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झारखंड में सिंगल विंडो सिस्टम फेल, नये उद्यमियों को नहीं मिल रहा लाभ

झारखंड में उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सिंगल विंडो सिस्टम खोला गया, ताकि उद्यमियों को नये उद्योग लगाने में ज्यादा परेशानी झेलनी ना पड़े. लेकिन सिंगल विंडो सिस्टम फेल है.

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झारखंड में सिंगल विंडो सिस्टम फेल
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Published : Jun 29, 2022, 7:09 PM IST

Updated : Jun 29, 2022, 7:40 PM IST

रांचीः झारखंड में उद्यमियों को नये उद्योग लगाने में विभागों का चक्कर नहीं काटना पड़े और एक छत के नीचे सभी सुविधायें मिल जाये. इसको लेकर राज्य सरकार ने उद्योग विभाग में सिंगल विंडो सिस्टम खोला है, ताकि उद्यमियों और व्यापारियों को एक ही विंडो में सभी विभाग की सेवा बहाल की गई. इस सिंगल विंडो में 32 विभागों के 265 सेवाएं देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई. लेकिन विभागों में कॉर्डिनेशन के अभाव में सिंगल विंडो सिस्टम फेल है. इससे उद्यमियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

यह भी पढ़ेंःसिंगल विंडो पोर्टल शीघ्र करें दुरुस्त, 10 दिनों में लंबित मामलों का होना चाहिए निष्पादन: मुख्य सचिव

झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष पवन बजाज ने सरकार की उदासीन रवैया पर नाराजगी जताते हुए इसे जल्द से जल्द दुरुस्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि राज्य में भले ही नई औद्योगिक नीति की लंबी चौड़ी बातें कर लें. लेकिन ईमानदारी से पहल करने के नाम पर फेल रहा है. यही वजह है कि आज उद्यमी परेशान हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी


सिंगल विंडो सिस्टम से एक ही जगह उद्यमियों को हर विभाग की कागजी प्रक्रिया पूरी हो जाती थी. पिछली सरकार में सिंगल विंडो सिस्टम के कामकाज की जिम्मेवारी अर्नेस्ट एंड यंग नाम की एजेंसी को दिया गया था. लेकिन विभागीय कॉर्डिनेशन के अभाव और तकनीकी कारणों से इसका लाभ जितना मिलना चाहिए था, उतना मिल नहीं पाया. इसके बाद चयनित एजेंसी को कार्यमुक्त कर सरकार इसे खुद चलाने लगी. इसके बाबजूद अपेक्षित लाभ उद्यमियों को मिलनी चाहिए था वो नहीं मिल रहा है.

सिंगल विंडो सिस्टम में लंबित आवेदनों की संख्या को देखते हुए मुख्यसचिव सुखदेव सिंह ने दिसंबर 2021 में विभिन्न विभागों के सचिव के साथ समीक्षा की और निर्देश दिया कि सभी अड़चनों को दूर कर 10 दिनों के अंदर आवेदनों को निष्पादन करना सुनिश्चित करें. इसके बाबजूद विभाग के बीच समन्वय नहीं बन पाई हैं और समस्या जस की तस बनी हुई है. विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण इस सरकारी सिस्टम पर ग्रहण लगा हुआ था. वहीं, खान और उद्योग सचिव पूजा सिंघल प्रकरण ने सिंगल विंडो सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित किया है. प्रभारी उद्योग सचिव वंदना डाडेल कहती हैं कि सिंगल विंडो सिस्टम को दुरुस्त करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए सरकारी सिस्टम को सुलभ और न्यायसंगत बनाया जायेगा. इस दिशा में विभाग कदम उठा रही है.

इंडस्ट्री लगाने के लिए राज्य सरकार के करीब 20 विभागों से एनओसी लेनी होती है. इसमें उद्यमियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इन परेशानी को दूर करने के लिए ही सिंगल विंडो सिस्टम को खोला गया. लेकिन सिस्टम फेल है. संभावना है कि सरकार इसे गंभीरता से लेगी, ताकि राज्य में उद्योग लगाने को लेकर समुचित माहौल बन सके.

रांचीः झारखंड में उद्यमियों को नये उद्योग लगाने में विभागों का चक्कर नहीं काटना पड़े और एक छत के नीचे सभी सुविधायें मिल जाये. इसको लेकर राज्य सरकार ने उद्योग विभाग में सिंगल विंडो सिस्टम खोला है, ताकि उद्यमियों और व्यापारियों को एक ही विंडो में सभी विभाग की सेवा बहाल की गई. इस सिंगल विंडो में 32 विभागों के 265 सेवाएं देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई. लेकिन विभागों में कॉर्डिनेशन के अभाव में सिंगल विंडो सिस्टम फेल है. इससे उद्यमियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

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झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष पवन बजाज ने सरकार की उदासीन रवैया पर नाराजगी जताते हुए इसे जल्द से जल्द दुरुस्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि राज्य में भले ही नई औद्योगिक नीति की लंबी चौड़ी बातें कर लें. लेकिन ईमानदारी से पहल करने के नाम पर फेल रहा है. यही वजह है कि आज उद्यमी परेशान हैं.

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सिंगल विंडो सिस्टम से एक ही जगह उद्यमियों को हर विभाग की कागजी प्रक्रिया पूरी हो जाती थी. पिछली सरकार में सिंगल विंडो सिस्टम के कामकाज की जिम्मेवारी अर्नेस्ट एंड यंग नाम की एजेंसी को दिया गया था. लेकिन विभागीय कॉर्डिनेशन के अभाव और तकनीकी कारणों से इसका लाभ जितना मिलना चाहिए था, उतना मिल नहीं पाया. इसके बाद चयनित एजेंसी को कार्यमुक्त कर सरकार इसे खुद चलाने लगी. इसके बाबजूद अपेक्षित लाभ उद्यमियों को मिलनी चाहिए था वो नहीं मिल रहा है.

सिंगल विंडो सिस्टम में लंबित आवेदनों की संख्या को देखते हुए मुख्यसचिव सुखदेव सिंह ने दिसंबर 2021 में विभिन्न विभागों के सचिव के साथ समीक्षा की और निर्देश दिया कि सभी अड़चनों को दूर कर 10 दिनों के अंदर आवेदनों को निष्पादन करना सुनिश्चित करें. इसके बाबजूद विभाग के बीच समन्वय नहीं बन पाई हैं और समस्या जस की तस बनी हुई है. विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण इस सरकारी सिस्टम पर ग्रहण लगा हुआ था. वहीं, खान और उद्योग सचिव पूजा सिंघल प्रकरण ने सिंगल विंडो सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित किया है. प्रभारी उद्योग सचिव वंदना डाडेल कहती हैं कि सिंगल विंडो सिस्टम को दुरुस्त करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए सरकारी सिस्टम को सुलभ और न्यायसंगत बनाया जायेगा. इस दिशा में विभाग कदम उठा रही है.

इंडस्ट्री लगाने के लिए राज्य सरकार के करीब 20 विभागों से एनओसी लेनी होती है. इसमें उद्यमियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इन परेशानी को दूर करने के लिए ही सिंगल विंडो सिस्टम को खोला गया. लेकिन सिस्टम फेल है. संभावना है कि सरकार इसे गंभीरता से लेगी, ताकि राज्य में उद्योग लगाने को लेकर समुचित माहौल बन सके.

Last Updated : Jun 29, 2022, 7:40 PM IST
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