालांकि मरीज को नहीं बचाया जा सका और उषा देवी की मौत हो गई.