रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में तत्कालीन सरकार के दौरान लॉ एंड आर्डर व्यवस्था संक्रमण काल में थी. यही वजह है कि चुनावों के बाद जो सत्ता पक्ष में बैठते थे, उन्हें विपक्ष में जगह मिली. वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट को लेकर सरकार का पक्ष रखते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि विधानसभा में वाद-विवाद के दौरान लगभग सभी लोगों ने माना है कि प्रदेश की मौजूदा वित्तीय स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी होना चाहिए.
हेमंत सोरेन ने कहा कि एक तरफ राज्य में अव्यवस्था का माहौल है, वहीं, दूसरी तरफ राज्य के लोगों ने बहुमत के बल पर प्रदेश में सरकार बनाई है. सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार खरीद-फरोख्त कर नहीं बनाई गई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट सभी चीजों को ध्यान में रखकर किया गया है. सरकार की ओर से पेश किये गये 4210 करोड़ का बजट राज्य के विकास के लिए खर्च किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे राजकोष पर 1388 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा.
हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार वैसे सभी योजनाओं को जारी रखेगी जो जनहित से जुड़ी हुई है. वहीं, दूसरी तरफ ऐसी योजनाओं के ऊपर लगाम लगाई जाएगी जिनका जनकल्याण से कोई सरोकार नहीं है. वहीं, विशेष सत्र के आखिरी दिन मंत्री आलमगीर आलम ने जेएनयू और जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों के ऊपर हुए कथित हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की.
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आलमगीर आलम ने कहा कि सदन इन घटनाओं की निंदा करती है. इसके साथ ही भारत सरकार को इन विषयों पर झारखंड के सदन की भावना से अवगत कराया जाएगा. भाकपा माले के विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले की सदन ने कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि है बीजेपी के विधायक इस प्रस्ताव के खिलाफ सदन में आवाज उठा रहे थे. इससे यह साफ हो गया कि उनकी मंशा क्या है.