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रांची के बाजारों में तलवार की कमी, जानिए रामनवमी में क्यों बढ़ जाती है डिमांड - रामनवमी 2022

रामनवमी को लेकर हर तरफ धूम है. राजधानी रांची में भी लोग उत्साह से रामनवमी मना रहे हैं. रामनवमी में जुलूस निकालने की परंपरा है. जिसमें भक्त हथियार के साथ शामिल होते हैं. जिसमें सबसे आम हथियार होती है तलवार. लेकिन इस बार रांजी के बाजार में तलवार की कमी हो गई है. जानिए इसके पीछे आखिर क्या वजह है.

shortage of swords in ranchi
shortage of swords in ranchi
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Published : Apr 10, 2022, 10:21 AM IST

Updated : Apr 10, 2022, 11:07 AM IST

रांचीः चैत्र नवरात्र में आज जहां मंदिरों में शक्ति स्वरूपा मां भगवती की पूजा आराधना में लीन हैं तो दूसरी ओर रामनवमी में निकलने वाले जुलूस से पहले ही पूरी राजधानी ध्वज और पताकों से राममय हो गयी है. इस सबके बीच एक खबर रांची के अपर बाजार से भी तलवार के शॉर्टेज हो जाने की है. अपर बाजार सहित राजधानी के ज्यादातर हार्डवेयर दुकान जहां तलवार की बिक्री होती है वहां तलवार बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं हैं. रामभक्तों को तलवार के लिए जहां इंतजार करना पड़ रहा है तो दुकानदार किसी तरह पड़ोसी जिलों के दुकानदारों से संपर्क कर वहां से तलवार मंगाकर किसी तरह उपलब्ध करा पा रहे हैं.

रांची के अपर बाजार में तलवार खरीदने आये रामभक्त अंकित राज ईटीवी भारत से कहते हैं कि कल भी वह तलवार खरीदने के लिए अपर बाजार आये थे पर कहीं तलवार नहीं मिला. ऐसे में वह ऑर्डर देकर चले गये थे, आज दुकानदार ने फोन किया कि तलवार आयी है तब वह लेने के लिए दोबारा अपर बाजार पहुंचे हैं. वर्षो से अपर बाजार में हार्डवेयर की दुकान चला रहे अमरनाथ सिंह इस बार बाजार में तलवार की किल्लत के सवाल पर कहते हैं कि 10 दिन पहले तक असमंजस की स्थिति थी कि रामनवमी जुलूस निकलेगा भी या नहीं. ऐसे में ज्यादातर तलवार व्यवसाइयों ने ऑर्डर काफी कम तलवार का किया था. अब जब रात 10 बजे तक जुलूस निकालने की अनुमति सरकार से मिल गयी है तो तलवार की डिमांड तो खूब बढ़ी पर स्टॉक में तलवार है ही नहीं. अमरनाथ सिंह कहते हैं कि झारखंड में मुख्यरूप से तलवार अमृतसर से आता है पर इस बार ऑर्डर ही कम किया गया था.

देखें पूरी खबर
तलवार की बढ़ गयी कीमतः स्टॉक कम होने और ज्यादा डिमांड की वजह से तलवारों के दाम बढ़ गए हैं. सामान्यतः बाजार में चार साढ़े चार सौ में बिकने वाली साधारण तलवार अभी 600 रुपये में और 1200 रुपये वाली प्रीमियम तलवार किसी तरह 2000 रुपये में ग्राहकों को मिल पा रही है.महावीरी जुलूस में तलवार और हथियार का है खासा महत्वःरामनवमी के दिन रांची में सैकड़ों की संख्या में महावीरी जुलूस और अखाड़ा निकलता है. जिसमें हर अखाड़े में सैकड़ों की संख्या में रामभक्त शामिल होते हैं. ऐसे में इन रामभक्तों के हाथ में जो हथियार होता है, उसमें सबसे ज्यादा तलवार ही होती है. 49 वर्षो से रांची महावीर मंडल की ओर से निकलने वाले अखाड़ा का किसी न किसी रूप में हिस्सा रहे राजीव रंजन मिश्रा उर्फ चुन्नू मिश्रा कहते हैं कि भगवान राम धनुष के बिना अधूरे दिखते हैं और मां शक्ति स्वरूपा ने भी अत्याचारियों के खात्मे के लिए हथियार उठाया था. ऐसे में चैत्र रामनवमी में हम मां दुर्गे और भगवान राम दोनों की आराधना करते हैं. इसलिए जब महावीरी जुलूस निकाला जाता है तो उसमें भी कोई न कोई हथियार जरूर रामभक्तों के हाथ मे होता है. ऐसे में सबसे सामान्य हथियार तलवार है. इसलिए सबसे ज्यादा रामभक्त तलवार ही खरीदते हैं. उन्होंने कहा कि कई अखाड़ा समितियां सबसे आकर्षक और ऊंचे ध्वज की प्रतियोगिता करती हैं तो उसमें भी तलवार इनाम स्वरूप दी जाती है. उन्होंने माना कि यह भी सही है कि इन दिनों शक्ति प्रदर्शन का जरिया भी तलवार रखना और उसे प्रदर्शित करना बन गया है.

रांचीः चैत्र नवरात्र में आज जहां मंदिरों में शक्ति स्वरूपा मां भगवती की पूजा आराधना में लीन हैं तो दूसरी ओर रामनवमी में निकलने वाले जुलूस से पहले ही पूरी राजधानी ध्वज और पताकों से राममय हो गयी है. इस सबके बीच एक खबर रांची के अपर बाजार से भी तलवार के शॉर्टेज हो जाने की है. अपर बाजार सहित राजधानी के ज्यादातर हार्डवेयर दुकान जहां तलवार की बिक्री होती है वहां तलवार बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं हैं. रामभक्तों को तलवार के लिए जहां इंतजार करना पड़ रहा है तो दुकानदार किसी तरह पड़ोसी जिलों के दुकानदारों से संपर्क कर वहां से तलवार मंगाकर किसी तरह उपलब्ध करा पा रहे हैं.

रांची के अपर बाजार में तलवार खरीदने आये रामभक्त अंकित राज ईटीवी भारत से कहते हैं कि कल भी वह तलवार खरीदने के लिए अपर बाजार आये थे पर कहीं तलवार नहीं मिला. ऐसे में वह ऑर्डर देकर चले गये थे, आज दुकानदार ने फोन किया कि तलवार आयी है तब वह लेने के लिए दोबारा अपर बाजार पहुंचे हैं. वर्षो से अपर बाजार में हार्डवेयर की दुकान चला रहे अमरनाथ सिंह इस बार बाजार में तलवार की किल्लत के सवाल पर कहते हैं कि 10 दिन पहले तक असमंजस की स्थिति थी कि रामनवमी जुलूस निकलेगा भी या नहीं. ऐसे में ज्यादातर तलवार व्यवसाइयों ने ऑर्डर काफी कम तलवार का किया था. अब जब रात 10 बजे तक जुलूस निकालने की अनुमति सरकार से मिल गयी है तो तलवार की डिमांड तो खूब बढ़ी पर स्टॉक में तलवार है ही नहीं. अमरनाथ सिंह कहते हैं कि झारखंड में मुख्यरूप से तलवार अमृतसर से आता है पर इस बार ऑर्डर ही कम किया गया था.

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तलवार की बढ़ गयी कीमतः स्टॉक कम होने और ज्यादा डिमांड की वजह से तलवारों के दाम बढ़ गए हैं. सामान्यतः बाजार में चार साढ़े चार सौ में बिकने वाली साधारण तलवार अभी 600 रुपये में और 1200 रुपये वाली प्रीमियम तलवार किसी तरह 2000 रुपये में ग्राहकों को मिल पा रही है.महावीरी जुलूस में तलवार और हथियार का है खासा महत्वःरामनवमी के दिन रांची में सैकड़ों की संख्या में महावीरी जुलूस और अखाड़ा निकलता है. जिसमें हर अखाड़े में सैकड़ों की संख्या में रामभक्त शामिल होते हैं. ऐसे में इन रामभक्तों के हाथ में जो हथियार होता है, उसमें सबसे ज्यादा तलवार ही होती है. 49 वर्षो से रांची महावीर मंडल की ओर से निकलने वाले अखाड़ा का किसी न किसी रूप में हिस्सा रहे राजीव रंजन मिश्रा उर्फ चुन्नू मिश्रा कहते हैं कि भगवान राम धनुष के बिना अधूरे दिखते हैं और मां शक्ति स्वरूपा ने भी अत्याचारियों के खात्मे के लिए हथियार उठाया था. ऐसे में चैत्र रामनवमी में हम मां दुर्गे और भगवान राम दोनों की आराधना करते हैं. इसलिए जब महावीरी जुलूस निकाला जाता है तो उसमें भी कोई न कोई हथियार जरूर रामभक्तों के हाथ मे होता है. ऐसे में सबसे सामान्य हथियार तलवार है. इसलिए सबसे ज्यादा रामभक्त तलवार ही खरीदते हैं. उन्होंने कहा कि कई अखाड़ा समितियां सबसे आकर्षक और ऊंचे ध्वज की प्रतियोगिता करती हैं तो उसमें भी तलवार इनाम स्वरूप दी जाती है. उन्होंने माना कि यह भी सही है कि इन दिनों शक्ति प्रदर्शन का जरिया भी तलवार रखना और उसे प्रदर्शित करना बन गया है.
Last Updated : Apr 10, 2022, 11:07 AM IST
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