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पति की योग्यता साबित करने एमएलए बनीं सीमा देवी, 3 माह बेटे के साथ आती है विधानसभा

रांची के सिल्ली की विधायक सीमा देवी अपने तीन महीने के बेटे आन के साथ हर दिन विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेती है. सीमा देवी के पति को स्थानीय कोर्ट द्वारा एक मामले में दोषी पाए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता खोनी पड़ी थी. जिसके बाद 2018 में सीमा ने उपचुनाव में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को करारी मात दी.

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Published : Jul 24, 2019, 7:14 PM IST

अपने बेटे संग विधायक सीमा देवी

रांची: राज्य के प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा में एक ऐसी महिला विधायक है, जो अपने पति की योग्यता साबित करने के लिए विधानसभा की सदस्य बनीं और अब अपने 3 महीने के बेटे को लेकर हर दिन विधानसभा आतीं हैं. वह सिल्ली विधानसभा से उपचुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्य बनी हैं.

मां और विधायक होने का दायित्व एक साथ निभाती सीमा देवी

बता दें कि सीमा देवी के पति को एक मारपीट के मामले में स्थानीय अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद अपनी विधानसभा की सदस्यता खोनी पड़ी थी. उसके बाद सीमा देवी रण में उतरी और 2018 में सिल्ली विधानसभा के हुए उपचुनाव में उन्होंने आजसू प्रमुख सुदेश महतो को 13 हजार से अधिक वोटों से मात दी.

3 महीने पहले सीमा महतो के घर में बेटे ने जन्म लिया और अब सीमा देवी एक महिला की मदद से अपने बेटे के साथ विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेतीं हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में झामुमो विधायक ने बताया कि हालांकि यह एक कठिन काम है. मैं मां और विधायक की भूमिका में संतुलन बना कर चलने की कोशिश करती हूं. इस काम में उनके पति और परिवार काफी मदद करते हैं.

उन्होंने कहा कि खुद को बेटे से ज्यादा दूर रखना काफी मुश्किल है. लेकिन, जनता के प्रति उनका किया गया कमिटमेंट भी जरूरी है. यही वजह है कि वह एक मां होने के साथ अपने इलाके के विधायक होने के दायित्व को निभाने की कोशिश करतीं हैं.

रांची: राज्य के प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा में एक ऐसी महिला विधायक है, जो अपने पति की योग्यता साबित करने के लिए विधानसभा की सदस्य बनीं और अब अपने 3 महीने के बेटे को लेकर हर दिन विधानसभा आतीं हैं. वह सिल्ली विधानसभा से उपचुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्य बनी हैं.

मां और विधायक होने का दायित्व एक साथ निभाती सीमा देवी

बता दें कि सीमा देवी के पति को एक मारपीट के मामले में स्थानीय अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद अपनी विधानसभा की सदस्यता खोनी पड़ी थी. उसके बाद सीमा देवी रण में उतरी और 2018 में सिल्ली विधानसभा के हुए उपचुनाव में उन्होंने आजसू प्रमुख सुदेश महतो को 13 हजार से अधिक वोटों से मात दी.

3 महीने पहले सीमा महतो के घर में बेटे ने जन्म लिया और अब सीमा देवी एक महिला की मदद से अपने बेटे के साथ विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेतीं हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में झामुमो विधायक ने बताया कि हालांकि यह एक कठिन काम है. मैं मां और विधायक की भूमिका में संतुलन बना कर चलने की कोशिश करती हूं. इस काम में उनके पति और परिवार काफी मदद करते हैं.

उन्होंने कहा कि खुद को बेटे से ज्यादा दूर रखना काफी मुश्किल है. लेकिन, जनता के प्रति उनका किया गया कमिटमेंट भी जरूरी है. यही वजह है कि वह एक मां होने के साथ अपने इलाके के विधायक होने के दायित्व को निभाने की कोशिश करतीं हैं.

Intro:रांची.प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा की एक महिला विधायक ऐसी हैं.जिन्होंने अपने पति की योग्यता साबित करने के मकसद से विधानसभा सदस्यता हासिल की और अब अपने 3 महीने के बेटे के साथ हर दिन विधानसभा आती है. सिल्ली विधानसभा से उपचुनाव जीतकर झारखंड विधानसभा की सदस्य बनी सीमा देवी वह विधायक हैं. जिनके पति अमित महतो को एक मारपीट के मामले में स्थानीय अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद अपनी सदस्यता खोनी पड़ी थी. उसके बाद सीमा चुनावी रण में उतरी और उन्होंने आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को धूल चटाई.जून 2018 में सिल्ली विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में सीमा ने सुरेश महतो को 13 हजार से अधिक वोटों से हराया.


Body:3 महीने पहले पूर्व विधायक अमित महतो और मौजूदा विधायक सीमा महतो के घर बेटे ने जन्म लिया और अब 3 महीने के बच्चे 'आन' के साथ विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने उनके साथ एक महिला मदद करने के लिए होती है.जो तब तक बेटे 'आन' को साथ में रखती है.जब तक विधायक सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेती है. मॉनसून सत्र में पहली बार अपने बेटे के साथ पहुंची झामुमो विधायक ने बताया कि हालांकि यह एक कठिन काम है.लेकिन वह मां और विधायक की भूमिका में बैलेंस बनाकर चलने की कोशिश करती हूं.ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि इस काम में उनके पति और पूरा परिवार मदद करता है.


Conclusion:उन्होंने बताया कि इतनी देर तक बेटे से खुद को अलग रखना काफी कठिन है. लेकिन जनता के प्रति उनका किया गया कमिटमेंट भी जरूरी है. यही वजह है कि वह अपने बच्चे की मां और अपने इलाके के विधायक दोनों भूमिका को अच्छे से निभाने के लिए हर ईमानदार कोशिश करती हैं.
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