रांची: ह्यूमन ट्रैफिकिंग के आरोपी रविंद्र राठी को एजेसी 3 के जज एसके पांडेय की अदालत ने दोषी ठहराते हुए 14 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर उसे एक साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
2008 में दर्ज हुआ था मामला
बता दें कि आरोपी रविंद्र राठी हरियाणा का रहने वाला है, जिसपर तीन नाबालिग लड़कियों को घरेलू काम दिलाने के नाम पर दिल्ली हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों में बेचने का आरोप है. जिसको लेकर दीया सेवा संस्था के सहयोग से तुपुदाना क्षेत्र के पीड़िता के पिता ने साल 2008 में तुपुदाना थाना में मामला दर्ज कराया था.
इंटरनेशनल ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लोगों से सांठगांठ
संस्था के मुताबिक, राज्य के कई लड़कियों को बहला फुसलाकर दिल्ली ले जाकर दुष्कर्म करता था और बेच भी देता था. कंसलटेंसी संस्था चलाकर गरीब असहाय लड़कियों को झांसा में लेता था. दीया सेवा संस्थान का यह भी कहना है कि इंटरनेशनल ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लोगों से सांठगांठ है.
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9 गवाहों की गवाही कराई गई
पुलिस के अनुसंधान के बाद आरोप गठित कर चार्जशीट दाखिल किया गया. ट्रायल चलने के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से 9 गवाहों की गवाही कराई गई. जिसके बाद न्यायालय ने दोषी ठहराते हुए यह फैसला सुनाया है.