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विधानसभा में पास हुआ दूसरा सप्लीमेंट्री बजट, जेएनयू और जामिया में छात्रों पर हुए हमले से जुड़ा निंदा प्रस्ताव पास - झारखंड विधानसभा में अनुपूरक बजट पास

विधानसभा सत्र के तीसरे दिन वित्त वर्ष 2019-20 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट को लेकर सरकार का पक्ष रखते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि विधानसभा में वाद-विवाद के दौरान लगभग सभी लोगों ने माना है कि प्रदेश की मौजूदा वित्तीय स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी होना चाहिए.

Second supplementary budget
हेमंत सोरेन
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Published : Jan 8, 2020, 6:46 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में तत्कालीन सरकार के दौरान लॉ एंड आर्डर व्यवस्था संक्रमण काल में थी. यही वजह है कि चुनावों के बाद जो सत्ता पक्ष में बैठते थे, उन्हें विपक्ष में जगह मिली. वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट को लेकर सरकार का पक्ष रखते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि विधानसभा में वाद-विवाद के दौरान लगभग सभी लोगों ने माना है कि प्रदेश की मौजूदा वित्तीय स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी होना चाहिए.

देखिए पूरी खबर

हेमंत सोरेन ने कहा कि एक तरफ राज्य में अव्यवस्था का माहौल है, वहीं, दूसरी तरफ राज्य के लोगों ने बहुमत के बल पर प्रदेश में सरकार बनाई है. सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार खरीद-फरोख्त कर नहीं बनाई गई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट सभी चीजों को ध्यान में रखकर किया गया है. सरकार की ओर से पेश किये गये 4210 करोड़ का बजट राज्य के विकास के लिए खर्च किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे राजकोष पर 1388 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा.

हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार वैसे सभी योजनाओं को जारी रखेगी जो जनहित से जुड़ी हुई है. वहीं, दूसरी तरफ ऐसी योजनाओं के ऊपर लगाम लगाई जाएगी जिनका जनकल्याण से कोई सरोकार नहीं है. वहीं, विशेष सत्र के आखिरी दिन मंत्री आलमगीर आलम ने जेएनयू और जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों के ऊपर हुए कथित हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की.

ये भी पढ़ें: विपक्ष के विरोध के वाबजूद भी सीएम ने पढ़ा धन्यवाद प्रस्ताव, सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक

आलमगीर आलम ने कहा कि सदन इन घटनाओं की निंदा करती है. इसके साथ ही भारत सरकार को इन विषयों पर झारखंड के सदन की भावना से अवगत कराया जाएगा. भाकपा माले के विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले की सदन ने कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि है बीजेपी के विधायक इस प्रस्ताव के खिलाफ सदन में आवाज उठा रहे थे. इससे यह साफ हो गया कि उनकी मंशा क्या है.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में तत्कालीन सरकार के दौरान लॉ एंड आर्डर व्यवस्था संक्रमण काल में थी. यही वजह है कि चुनावों के बाद जो सत्ता पक्ष में बैठते थे, उन्हें विपक्ष में जगह मिली. वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट को लेकर सरकार का पक्ष रखते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि विधानसभा में वाद-विवाद के दौरान लगभग सभी लोगों ने माना है कि प्रदेश की मौजूदा वित्तीय स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी होना चाहिए.

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हेमंत सोरेन ने कहा कि एक तरफ राज्य में अव्यवस्था का माहौल है, वहीं, दूसरी तरफ राज्य के लोगों ने बहुमत के बल पर प्रदेश में सरकार बनाई है. सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार खरीद-फरोख्त कर नहीं बनाई गई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट सभी चीजों को ध्यान में रखकर किया गया है. सरकार की ओर से पेश किये गये 4210 करोड़ का बजट राज्य के विकास के लिए खर्च किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे राजकोष पर 1388 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा.

हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार वैसे सभी योजनाओं को जारी रखेगी जो जनहित से जुड़ी हुई है. वहीं, दूसरी तरफ ऐसी योजनाओं के ऊपर लगाम लगाई जाएगी जिनका जनकल्याण से कोई सरोकार नहीं है. वहीं, विशेष सत्र के आखिरी दिन मंत्री आलमगीर आलम ने जेएनयू और जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों के ऊपर हुए कथित हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की.

ये भी पढ़ें: विपक्ष के विरोध के वाबजूद भी सीएम ने पढ़ा धन्यवाद प्रस्ताव, सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक

आलमगीर आलम ने कहा कि सदन इन घटनाओं की निंदा करती है. इसके साथ ही भारत सरकार को इन विषयों पर झारखंड के सदन की भावना से अवगत कराया जाएगा. भाकपा माले के विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले की सदन ने कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि है बीजेपी के विधायक इस प्रस्ताव के खिलाफ सदन में आवाज उठा रहे थे. इससे यह साफ हो गया कि उनकी मंशा क्या है.

Intro:इससे जुड़ा वीडियो लाइव व्यू से गया है रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में तत्कालीन सरकार के दौरान लॉ एंड आर्डर व्यवस्था संक्रमण काल में थी। यही वजह है कि चुनावों के बाद जो सत्ता पक्ष में बैठते थे उन्हें विपक्ष में जगह मिली। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट को लेकर सरकार का पक्ष रखते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि विधानसभा में वाद विवाद के दौरान लगभग सभी लोगों ने माना है कि प्रदेश की मौजूदा वित्तीय स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक तरफ राज्य में अव्यवस्था का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ राज्य के लोगों ने बहुमत के बल पर प्रदेश में सरकार बनाई है। सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार खरीद-फरोख्त कर नहीं बनाई गई। साथ ही उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट सभी चीजों को ध्यान में रखकर किया गया है। सरकार द्वारा पेश किया गया 4210 करोड़ का बजट राज्य के विकास के लिए खर्च किया जाएगा उन्होंने कहा कि इससे राजकोष पर 1388 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा।


Body:सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार वैसे सभी योजनाओं को कंटिन्यू करेगी जो जनहित से जुड़ी हुई है वहीं दूसरी तरफ ऐसी योजनाओं के ऊपर लगाम लगाई जाएगी जिनका जनकल्याण से कोई सरोकार नहीं है वहीं विशेष सत्र के आखिरी दिन संसदीय कार्य मंत्री (प्रभारी) आलमगीर आलम ने जेएनयू और जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों के उपर हुए कथित हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की और इस बेबस निंदा प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि सदन इन घटनाओं की निंदा करती है। साथ ही भारत सरकार को इन विषयों पर झारखंड के सदन की भावना से अवगत कराया जाएगा। भाकपा माले के विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय र जेएनयू में छात्रों पर सदन ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि है बीजेपी के विधायक इस प्रस्ताव के खिलाफ सदन में आवाज उठा रहे थे इससे यह साफ हो गया कि उनकी मंशा क्या है।


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