रांचीः झारखंड प्रवासी नियंत्रण कक्ष (Jharkhand Migrant Control Room) के प्रयास से सात बच्चों का तमिलनाडु से रेस्क्यू किया गया. जानकारी के मुताबिक सभी बच्चे चतरा और पलामू जिला के रहने वाले हैं. सीडब्ल्यूसी के सहयोग से इन बच्चों को रांची लाया गया है.
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झारखंड प्रवासी नियंत्रण कक्ष लगातार राज्य के नाबालिग बच्चों और लड़कियों का रेस्क्यू कर रहा है. इसी कड़ी में अपने दोस्तों के बहकावे में आकर चतरा और पलामू से 7 बच्चे काम की तलाश में तमिलनाडु चल गए थे और उस दौरान उन बच्चों के साथ काफी परेशानियां आ रही थीं. झारखंड प्रवासी नियंत्रण कक्ष के प्रयास से इन बच्चों को तमिलनाडु से मुक्त कराया गया. सीडब्ल्यूसी के सहयोग से इन बच्चों को रांची वापस लाया गया है.
पलामू के चार बच्चे हैं और चतरा के तीन बच्चे बताए जा रहे हैं. यह बच्चे अपने दोस्तों के बहकावे में आकर काम की तलाश में तमिलनाडु चल गए थे. जहां उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. सभी बच्चे गरीब परिवार से आते हैं, इनके पिता दैनिक मजदूरी कर घर परिवार चलाते हैं. यह बच्चे घर से भागकर गए थे. लेकिन अब परिवार वालों का कहना है कि इन बच्चों को सरकारी स्कूलों में नामांकित कर पढ़ाया लिखाया जाएगा.
झारखंड प्रवासी नियंत्रण कक्ष ऐसे समस्याओं पर लगातार काम कर लोगों को घर वापसी करवा रहा है और इस काम में इन दिनों नियंत्रण कक्ष तन्मयता के साथ जुटी हुई है. रेलवे मार्ग के जरिए लगातार मानव तस्करी से जुड़े मामले सामने आते है. रेलवे स्टेशनों पर कई संदिग्धों को पूछताछ करने के बाद पता चलता है कि वह कहीं बाहर या तो काम करने जा रहे हैं या फिर दलालों के चंगुल में फंस चुके हैं. आरपीएफ की टीम को पूछताछ करने के बाद उन्हें चाइल्ड लाइन को सौंप देती है. हालांकि इस मामले में बच्चों को रेस्क्यू कर उनके परिजनों को सौंप दिया गया है.