रांची: झारखंड में इमरजेंसी सेवा के लिए अब सिंगल हेल्पलाइन नंबर 112 होगा. डायल 112 पर पुलिस एंबुलेंस और फायर सेफ्टी तीनों सुविधाएं मिलेंगी. नए हेल्पलाइन नंबर के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. बकायदा पुलिस अधिकारियों को इसके फंक्शनिंग के लिए ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
झारखंड में जल्द ही इसे लॉन्च किया जाएगा
डायल 112 का एप भी लॉन्च किया जाएगा. जिसके माध्यम से भी आप तीनों तरह की मदद एक क्लिक में पा सकते हैं. यदि आपके साथ या आस-पास कोई भी अपराधी घटना हो, तबीयत खराब या फिर अगलगी की घटना हो या अन्य कोई पुलिस संबंधित जरूरत हो तो आप अब सीधा 112 डायल कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें- पूर्व मंत्री एनोस एक्का समेत सात लोगों को 7-7 साल की सजा, 50-50 लाख का जुर्माना
तत्काल मदद मिलेगी
एक ही नंबर से ये सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. झारखंड में जल्द ही 112 डायल योजना को शुरू किया जा रहा है. डायल 112 के बारे में जानकारी देने के लिए पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि इसे जल्द से जल्द शुरू किया जा सके.
केंद्र सरकार की है योजना
आम लोगों की मदद के लिए इमरजेंसी सेवा की यह योजना केंद्र सरकार की ओर से बनाया गया है, ताकि देश के लोगों को इमरजेंसी के दौरान एक ही नंबर डायल करना पड़े. बहुत जल्दी यह सिस्टम देश स्तर पर काम करेगा. तत्काल इसे झारखंड स्तर पर शुरू किया जा रहा है. अभी तक इमरजेंसी के लिए अलग-अलग नंबरों पर आम लोगों को फोन करना पड़ता है. जैसे पुलिस के लिए 100, एंबुलेंस के लिए 108 और अग्निशमन के लिए 101. लेकिन अब जल्द ही केवल 112 नंबर डायल करने पर ही तीनों सुविधाएं एक साथ मिलेंगी.
ये भी पढ़ें- कांग्रेस कोटे के मंत्रियों ने की सोनिया से मुलाकात, रामेश्वर उरांव ने कहा- किसानों के कर्ज माफी पर हुई बात
डायल 112 का एप भी होगा
112 नंबर का एक एप भी जारी किया जाएगा. इस ऐप के माध्यम से आप हर तरह के इमरजेंसी में मदद पा सकते हैं. एप में पैनिक बटन, कॉल, मैसेज और मेल सभी के ऑप्शन रहेंगे. अगर किसी खतरे में हैं और आपको लगता है कि आप फोन कर पाने में असफल साबित हो रहे हैं तो आप अपने मोबाइल के डायल 112 एप को ओपन कर उसके पैनिक बटन को केवल दबा दें, पैनिक बटन दबाते ही कंट्रोल रूम में सूचना चली जाएगी और आपका लोकेशन भी मोबाइल के जरिए कंट्रोल रूम को मिल जाएगा. जिसके बाद तुरंत आपको आपके लोकेशन पर मदद पहुंचाई जाएगी.
रांची में बनाया गया कंट्रोल रूम
डायल 112 के लिए रांची के कचहरी स्थित कंट्रोल रूम के बगल में ही एक और कंट्रोल रूम का निर्माण किया गया है. इस कंट्रोल रूम में पुलिसकर्मियों को डायल 112 की निगरानी के लिए 24 घंटे की ड्यूटी दी गई है. यह कंट्रोल रूम 24 घंटे तक काम करेगा. पूरी तरह से नए तकनीकों से सुसज्जित यह कंट्रोल रूम आम लोगों की हर तरह से मदद करने में दक्ष है. यहां काम करने वाले पुलिसकर्मियों को भी विशेष ट्रेनिंग दी गई है.
झारखंड से बाहर भी काम करेगा डायल 112
डायल 112 की ट्रेनिंग दे रहे विशेषज्ञों का कहना है कि यह वन इंडिया सेफ्टी एप है, जिसे इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम भी कह सकते हैं. अगर आप रांची के रहने वाले हैं और अगर आप रांची से बाहर किसी मुसीबत में फंसते हैं. चाहे राज्य के बाहर का ही मामला क्यों न हो, तब भी आप इस डायल 112 का प्रयोग कर सकते हैं. इससे कंट्रोल रूम में सूचना आते ही आपके शहर में स्थित कंट्रोल रूम को सूचना दी जाएगी, जिसके बाद तत्काल आपको मदद मिल जाएगी.
ये भी पढ़ें- ट्रंप ने भारतीय निवेशकों को अमेरिका आने का न्योता दिया, तीन बिलियन डॉलर की डिफेंस डील पर साइन
क्या कहते हैं जानकर
जानकारों के मुताबिक, यह सेवा शुरू होने के बाद जब भी आपको मदद की जरूरत हो, यदि आप खतरे में हो या कोई गंभीर रूप से घायल हो गया हो, तब तुरंत 112 नंबर पर डायल कीजिए. इसके अलावा आपके सामने मारपीट, हत्या, डकैती लूट जैसे अपराध हो रहे हों तब भी आप 112 नंबर पर डायल कर इसकी सूचना देकर यह सुविधा ले सकते हैं. दुर्घटना होने पर घर के अंदर या बाहर जाने के खतरा रहने पर, किसी भी तरह के क्राइम की शिकायत के लिए इस नंबर पर कॉल किया जा सकता है.
छात्राओं और महिलाओं के काम का है पैनिक बटन
इस एप में महिलाओं के लिए विशेष पैनिक बटन बनाया गया है. अगर उनके साथ किसी तरह का अत्याचार या फिर छेड़खानी हो रही हो तो वे गुपचुप तरीके से अपने मोबाइल में पैनिक बटन को दबा देती हैं. तो तुरंत उनके लोकेशन की जानकारी कंट्रोल रूम तक पहुंच जाएगी. जिसके बाद पुलिस उनकी सहायता के लिए मौके पर आ जाएगी.
ये भी पढ़ें- गर्मी की दस्तक, अगलगी की वारदातों से हलकान रांची, इमरजेंसी नंबर भी हुआ ठप
सी डैक ने बनाया है सॉफ्टवेयर
डायल 112 एप सीडैक ने बनाया है. राजधानी रांची में इसी कंपनी के जानकार और टेक्नीशियन पुलिसवालों को डायल 112 और इससे संबंधित ऐप की जानकारी दे रहे हैं, ताकि भविष्य में पुलिसवालों को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े.