रांची: अल्लाह की राह में अपनी प्यारी से प्यारी वस्तु भी कुर्बान कर देने के जज्बे का प्रतीक ईद उल अजहा बकरीद का त्योहार मनाया जा रहा है. मस्जिदों या ईदगाह में नमाज का समय भी निर्धारित किया गया है. सभी मस्जिदों और ईदगाहों में सुबह सात बजे से लेकर आठ बजे के बीच नमाज अदा की जाएगी.
ये है परंपरा
बता दें कि इस्लाम में गरीबों और मजलूमों का खास ध्यान रखने की परंपरा है. इसी वजह से बकरीद पर भी गरीबों का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस दिन कुर्बानी के बाद गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं.
क्यों मनाई जाती है बकरीद?
इस्लाम को मानने वाले लोगों के लिए बकरीद का विशेष महत्व है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम अपने बेटे हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे. तब अल्लाह ने उनके नेक जज्बे को देखते हुए उनके बेटे को जीवनदान दे दिया. यह पर्व इसी की याद में मनाया जाता है. इसके बाद अल्लाह के हुक्म पर इंसानों की नहीं जानवरों की कुर्बानी देने का इस्लामिक कानून शुरू हो गया.
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सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त
बकरीद को देखते हुए सुरक्षा के लिए रांची पुलिस हाई अलर्ट मोड पर है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के हर संवेदनशील जगहों पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं. एसएसपी अनीश गुप्ता ने कहा कि पर्व के दौरान अफवाह फैलाने वालों पर विशेष नजर होगी.