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सीनियर बच्चों के लिए खुला स्कूल, पहले दिन बच्चों की उपस्थिति में दिखी कमी - रांची में 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए खुला स्कूल

स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से सोमवार से तमाम निजी और सरकारी स्कूल 10वीं और 12वीं के बच्चों के स्कूल खोल दिए हैं. पहले दिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में कमी देखी गई.

school reopen for senior students in ranchi
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Published : Dec 21, 2020, 12:44 PM IST

Updated : Dec 21, 2020, 1:15 PM IST

रांची: कोरोना संक्रमण के बचाव को लेकर पिछले 9 महीने से तमाम शिक्षण संस्थान बंद है. राज्य के निजी और सरकारी स्कूल भी बंद करा दिए गए थे. लॉकडाउन की वजह से पठन-पाठन पूरी तरह ठप था. लेकिन राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से सोमवार से तमाम निजी और सरकारी स्कूलों के लिए एक निर्देश के तहत 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं. पहले दिन बच्चों की उपस्थिति कम थी. वहीं कई सरकारी स्कूलों में व्यवस्थाएं नदारद दिखी. इस दौरान बच्चों और शिक्षकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा.

देखें पूरी खबर
सरकारी स्कूलों की व्यवस्था की खुली पोलराज्य सरकार ने तमाम स्कूल प्रबंधकों के लिए कोविड-19 गाइडलाइन का ख्याल रखते हुए सोमवार से दसवीं और बारहवीं के बच्चों के लिए स्कूल खोलने का निर्देश तो दे दिया. लेकिन मुकम्मल व्यवस्था अधिकतर सरकारी स्कूलों में नहीं दिखी. हालांकि स्कूल परिसर के अंदर शिक्षकों की ओर से अपने स्तर पर तमाम तरह की व्यवस्थाएं मुकम्मल की गई थी. 6 फीट की दूरी पर बच्चों को डिस्टेंस मेंटेन करते हुए बैठाया जा रहा था. वहीं, स्कूल परिसर के बाहर गंदगी पसरी दिखी. इस मामले को लेकर हमारी टीम ने प्रमुखता से खबर दिखाई. जिसके बाद कई स्कूलों में गंदगी को आननफानन में साफ किया गया.बच्चे लिखित शपथ पत्र लेकर नहीं पहुंचे थे स्कूलसोमवार को बच्चे विद्यालय पहुंचे लेकिन इस दौरान ऐसे कई विद्यार्थियों अभिभावकों से लिखित रूप से शपथ पत्र लेकर नहीं पहुंचे थे. दूर-दराज से आने के कारण यैसे बच्चों के अभिभावकों से संपर्क साधा गया और उनकी अनुमति ली गई और व्हाट्सएप के जरिए उनका शपथ पत्र मंगवाया गया. तब जाकर बच्चों को स्कूल में बैठने की अनुमति दी गई. जिला स्कूल, बाल कृष्णा उच्च विद्यालय, गवर्नमेंट बालिका उच्च विद्यालय के अलावा कई सरकारी स्कूलों के बच्चे पठन-पाठन को लेकर स्कूल पहुंचे. वहीं राजधानी के निजी स्कूलों की बात करें तो डीपीएस रांची, ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल, कैराली स्कूल जैसे स्कूल को खोले गए.

ये भी पढ़े- सरकारी स्कूलों को CBSE की मान्यता दिलाने की तैयारी, JEPC ने राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव

अधिकतर निजी स्कूल हैं बंद
अधिकतर निजी स्कूल बंद ही रखे गए हैं. अभिभावकों की ओर से शपथ पत्र मिलने के बाद ही बच्चों के लिए निजी स्कूल खोला जाएगा. कुछ मिशनरी स्कूल क्रिसमस को लेकर अपनी-अपनी छुट्टियां भी घोषित कर दी हैं. कुल मिलाकर कहें तो पहले दिन बच्चों की उपस्थिति कम देखी गई.

कोरोना को लेकर किया जागरूक
स्कूल प्रबंधकों ने कहा कि बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं लेकिन समय को लेकर कोई पाबंदी नहीं है. सुबह 9:00 बजे के बाद भी बच्चे किसी भी वक्त स्कूल आ सकते हैं और शिक्षकों से परामर्श ले सकते हैं. सेनेटाइजेशन की व्यवस्था स्कूलों में की गई है. डिस्टेंस मेंटेन करते हुए बच्चों को बैठाया जा रहा है, मास्क अनिवार्य है. किसी भी तरीके का सर्दी, खांसी या बुखार का लक्षण पाए जाने पर बच्चों को वापस घर भेजा जाएगा. सुरक्षात्मक तमाम कदम उठाए जा रहे हैं. बच्चों को शिक्षकों की ओर से कोविड-19 गाइडलाइन के मद्देनजर तमाम जानकारियां भी उपलब्ध कराई जा रही है. कोरोना के संबंध में उन्हें विस्तृत जानकारी दी जा रही है.

रांची: कोरोना संक्रमण के बचाव को लेकर पिछले 9 महीने से तमाम शिक्षण संस्थान बंद है. राज्य के निजी और सरकारी स्कूल भी बंद करा दिए गए थे. लॉकडाउन की वजह से पठन-पाठन पूरी तरह ठप था. लेकिन राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से सोमवार से तमाम निजी और सरकारी स्कूलों के लिए एक निर्देश के तहत 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं. पहले दिन बच्चों की उपस्थिति कम थी. वहीं कई सरकारी स्कूलों में व्यवस्थाएं नदारद दिखी. इस दौरान बच्चों और शिक्षकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा.

देखें पूरी खबर
सरकारी स्कूलों की व्यवस्था की खुली पोलराज्य सरकार ने तमाम स्कूल प्रबंधकों के लिए कोविड-19 गाइडलाइन का ख्याल रखते हुए सोमवार से दसवीं और बारहवीं के बच्चों के लिए स्कूल खोलने का निर्देश तो दे दिया. लेकिन मुकम्मल व्यवस्था अधिकतर सरकारी स्कूलों में नहीं दिखी. हालांकि स्कूल परिसर के अंदर शिक्षकों की ओर से अपने स्तर पर तमाम तरह की व्यवस्थाएं मुकम्मल की गई थी. 6 फीट की दूरी पर बच्चों को डिस्टेंस मेंटेन करते हुए बैठाया जा रहा था. वहीं, स्कूल परिसर के बाहर गंदगी पसरी दिखी. इस मामले को लेकर हमारी टीम ने प्रमुखता से खबर दिखाई. जिसके बाद कई स्कूलों में गंदगी को आननफानन में साफ किया गया.बच्चे लिखित शपथ पत्र लेकर नहीं पहुंचे थे स्कूलसोमवार को बच्चे विद्यालय पहुंचे लेकिन इस दौरान ऐसे कई विद्यार्थियों अभिभावकों से लिखित रूप से शपथ पत्र लेकर नहीं पहुंचे थे. दूर-दराज से आने के कारण यैसे बच्चों के अभिभावकों से संपर्क साधा गया और उनकी अनुमति ली गई और व्हाट्सएप के जरिए उनका शपथ पत्र मंगवाया गया. तब जाकर बच्चों को स्कूल में बैठने की अनुमति दी गई. जिला स्कूल, बाल कृष्णा उच्च विद्यालय, गवर्नमेंट बालिका उच्च विद्यालय के अलावा कई सरकारी स्कूलों के बच्चे पठन-पाठन को लेकर स्कूल पहुंचे. वहीं राजधानी के निजी स्कूलों की बात करें तो डीपीएस रांची, ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल, कैराली स्कूल जैसे स्कूल को खोले गए.

ये भी पढ़े- सरकारी स्कूलों को CBSE की मान्यता दिलाने की तैयारी, JEPC ने राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव

अधिकतर निजी स्कूल हैं बंद
अधिकतर निजी स्कूल बंद ही रखे गए हैं. अभिभावकों की ओर से शपथ पत्र मिलने के बाद ही बच्चों के लिए निजी स्कूल खोला जाएगा. कुछ मिशनरी स्कूल क्रिसमस को लेकर अपनी-अपनी छुट्टियां भी घोषित कर दी हैं. कुल मिलाकर कहें तो पहले दिन बच्चों की उपस्थिति कम देखी गई.

कोरोना को लेकर किया जागरूक
स्कूल प्रबंधकों ने कहा कि बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं लेकिन समय को लेकर कोई पाबंदी नहीं है. सुबह 9:00 बजे के बाद भी बच्चे किसी भी वक्त स्कूल आ सकते हैं और शिक्षकों से परामर्श ले सकते हैं. सेनेटाइजेशन की व्यवस्था स्कूलों में की गई है. डिस्टेंस मेंटेन करते हुए बच्चों को बैठाया जा रहा है, मास्क अनिवार्य है. किसी भी तरीके का सर्दी, खांसी या बुखार का लक्षण पाए जाने पर बच्चों को वापस घर भेजा जाएगा. सुरक्षात्मक तमाम कदम उठाए जा रहे हैं. बच्चों को शिक्षकों की ओर से कोविड-19 गाइडलाइन के मद्देनजर तमाम जानकारियां भी उपलब्ध कराई जा रही है. कोरोना के संबंध में उन्हें विस्तृत जानकारी दी जा रही है.

Last Updated : Dec 21, 2020, 1:15 PM IST
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